हत्यारोपी पुलिसकर्मियों ने जेल की पहली रात करवटें बदलकर बिताई

मामला मनीष हत्याकांड का 

संजय सिंह

गोरखपुर। पूर्व इंसपेक्टर जे एन सिंह ने कभी सोचा भी नही होगा कि ऐसे दिन भी आएंगे। जेल की पहली रात इंस्पेक्टर जेनए सिंह और दरोगा अक्षय मिश्र ने करवटें बदलकर बिताई। आधी रात बाद दोनों जेल में दाखिल हुए थे, लिहाजा उन्हें खाना नहीं मिल पाया। 

नेहरू बैरक में जहां ज्यादातर राजनीतिक बंदी रखे जाते रहे हैं, सुरक्षा के लिहाज से इन्हें भी वहीं रखा गया। पूरे बैरक में सिर्फ यही दो बंदी हैं। इन्हें दिक्कत न हो इसलिए जेल प्रशासन ने दो आदर्श बंदियों को भी उनके साथ रखा है। सुबह उठते ही इंस्पेक्टर ने अपने बैरक को खुद झाड़ू लगाकर साफ किया। दोनों अपने साथ कुछ नहीं ले गए थे। लिहाजा उन्हें जेल की तरफ से दांतून और मंजन दिया गया।

रविवार की देर रात जिला जेल में इंस्पेक्टर जेएन सिंह और अक्षय मिश्रा के दाखिल होते ही जेल प्रशासन ने डॉक्टर की टीम बुलाकर पहले उनका स्वास्थ्य प्रशिक्षण कराया। कोविड जांच कराकर मेडिकल प्रोफार्मा तैयार कराने के बाद मुख्य जेल से कुछ दूरी पर मौजूद नेहरू बैरक में उन्हें भेजा गया। हालांकि आधी रात बीत जाने के कारण दोनों ही बैरक में जागते नजर आए। सुबह उठते ही जेएन सिंह ने बैरक में झाड़ू लगाया। जेलर ने दैनिक उपयोग की वस्तुओं दांतून-मंजन आदि की व्यवस्था भी कराई। सुबह दोनों ने चाय के साथ बंद और चना का नास्ता लिया। दिन में करीब 11 बजे खाने में दाल-चावल और रोटी-सब्जी दी गई।

इंस्पेक्टर व दरोगा को देखने के लिए परेशान रहे बंदी

इंस्पेक्टर जेएन सिंह और दरोगा अक्षय मिश्रा के जेल में दाखिल होने की खबर सुबह जेल में जैसे ही बंदियों की बीच पहुंची तो काफी संख्या में बंदी दोनों को देखने के लिए परेशान रहे। खास तौर पर वह बंदी जो हाल के कुछ महीने में रामगढ़ताल थाने से जेल भेज गए थे। इंस्पेक्टर जेएन सिंह ने काफी संख्या में मनबढ़ों और बदमाशों को जेल भिजवाया था। जिनमे मुख्य रूप से राधे यादव, प्रिंस पांडेय, आत्म सहानी सहित दर्जनों अपराधी शामिल हैं। 

जेल प्रशासन ने किया है सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम

नेहरू बैरक मुख्य बैरक से करीब 300 मीटर की दूरी पर है। जेल के अन्य बंदी वहां तक आसानी से नहीं पहुंच सकते हैं। इंस्पेक्टर और दरोगा की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए जेल प्रशासन ने उन्हें इसी बैरक में रखा गया है। सुरक्षा को देखते हुए जेल प्रशासन ने दो राइटर बैजनाथ मौर्या और मनोज की ड्यूटी निगरानी के लिए नेहरू बैरक में रखा है। नेहरू बैरक में पहले के समय मे मनबढ़ क़िस्म के बंदी रहते थे लेक़िन कुछ समय से प्रशासन से जुड़े बंदियों को रखा जाता हैं जिनमे मुख्य रूप से अमरमणि त्रिपाठी, डॉ. कफील खान, राजीव मिश्रा समेत कई लोग नेहरू बैरक में रह चुके हैं।

वीडियो कांफ्रेंसिंग से होगी दोनों की पेशी

जेएन सिंह और अक्षय मिश्रा की सुरक्षा देखते हुए उन्हें रविवार की देर रात स्पेशल कोर्ट में पेश कर जेल भिजवाया गया था। पुलिस अधिकारी किसी भी हाल में कचहरी खुलने पर उनकी पेशी के पक्ष में नहीं थे। आगे भी उन्हें पेशी के लिए कोर्ट में नहीं ले जाया जाएगा। दोनों की पेशी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जेल से ही कराई जाएगी।

बंदी ने जेएन सिंह से पूछा और दरोगा जी... 

जेल में मज़ा आ रहा?

नेहरू बैरक के बगल से गुजरते हुए एक बंदी आत्म साहनी ने दूर से जेएन सिंह को देखते ही तेज आवाज में बोल पड़ा और दरोगा जी जेल में मज़ा आ रहा है। आत्म साहनी को जेएन सिंह ने ही जेल भेजा था। इसलिए जेएन सिंह को अपने बीच देखते ही वह बोल पड़ा। हालांकि जेएन सिंह ने उस पर किसी तरह की प्रतिक्रिया नहीं दी।

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