करोड़ भारतीयों का दिल भावुक आंखें नम हुई..

शहीद सपूतों को नमन

  • परिजनों के धैर्य, शौर्य, हिम्मत और ज़ज़बे को सैल्यूट..
  • पीएम, रक्षामंत्री, एनएसए ने शहीदों के परिजनों से एक-एक कर मुलाकात कर उन्हें ढांढस बंधाया..

किशन भावनानी

तमिलनाडु के कुन्नूर पहाड़ी इलाके में सीडीएस बिपिन लक्ष्मण सिंह रावत सहित हेलीकॉप्टर में 14 लोग सवार थे जो क्रैश हुआ था। जिसमें सीडीएस सहित 13 सैन्य अधिकारियों की शहादत बुधवार दिनांक 8 दिसंबर 2021 को हुई थी। 

हेलीकॉप्टर क्रैश में सिर्फ ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह बच्चे हैं, जो बुरी तरह झुलसे हैं उन्हें अब एयर एंबुलेंस से बैंगलोर शिफ्ट किया गया है। साथियों बात अगर हम शहीद सपूतों के परिजनों की करें तो उनके धैर्य, शौर्य, हिम्मत, और ज़ज़बे को 135 करोड़ भारतीय नागरिक सेल्यूट कर रहे हैं। 

हम सब ने जब टीवी चैनलों पर लाइव अपडेट देखे कि पालम एयरपोर्ट पर शहीद सैन्य अधिकारियों के शवों को लाया गया तो उनके परिजन भी मौजूद थे और एनएसए, रक्षामंत्री और पीएम एक एक कर पहुंचे तथा शहीदों के परिजनों से एक-एक कर मुलाकात कर उन्हें ढांढस बंधाया और परिजनों की आंखों में आंसू वह रोते देख 135 करोड़ जनसंख्या भावुक हो उठीं, आंखें भर आई। 

साथियों बड़ा ही गमगीन माहौल दिखा जब 13 शहीद सैन्य अधिकारियों के शव देश के सामने हो और 135 करोड़ भारतीयों के प्रतिनिधि उनको श्रद्धांजलि दे रहे हो तो आंखों से आंसू झलक ही पढ़ते हैं। साथियों बात अगर हम दिनांक 9 नवंबर 2021 को केंद्रीय रक्षामंत्री द्वारा इस दुर्घटना की जानकारी संसद में देने की करें तो इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के अनुसार उन्होंने तमिलनाडु में किन्नूर के समीप हुए हेलिकॉप्टर हादसे पर बयान दिया।इस हादसे में प्रमुख रक्षा अध्यक्ष बिपिन रावत, उनकी पत्नी मधुलिका रावत समेत 11 लोगों का निधन हो गया। लोकसभा में हादसे पर बयान देते हुए रक्षामंत्री ने कहा - जनरल रावत, एक कार्यक्रम को संबोधित करने के लिए शेड्यूल्ड विजिट पर थे। रक्षा मंत्री ने कहा कि बुधवार को 12.8 बजे हेलिकॉप्टर से संपर्क टूट गया। उन्होंने कहा कि एयर मार्शल मानवेंद्र सिंह की अध्यक्षता में जांच के आदेश दे दिए हैं। उन्होंने बताया कि ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह फिलहाल लाइफ सपोर्ट पर हैं और उनको बचाने की पूरी कोशिश की जा रही है। 

उन्होंने बताया कि जांच दल कल ही वेलिंगटन पहुंच गया और जांच शुरू कर दी है। उन्होंने कहा कि सीडीएस जनरल बिपिन रावत का अंतिम संस्कार पूरे सैन्य सम्मान के साथ किया जाएगा। अन्य सैन्य कर्मियों का अंतिम संस्कार उचित सैन्य सम्मान के साथ किया जाएगा। इसके साथ ही लोकसभा ने दुर्घटना पर दो मिनट का मौन रखा। लोकसभा में बयान देने के बाद रक्षामंत्री ने राज्यसभा में भी बयान दिया। साथियों बात अगर हम शहीद सपूत सैन्य अधिकारियों के साथ पूरे देश के खड़े होने की करें तो देश ने पालम एयरबेस पर देखा, किस तरह आर्मी, नेवी, एयरफोर्स सहित देश के 135 करोड़ जनता के प्रतिनिधि एयरबेस पर श्रद्धांजलि देने मौजूद थे।

परिवार वालों के ऐसे भावुक समय में पूरा देश उनको ढांढस बंधाते दिखा। जिनके बेटे, पति, पिता ने देश की रक्षा के लिए अपना जीवन समर्पित किया है। साथियों ऐसा ही मंजर 2019 में देखा था जब बलवान घाटी में शहीद हमारे वीर सैनिकों को पीएम द्वारा श्रद्धांजलि सुमन अर्पित की थी। बहुत कठोर भावुक समय होता है जब इस प्रकार की घटनाएं होती है, हमारे देश की रक्षा करने वाले सैनिकों और सैन्य अधिकारियों के साथ है, तब देश की आंखें झलक पड़ती है।

साथियों बात अगर हम शहीद सैन्य अधिकारियों के परिजनों के, ताबूत में रखें पार्थिव देह के समय गमगीन माहौल की करें तो, उस समय माहौल बेहद गमगीन और भावुक था, जो हम सबने लाइव टीवी चैनलों पर देखें सबकी आंखें नम थी। जनरल रावत की बेटियां ताबूत में रखें अपने पिता की पार्थिव देह को एकटक निहारती दिखी तथा शहीद ब्रिगेडियर एल एस लड्डर की बेटी जब पिता के ताबूत के पास पहुंची और झुक कर उनके ताबूत को चूम लिया तब माहौल एकदम गमगीन हो गया, उनकी बेटी अभी 12वीं की छात्रा है। साथियों देश की हर आंख आज नम है।

दुश्मन के लिए काल साबित होने वाले सैन्य अधिकारियों ने जब अपने ही साथियों के ताबूत कंधों पर उठाए तो उनके दिल भी रो पड़े होंगे परंतु यह उनका फ़र्ज़ ही है। यह बात लाइव सारे देश ने नम आंखों से देखी और परिजनों के धैर्य, शौर्य हिम्मत, ज़ज़बे जांबाज़ी को सैल्यूट किया। साथियों बात अगर हम हेलीकॉप्टर एमआई-17 की करें तो जानकारों के अनुसार यह अति सुरक्षित है तथा उसका आयलटैंक को गोली भी भेद नहीं सकती तो आग का गोला कैसे बना? इन सब सवालों का जवाब घटनास्थल से बरामद ब्लैक बॉक्स से मिल सकता है जो घटनास्थल से मिल चुका है। घटना की जांच कमेटी द्वारा शुरुआत की जा चुकी है। ऐसी जानकारी मीडिया द्वारा दी गई है।

अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर उसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि शहीद सपूतों के परिजनों के धैर्य, शौर्य, हिम्मत, ज़ज़बे को सारा देश सैल्यूट करता है तथा 135 करोड़ भारतीयों का दिल भावुक और आंखें नम है। 

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