ओमिक्रान वेरिएंट..
एतिहात बरतना और बूस्टर डोज़ का तात्कालिक संज्ञान लेना ज़रूरी..
ब्रिटेन और अमेरिका में छाए ओमिक्रान वेरिएंट के कहर का तात्कालिक संज्ञान लेकर शासन प्रशासन, नागरिकों की सहभागिता में रणनीतिक रोडमैप बनाना ज़रूरी..
किशन भावनानी
वैश्विक रूप से कोविड-19, डेल्टा, डेल्टा प्लस सहित कुछ कोविड वेरिएंट से हुई भारी तबाही और खासकर भारत में दूसरी लहर से हुई भयंकर त्रासदी, स्वास्थ्य सुविधाओं की चरमराई स्थिति, ऑक्सीजन सहित मेडिकल सुविधाओं की कमी से हुई जनहानि से तात्कालिक सबक लेकर 28 नवंबर 2021 से दक्षिण अफ्रीका से शुरू हुई इस तेजी से बढ़ रही ओमिक्रान वेरिएंट से सुरक्षात्मक उपाय शासन-प्रशासन व नागरिकों की सहभागिता से रणनीति रोडमैप बनाकर निपटने का प्लान तैयार करने का समय आ गया है!!! साथियों हालांकि केंद्र, राज्य और केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा तीव्रता से इस संबंध में कदम उठाए जा रहे हैं। पीएम द्वारा इस संबंध में हाई लेवल मीटिंग की जा चुकी है, बस अब विशेष ज़रूरत जनभागीदारी की है तथा वर्तमान आने वाले चुनावी माहौल को देखते हुए भारत के सबसे बड़े राज्य में होने वाली सभाओं पर, जैसा कि अभी टीवी चैनलों पर दिखाया जा रहा है कि हमारे सम्माननीय नेताओं सहित मंचपर उपस्थित अन्य साथियों और जनता द्वारा उपयुक्त कोविड व्यवहार के नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए दिखाया जा रहा है!!! यह चिंता का विषय है। साथियों बात अगर हम भारतमें ओमिक्रान वेरिएंट के बढ़ने की करें तो टीवी चैनलों और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के अनुसार यह 12 राज्यों से अधिक में फैल चुका है और करीब 119 मरीजों की पहचान की जा चुकी है!!! जिसमें अभी तेज़ी बढ़ने की संभावना जताई जा रही है। सबसे अधिक मरीजों की संख्या महाराष्ट्र से मिली है इसके अतिरिक्त राजस्थान, केरल, गुजरात, यूपी, एपी, तमिलनाडु, बंगाल, चंडीगढ़ सहित अन्य राज्य शामिल हैं। साथियों बात अगर हम ओमिक्रान वेरिएंट पर शोध की करें तो इस संबंध में इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के अनुसार यूनिवर्सिटी ऑफ हांगकांग में कोरोना के नए ओमिकक्रान वायरस पर शोध किया जा रहा है। यूनिवर्सिटी ऑफ हांगकांग की रिसर्च के अनुसार ओमिक्रॉन इंसान के श्वसन तंत्र की क्षमता को डेल्टा वेरिएंट और इसके वास्तिवक एसएआरएस सीओवी-2 रूप से 70 गुना ज्यादा तेजी से संक्रमित कर सकता है। अपनी अधिक संक्रामक क्षमता की वजह से यह वेरिएंट अन्य से अधिक तेजी से ट्रांसमिट हो रहा है। ह्यूमन श्वसनी के जरिए हवा शरीर के निचले हिस्सों में जाती है और फिर यह फेफड़ों तक पहुंचती है। रिसर्च के अनुसार कि कोरोना के वास्तविक रूप की तुलना में ओमिक्रोन संक्रमण फेफड़ोंको कम संक्रमित करता है। जिसकी वजह से ऐसा अनुमान है कि रोग की गंभीरता कम रहेगी।
इस अध्ययन के लिए रेस्पाइरेट्री ट्रैक्ट के ईएक्स-विवो कल्चर्स का इस्तेमाल किया गया था। हांगकांग। दुनिया भर में अपनी मौजूदगी तेजी से दर्ज करा रहा कोविड-19 का नया वेरिएंट ओमिक्रान में अपने पूर्व के सभी वायरसों से 70 गुना अधिक तेजी से संक्रमित करने की क्षमता है। हालांकि, तेजी से संक्रमण का शिकार बनाने वाला यह वायरस कम जानलेवा है। हांगकांग में ओमीक्रोन पर हुए शोध में यह भी पाया गया है कि नया वेरिएंट पूर्व के सभी कोविड वायरस से संक्रमण के मामले में तेज़ है लेकिन जानलेवा कम है। साथियों बात अगर हम डब्ल्यूएचओ की करें तो विश्व स्वास्थ्य संगठन के दक्षिण-पूर्व एशिया के क्षेत्रीय निदेशक ने ओमिक्रोन को लेकर किये जा रहे दावों के बीच सावधान किया है, और कहा है कि हमें ओमिक्रान को हल्का समझकर खारिज़ नहीं करना चाहिए। भले ही ओमिक्रानकम गंभीर बीमारी का कारण बनता है, मामलों की संख्या एक बार फिर स्वास्थ्य प्रणालियों को प्रभावित कर सकती है। उन्होंने आगे कहा कि वर्तमान सीमित साक्ष्य के आधार पर, ओमिक्रान किसी अन्य पिछले संस्करण के साथ नहीं देखी गई सबसे तेज़ दर से फैल रहा प्रतीत होता है। दक्षिण अफ्रीका के उभरते हुए आंकड़े बताते हैं कि ओमिक्रान के साथ पुन: संक्रमण का खतरा बढ़ गया है। उन्होंने आगे कहा कि हालांकि ठोस निष्कर्ष निकालने के लिए अधिक डेटा की आवश्यकता है।
ओमिक्रान से जुड़ी नैदानिक गंभीरता पर अभी भी सीमित डेटा है। आने वाले हफ्तों में ओमिक्रान से जुड़े मामले की गंभीरता के बारे में अधिक जानकारी की उम्मीद है। ज्ञात हो कि भारत में कोरोना महामारी बहुत हद तक नियंत्रण में आने लगी है, मगर रोज मिलते और तेज़ी से बढ़ते ओमिक्रान के केसेस को देखते हुए भारत के स्वास्थ्य मंत्रालय ने ओमिक्रान को लेकर पूरी सावधानी बरत रखी है। हालांकि बहुत सी स्वास्थ्य एजेंसियों ने ओमिक्रान वेरिएंट को कम घातक बताया है, मगर इसके संक्रमण की दर को बहुत तेज़ बताया है। बता दें कि भारत में अभी तक 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चो का वैक्सीनेशन अभी तक शुरू नहीं हो पाया है। इसलिए खतरे की घण्टी इस आयु वर्ग पर बहुत ज्यादा है। साथियों बात अगर हम स्वास्थ्य मंत्रालय की साप्ताहिक प्रेस कॉन्फ्रेंस की करें तो उसमें नीति आयोग के सदस्य ने भी कहा, कि ब्रिटेन में तेजी से मामले बढ़े हैं। वहां कुल 80-90 हजार मामले आ रहे हैं और यदि ब्रिटेन की आबादी को भारत की आबादी के नज़रिये से देखें, तो यह रोजाना 14-15 लाख नए संक्रमणों के बराबर जैसी स्थिति है। गौरतलब है कि भारत में दूसरी लहर में रोजाना चार लाख मामले आ रहे थे। इसी प्रकार फ्रांस में 80 फीसदी लोगों को टीके लग चुके हैं, लेकिन वहां मामले तेजी से बढ़ रहे हैं।
भारतीय आबादी के अनुपात में देखें तो वहां रोजाना 13 लाख के बराबर मामले आ रहे हैं!!! साथियों बात अगर हम आज दिनांक 18 दिसंबर 2021 को वैश्विक स्थिति की करें तो कुल 92 देशों में यह फैल चुकी हैं।ब्रिटेन अमेरिका में इसकी स्थिति काफी भयावह है!!! ब्रिटेन की स्थिति बेहद भयावह हैं, इसी प्रकार नॉर्वे में तेजी से मामले बढ़े हैं तथा नए संक्रमण में 18 फीसदी संक्रमण ओमिक्रॉन के पाए गए हैं।
यूरोप में जिस प्रकार से संक्रमण बढ़ रहा है, वह महामारी के नए चरण की ओर संकेत कर रहा है। हालांकि अभी तक संक्रमण हल्के मिलने की सूचना है जिससे स्वास्थ्य तंत्र के समक्ष संकट पैदा नहीं हुआ है लेकिन फिर भी यह स्थिति चिंताजनक है। बता दें कि ब्रिटेन में लगातार तीसरे दिन कोरोना ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। ब्रिटिश सरकार केमुताबिक शुक्रवार को 93,045 नए मामले सामने आए हैं, वहीं एक दिन में मरने वालों की संख्या 111 पहुंच गई। एक दिन पहले ब्रिटेन में 88 हजार मामले आए थे।ऐसी जानकारी टीवी चैनलों, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर दी गई है। अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर उसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि ओमिक्रान वेरिएंट पर एतिहात बरतना और बूस्टर डोज़ का संज्ञान लेना ज़रूरी है तथा ब्रिटेन और अमेरिका में ओमिक्रान वेरिएंट के कहर को तात्कालिक संज्ञान लेकर शासन-प्रशासन, नागरिकों की सहभागिता से रणनीतिक रोडमैप बनाना ज़रूरी है।
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