16 मंत्रालयों को जोड़ने वाला एक डिजिटल प्लेटफॉर्म
अंतर मंत्रालयी, अंतर विभागीय कनेक्टिविटी से विभागीय दायरों को तोड़कर क्रियान्वयन से आत्मनिर्भर भारत में मदद मिलेगी
कनेक्टिविटी समस्याओं के विभागीय दायरों को तोड़कर क्रियान्वयन में लॉजिस्टिक लागत को कम करने में मदद मिलेगी
एड किशन भावनानी
भारत में पिछले कुछ वर्षों से हम देख रहे हैं कि अनेक क्षेत्रों में नई नई प्रौद्योगिकी के उपयोग और सहायता से नए नए राष्ट्रीय इन्फ्रास्ट्रक्चर लगाए जा रहे हैं और जो लगे हुए हैं उनमें विस्तार किया जा रहा है ताकि विकास की गति को तीव्र किया जा सके। ऐसे क्षेत्रों को प्राथमिकता दी जा रही है जिसमें वैश्विक आयातपर हमारी निर्भरता अधिक है उनमें एक रणनीतिक रोडमैप के तहत प्रौद्योगिकी संसाधनों से कनेक्ट कर कार्यों में तात्कालिक तीव्रता लानेका प्रयास किया जा रहा है ताकि लागत में कमी, क्वालिटी में सुधार और हमारी आयात निर्भरता कम हो और देशी प्रोडक्ट को वैश्विक मंच पर अहम स्थान मिल सके और लोकल फॉर वोकल के मंत्र को आगे बढ़ाते हुए भारत के कारोबारी, कृषक, उद्यमी सभी, दुनिया की कंपनीयों को टक्कर दे सके। जब इस स्तर पर काम होगा तो काम बढ़ेगा रोज़गार के अवसर बढ़ेंगे और देश में और भी कई इकोनॉमिक् झोन खुलेंगे और भारत 5 ट्रिलियन डॉलरसे अधिक की अर्थव्यवस्था के सपनों को पूर्ण करने में साकार होगा!!!
साथियों यह सभ और कुछ नहीं यह सभ रणनीतिक रोडमैप, प्लान, व्यवस्थाएं, मास्टर प्लान और अर्थव्यवस्था को गति देने का बस,, एक ही!!! एक ही!!! मकसद है और वह है, हमारा भारत आत्मनिर्भर भारत बने, हमारे टारगेटेड विज़न की डेडलाइन के पहले बने, अब तो दिनांक 21 अक्टूबर 2021 को आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान को मंजूरी दी है, जिसमें मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए इसकी शुरुआत, कार्यान्वयन, निगरानी और समर्थन तंत्र के लिए संस्थागत ढांचा स्थापित करना शामिल है। यह मास्टर प्लान देश के चहुमुखी विकास का रोडमैप तैयार करेगा जिससे हर सेक्टर में विकास कार्यों को बल मिलेगा। इस मास्टर प्लान प्रोजेक्ट पर भारत सरकार 100 लाख करोड़ रुपये खर्च करेगी।
साथियों बात अगर हम पीएम गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान की करें तो सबसे पहले माननीय पीएम ने 15 अगस्त को 75 वें स्वतंत्रता दिवस अमृत महोत्सव के अवसर पर इसका ऐलान किया था। उसके बाद 13 अक्टूबर 2021 को इस प्लान को की शुरुआत की थी। साथियों बात अगर हम इस मास्टर प्लान के क्रियान्वयन, कार्य योजना, लाभ, विकास की करें तो 21 अक्टूबर 2021 की पीआईबी विज्ञप्ति के अनुसार, पीएम गति शक्ति एनएमपी का उद्देश्य मल्टी मॉडल कनेक्टिविटी और लास्ट माइल कनेक्टिविटी कीसमस्याओं को हल करने के लिए विभागीय दायरों को तोड़ना और परियोजनाओं की अधिक समग्र और एकीकृत योजना बनाकर उसे क्रियान्वित करना है। इससे लॉजिस्टिक लागत को कम करने में मदद मिलेगी। इससे उपभोक्ताओं किसानों, युवाओं के साथ-साथ व्यवसायों में लगे लोगों को अधिक आर्थिक लाभ होगा। इसके अलावा, नेटवर्कों के समग्र एकीकरण में शामिल जटिलताओं को देखते हुए, किसी भी क्षेत्र के समग्र विकास के लिए कार्यों के दोहराव से बचने के लिए योजना की प्रभावोत्पादकता बढ़ाने के साथ-साथ सूक्ष्म योजना विवरण के माध्यम से लॉजिस्टिक लागत को कम करने हेतू आवश्यक दक्षताओं को प्रदान करने के लिए तकनीकी सहायता इकाई (टीएसयू) को मंजूरी दी गई है।
टीएसयू के ढांचे को भी मंजूरी मिल गई है। टीएसयू में विमानन, समुद्री, सार्वजनिक परिवहन, रेल, सड़क एवं राजमार्ग,बंदरगाह आदि जैसे विभिन्न अवसंरचना क्षेत्रों के प्रक्षेत्र विशेषज्ञ होंगे और शहरी एवं परिवहन योजना संरचनाएं (सड़क, पुल और भवन), बिजली, पाइपलाइन, जीआईएस, आईसीटी, वित्त/बाजार पीपीपी, लॉजिस्टिक, डेटा विश्लेषण आदि विषयों के विशेषज्ञ (एसएमई) होंगे। आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान को मंजूरी दी है, जिसमें मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए इसकी शुरुआत,कार्यान्वयन, निगरानी और समर्थन तंत्र के लिए संस्थागत ढांचा स्थापित करना शामिल है। ईजीओएस की अध्यक्षता कैबिनेट सचिव करेंगे और इसमें सदस्य के रूप में 18 मंत्रालयों के सचिव और सदस्य संयोजक के रूप में लॉजिस्टिक विभाग के प्रमुख शामिल होंगे।
ईजीओएस लॉजिस्टिक क्षमता को सुनिश्चित करने के लिए पीएम गतिशक्ति एनएमपी केकार्यान्वयन की समीक्षा और निगरानी करेगी। इसे एनएमपी में किसी भी अनुवर्ती संशोधन के लिए रूपरेखा और मानदंड निर्धारित करने का अधिकार है। ईजीओएस विभिन्न गतिविधियों को एक ही समय पर संचालित करने के लिए प्रक्रिया और अंतिम रूपरेखा भी निर्धारित करेगा औरयह सुनिश्चित करेगा कि अवसंरचना विकास की विभिन्न पहल इस संयुक्त एकीकृत डिजिटल प्लेटफॉर्म का हिस्सा बनें। ईजीओएस विभिन्न मंत्रालयों जैसे इस्पात, कोयला, उर्वरक, आदि की आवश्यकता पर थोक माल के कुशलतापूर्वक परिवहन की मांग को पूरा करने के लिए आवश्यक कार्यों को भी देखेगा। साथियों बात अगर हम 13 अक्टूबर 2021 की करें तो, पीएम ने मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी के लिए पीएम गति शक्ति-राष्ट्रीय मास्टर प्लान का शुभारंभ करते हुए कहा थाकि आत्मनिर्भर भारत के संकल्प के साथ आज अगले 25 वर्षों के लिए भारत की नींव रखी जा रही है।
शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान का यह कार्यक्रम भारत के आत्मविश्वास को बढ़ावा देगा और देश को आत्मनिर्भर बनाएगा। अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर उसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि पीएम गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान अंतर मंत्रालय, अंतर विभागीय कनेक्टिविटी से विभागीय दायरों को तोड़कर क्रियान्वयन में काफी मदद मिलेगी जो कि 16 मंत्रालयों को जोड़ने वाला एक डिजिटल प्लेटफॉर्म है। कनेक्टिविटी समस्याओं के विभागीय दायरों को तोड़कर क्रियान्वयन में लॉजिस्टिक लागत को कम करने में भी काफी मदद मिलेगी।
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