महापुरुषों के जीवन को आत्मसात की जरूरत -बाबू सिंह कुशवाहा

लेखराम मौर्य

लखनऊ. महात्मा फुले फाउंडेशन एवं उत्तर प्रदेश अखिल भारतीय कुशवाहा महासभा के तत्वधान में पूर्व सांसद व लेखक स्वर्गीय रामनरेश कुशवाहा की पुण्यतिथि बृहस्पतिवार को शहीद स्मारक के सामने गांधी प्रेक्षागृह में जन अधिकार पार्टी लखनऊ के जिला अध्यक्ष पंकज मौर्य की अध्यक्षता में मनाई गई. पुण्यतिथि पर मुख्य  अतिथि पूर्व मंत्री व जन अधिकार पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बाबू सिंह कुशवाहा वरिष्ठ अतिथि उत्तर प्रदेश कुशवाहा महासभा के प्रदेश अध्यक्ष सुनील कुशवाहा उपस्थित थे.


पूर्व मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा ने उनके चित्र पर पुष्पांजलि करते हुए कहा कि लोकसभा सदस्य रामनरेश कुशवाहा जैसे महापुरुषों के संघर्षों से सीख लेने की जरूरत है उन्होंने कहा कि पूर्व लोकसभा सदस्य बाबूजी स्वतंत्र संग्राम सेनानी व लोकतंत्र के रक्षक व लोक दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे है. उन्होंने पूर्वजों के पद चिन्हों पर चलने की शपथ लेते हुए 1975 में कांग्रेस का काला कानून लागू जिसमे वह 22 महीने जेल में बिताये और 1977 में जनता का गठन हुआ जिसमें वह सलेमपुर से लोकसभा का चुनाव जीते जो अब तक का रिकॉर्ड है. 


वे 1982 में राज्यसभा सदस्य निर्वाचित होकर चौधरी चरण सिंह के मृत्यु के बाद लोक दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए गए. उन्होंने आरक्षण विरोधियों के खिलाफ भंडाफोड़ यात्रा शुरू की थी जिसके बाद उन्हें लोकतंत्र रक्षक सेनानी का दर्जा दिया गया.

इस अवसर पर ज्ञान प्रकाश मौर्य, राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष पहलाद मौर्य,  लखनऊ के जिला अध्यक्ष पंकज कुमार मौर्य, आनंद मौर्य, ओमप्रकाश कुशवाहा, सत्येंद्र मौर्य, केतन मौर्य, मनीष, मूलचंद मौर्य, मुलायम सिंह कुशवाहा, शिवमूर्ति मौर्य, पंकज मौर्या, प्रदीप मौर्य, धर्मेंद्र मौर्य, मनीष मौर्य, राहुल मौर्य, प्रमोद कुमार  कुशवाहा के अलावा बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे.

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