पत्र पत्रिकाएं समाज में जागृति लाने का अपना धर्म बखूबी निभाती रही


सुजाता मौर्या 

अयोध्या। वर्तमान सोशल मीडिया व इलेक्ट्रानिक चैनलों के दौर में भी पत्रिकाएं अपना गंभीर दायित्व आज भी निर्वहन कर रहीं हैं, पत्र पत्रिकाएं समाज में जागृति लाने का अपना धर्म बखूबी निभाती रही है। उक्त उद्गार आज यहां डॉक्टर राम मनोहर लोहिया अवध विश्व विद्यालय फैजाबाद अयोध्या के प्रांगण में हिंदी प्रचार प्रसार सेवा संस्थान द्वारा प्रकाशित लोकप्रिय पत्रिका "साहित्य सम्राट" के 25 वें अंक के लोकार्पण  अवसर पर व्यक्त करते हुए कुलपति आचार्य रवि शंकर सिंह ने कहा की हिंदी के समग्र विकास में यह पत्रिका मील का पत्थर साबित हो रही है। 

आजादी के इतने वर्षों के बाद भी मातृभाषा हिंदी जो अपने विशिष्टता के बल पर आज विश्व में दूसरे नंबर की सबसे अधिक बोली व समझी जाने वाली भाषा के रूप में विख्यात होने के बावजूद विडंबना है कि भारत की राष्ट्रभाषा नहीं बन सकी है, जबकि देश की संस्कृति और सभ्यता की सबल संरक्षक हिंदी भाषा ही है।

पत्रिका के लोकार्पण अवसर पर समस्त साहित्य प्रेमियों का आभार प्रकट करते हुए संस्थान के राष्ट्रीय महामंत्री डॉo सम्राट अशोक मौर्य ने कहा कि आजादी के बाद संविधान में व्यवस्था थी की हिंदी आगामी 15 वर्षों में देश की कार्यालयी भाषा के रूप में परिवर्तित होकर धीरे-धीरे जन भाषा का रूप धारण कर इन 15 वर्षों में देश की राष्ट्रभाषा बन जाएगी, लेकिन हुआ इसके ठीक विपरीत, आज हिंदी अपने ही देश में पराई बनी हुई है जिसके साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है।

सरकार की को शीघ्र ही इसे देश की राष्ट्रभाषा घोषित करना होगा। तभी देश का वास्तविक विकास होगा, और हमारी संस्कृति और सभ्यता सुरक्षित रहेगी। उक्त अवसर पर संस्थान के संरक्षक मंडल सदस्य अनिरुद्ध प्रसाद शुक्ल प्रदेश महामंत्री डॉo उपेंद्र मणि त्रिपाठी, महिला संगठन की प्रदेश महामंत्री भारती सिंह भी उपस्थित रहीं।

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