समाज को किंग मेकर बनाने वाली राजनीतिक पार्टी को 2022 में किया जाएगा समर्थन?
समाजवादी पार्टी में कुशवाहा समाज को नहीं मिल रहा अधिकार और सम्मान..?
सुजाता
लखनऊ. कुशवाहा मौर्य शाक्य सैनी समाज के कई बड़े नेता भाजपा एवं कांग्रेश तथा बसपा छोड़कर बड़ी तेजी से समाजवादी पार्टी मे ज्वाइन हो रहे हैं परंतु समाज के 14 पर्सेंट लोगों की समझ में कब आएगा यह तो वही जाने परंतु समाज के नेता फिर समाज को अपनी सत्ता की कुर्सी हथियाने के लिए समाज को गिरवी रखने जा रहे हैं जो बड़ी तेजी से ऐसी पार्टी में भाग रहे हैं जहां समाज के नेताओं को सम्मान तक नहीं मिलाता है. जिसका जीता जागता उदाहरण समाजवादी विचारक बाबू पारसनाथ मौर्य स्वतंत्रता संग्राम सेनानी एवं एमएल सी के बेटे कुंवर प्रमोद चंद्र मौर्य को आज तक महत्वपूर्ण पद पर नहीं बिठाया गया वही हाल बाबू नरेश कुशवाहा स्वतंत्रता संग्राम सेनानी एवं पूर्व सांसद के बेटे सुनील कुशवाहा के साथ हुआ.
समाजवादी पार्टी ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी मे एक एवं प्रदेश कार्यकारिणी मे चार तथा उत्तर प्रदेश की प्रकोष्ठ में एक पद पर समाज के लोगों को नियुक्त कर के..!
14 पर्सेंट वोट पर डालना चाहते हैं डाका..?
यह तो दिन अच्छे थे जो हरि केवल कुशवाहा जो 5 बार के एमपी एवं दो बार के विधायक के बेटे रविन्द्र कुशवाहा ने सपा छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया तो अपने पिता की विरासत बचा ली और दूसरी बार भी संसद बन गए.
समाजवादी पार्टी के दो बार के इटावा के संसद एवं एक बार के विधायक रघुराज सिंह शाक्य को समाजवादी पार्टी अपना सम्मान बचाने के लिए छोड़नी पड़ी और शिवपाल यादव के साथ जाकर अपना सम्मान बचाना पड़ा वही डॉ रामाश्रय सिंह कुशवाहा समाजवादी पार्टी में राष्ट्रीय महासचिव एवं एवं मंत्री, आईएएस तपेंद्र पसाद को राष्ट्रीय सचिव एवं मंत्री, सैनी को राष्ट्रीय सचिव एवं एमएलसी तथा मंत्री बनाया परंतु उन्हें भी समाजवादी पार्टी में सम्मान जब नहीं मिला तो वह भी किनारे हो गए और समाजवादी पार्टी को टाटा बाय बाय कर कुछ नहीं कर लिया है कुछ करने वाले हैं.
समाजवादी पार्टी राज्यसभा एवं विधान परिषद एवं सांसद एवं विधायक का टिकट जीतने वाली नहीं हारने वाली सीट पर देती है..!
समाजवादी पार्टी ने कुंवर प्रमोद कुमार मोदी पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष प्रतापगढ़ एवं जगदीश कुशवाहा पूर्व सांसद के बेटे राजेश कुशवाहा गाजीपुर को नई प्रदेश कमेटी में प्रदेश सचिव के पद पर रखा गया है कार्यकारिणी सदस्य के रूप में श्याम लाल सैनी जनपद शामली एवं जवाहरलाल महोदया मिर्जापुर को कार्यकारिणी में सदस्य के पद पर रखा गया है वही लीलावती कुशवाहा को महिला सभा का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है साथ ही अखिलेश टीम के पूर्व विधायक अविनाश कुशवाहा को राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य नामित किया गया है.
यहाँ सबसे ज्यादा मजेदार बात यह है समाजवादी पार्टी समाज का 14 पर्सेंट वोट पाकर उत्तर प्रदेश में सरकार बनाना चाहती हैं परंतु राष्ट्रीय कार्यकारिणी एवं प्रदेश कार्यकारिणी में ना तो सम्मानजनक पद देना चाहती हैं और ना ही राज्यसभा एवं विधान परिषद तथा लोकसभा व विधानसभा की टिकट देकर चुनाव बनाना चाहती हैं और सरकार बनने पर मंत्रिमंडल में महत्वपूर्ण पद पर ना तो बिठाती है और ना देखना पसंद करती हैं.
मामला तब लीलावती कुशवाहा पूर्व एमएलसी एवं पूर्व मंत्री डॉ आर एस कुशवाहा एमएलसी एवं पूर्व मंत्री एवं मुन्ना लाल मौर्या पूर्व मंत्री की पत्नी उषा मोरिया तक को पार्टी में स्थान तक नहीं दिया और समाज के नेता हैं केशव प्रसाद मौर्या जो महान दल लेकर समाजवादी पार्टी में शामिल हुए हैं और समाजवादी पार्टी की सरकार बनाने के लिए इतने ऊत वाले हैं.
एक आयोजन में मंच के आगे कुर्सी पर बैठने के लिए समाजवादी पार्टी के नेता ने उन्हें बेज्जत भी कर चुका है क्या यह है समाजवादी पार्टी की व्यवस्था जिसको लेकर कुशवाहा मौया शाक्य सैनी समाज का 14 परसेंट वोट को लेकर समाजवादी पार्टी के मुखिया सरकार बनाना चाहते हैं परंतु समाज भी अब मंथन कर रहा है वैसे 14 पर्सेंट वोट के लिए सपा भाजपा बसपा कांग्रेश गंभीरता से वोट पाने के लिए समाज के बड़े नेताओं को पार्टी में शामिल करने की होड़ लगी है.
अब देखना यह है कि कुशवाहा मौर्य शाक्य सैनी समाज किस तरीके से अपना सम्मान बचा पाता है क्योंकि समाज के प्रबुद्ध वर्ग के लोग राजनीतिक गलियारों में चक्कर लगा रहे हैं सपा के शासन में अखिलेश यादव सपा प्रमुख टीम के कुंवर कमल सिंह मौर्य को टिकट देकर बांदा से चुनाव सपा ने लड़ाया परंतु जब कमल सिंह चुनाव प्रचार को चरम सीमा पर ले जाकर खड़ा किया तो उनका टिकट काटकर पार्टी से निकाल दिया यह है समाजवादी पार्टी की व्यवस्था और समाजवादी पार्टी के मठाधीश नेताओं की मनमानी?
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