प्रियंका गांधी के आने से बदल रहा हैं उत्तर प्रदेश : ठा संजीव कुमार सिंह
संजय गोस्वामी
यूपी। राष्ट्रीय नेता, इंडियन नेशनल कांग्रेस एआईसीसी पर्यवेक्षक प्रभारी, बिहार झारखंड उत्तर प्रदेश एवं उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी, एडवोकेट सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया, सदस्य इंटरनेशनल काउंसिल ऑफ ज्यूरिस्ट्स सचिव, कांग्रेस किसान एवं औद्योगिक प्रकोष्ठ, कानूनी सलाहकार सदस्य, चुनाव प्रचार समिति बिहार झारखंड उत्तर प्रदेश पश्चिम बंगाल और आसाम एवं लोकसभा चुनाव 2024 में प्रधानमंत्री पद के दावेदार ठाकुर संजीव कुमार सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश बदल रहा हैं। बनारस में कल हुई प्रियंका गांधी जी की रैली का जो सबसे बड़ा इम्पैक्ट दिखा वो पता नहीं आपने महसूस किया या नहीं। रैली के एक दिन पहले यूपी पुलिस लखीमपुर में किसानों को रौंद कर मार डालने वाले उस मंत्रीपुत्र को अरेस्ट करने को मजबूर हो गई जिसे पूरी सरकार और सत्ताधारी पार्टी बचाने में लगी है। उधर, रैली खत्म होते होते गोरखपुर में पीट पीटकर मार डाले गये मनीष गुप्ता के छह हत्यारे पुलिस वालों में से दो गिरफ्तार कर लिये गये। जिन्हें अब भी कांग्रेस या प्रियंका गांधी जी की ताकत व लोकप्रियता पर जरा सा भी असमंजस हो उन्हें पलट कर पीछे भी देख लेना चाहिए कि कैसे सोनभद्र के उंभा गांव में आदिवासियों के सामूहिक नरसंहार के बाद, हाथरस व उन्नाव में पीड़िताओं के प्रति अन्याय, जुल्म ज्यादती की पराकाष्ठा पार कर सरकार जब आरोपियों के साथ खड़ी थी और उन्हें निर्दोष बताते हुए बचाने के सारे जतन कर रही थी तब प्रियंका गांधी जी और कांग्रेस पार्टी द्वारा पीड़ित परिवारों के पक्ष में मजबूती से खड़े होने पर सरकार को पीछे हटना पड़ा और सारे आरोपी जेल गये। ये है कांग्रेस की, प्रियंका गांधी जी की ताकत। बनारस में प्रियंका जी की किसान न्याय रैली को जिस-जिस देखी, उनसे मुझे यह फीडबैक मिल रहा है कि पूर्वांचल की हवा बदल रही है। मुझे 1989 के बाद कांग्रेस की ऐसी कोई रैली याद नही है कि जिसमें इतने शार्ट नोटिस पर 1 लाख से ज्यादा लोग आए हो और कार्यकर्त्ताओं में इतना जोश औऱ उत्साह हो। जब सर पर चंदन का लेप लगाएं माता रानी की स्तुति करती हुई प्रियंका जी जब जय माता दी के नारे के साथ अपनी स्पीच शुरू करती है। तो मुझे वो कुछ कुछ इंदिरा गाँधी जी की शैली की याद दिलाती है। पिछले 1 महीने में प्रियंका जी ने जो जबरदस्त एक्टिविज्म दिखाया है। उससे कई राजनीतिक पंडितों की नीदं उड़ गई है। आज कुछ दावे से नही कह सकता है। लेकिन यूपी में कॉंग्रेस के लिए बहुत कुछ बदल रहा है। बहुत से लोग सोचते है कि यूपी में कांग्रेस अगर अच्छा करेगी तो वो सपा को नुकसान पहुँचाएगी लेकिन यह बिल्कुल गलत विश्लेषण है। एक समय यूपी में कांग्रेस ठाकुर, ब्राह्मण ,दलित और अल्पसंख्यक वर्ग की पसंदीदा पार्टी रही है। 80 फीसदी ब्राह्मण समाज आज बीजेपी को वोट देता है। गेर जाटव दलित का 90 फीसदी बीजेपी, बसपा और दूसरी छोटी पार्टियों में विभाजित है। सपा को दलित बहुत कम संख्या में वोट देता है। अल्पसंख्यक हमेशा उसको वोट देगा जो बीजेपी को हराते हुए दिखेगा। इसलिए यह सपा को नुकसान पहुँचने की थ्योरि बकवास है। अगर प्रियंका जी की सक्रियता से कांग्रेस का पुराना वोट बैंक उसकी तरफ लौटेगा तो वो केवल बीजेपी का ही नुकसान करेगा। जो इनपुटस मिल रहे है, उसके आधार पर कह सकता हूँ कि अगर प्रियंका जी ने इसी तरह मिशन यूपी पर काम करना जारी रखा तो कांग्रेस 16-17 फीसदी वोट लेकर यूपी में तीसरी पार्टी बन जाएगी और यह 1989 के बाद यूपी विधानसभा चुनाव की सबसे बड़ी घटना होगी। आज के हिसाब से 2022 का चुनाव सपा और कांग्रेस को अलग - अलग ही लड़ना चाहिए। यह एक अच्छी रणनीति होगी, सपा कॉग्रेस और रालोद चुनाव के बाद साथ मे सरकार बना सकते है। अगर वो सियासी बिसात पर अपने मोहरे सही समय पर चले फिलहाल बनारस में प्रियंका जी की झाँकी है 2022 की चुनाव की असली पिक्चर बाकी हैं।
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