यूपी में बुखार का कहर
फिरोजाबाद में 94 की मौत, अलीगढ़ के भी हालत चिंताजनक -ठा संजीव कुमार सिंह
यम यल वर्मा
फिरोजाबाद। राष्ट्रीय नेता, इंडियन नेशनल कांग्रेस एआईसीसी पर्यवेक्षक प्रभारी उत्तर प्रदेश व एडवोकेट सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया, सदस्य इंटरनेशनल काउंसिल ऑफ ज्यूरिस्ट्स सचिव, कांग्रेस किसान एवं औद्योगिक प्रकोष्ठ, कानूनी सलाहकार सदस्य एवं चुनाव प्रचार समिति उत्तर प्रदेश और लोकसभा चुनाव 2024 में प्रधानमंत्री पद के दावेदार ठाकुर संजीव कुमार सिंह का कहा हैं कि यूपी में इलाज़ के अभाव में मासूम बच्चे तड़प - तड़प कर मर रहें हैं। यूपी में बुखार का कहर, फिरोजाबाद में 94 की मौत,अलीगढ़ के भी हालत चिंताजनक है। लेकिन सीएम योगी जी के पास जनता के स्वास्थ्य को लेकर न कोई नीति है और न ही कोई तैयारी हैं।
उत्तर प्रदेश के कई जिलों में वायरल फीवर का कहर जारी हैं, सिर्फ फिरोजाबाद में अब तक 94 की मौत हो चुकी है, तो वहीं अलीगढ़ में अब इस बीमारी ने पांव फैलाना शुरू कर दिया है। कई जिलों में इसका असर देखा जा रहा है। फिरोजाबाद में डेंगू और वायरल फीवर से बच्चों की मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। मंगलवार को भी यह क्रम जारी रहा। मंगलवार को छह बच्चों समेत सात लोगों की मौत हो गई। इससे मरने वालों की संख्या 94 पहुंच गई है। बच्चों की मौत से परिवारीजनों में कोहराम मच गया हैं। वह शव घर लेकर पहुंच रहें है। बालकों की मौत से समूचे क्षेत्र में दहशत का माहौल पैदा हो गया। अस्पतालों में बुखार के मरीजों की लंबी कतारें लग देखी जा रही है,ओपीडी में मरीजों का आंकड़ा देख स्वास्थ्य विभाग के हाथ पांव फूलने लगे है।
फिरोजाबाद की इमरजेंसी के दोनों वार्ड भरे हुए हैं। बेड़ों की कमी होने के कारण मरीजों का वार्ड से बाहर लिटाकर उपचार किया जा रहा है। वार्ड में स्थान खाली होने पर ही एक-एक मरीज को वहां शिफ्ट किया जा रहा है। जिससे मरीज को उचित उपचार भी नहीं मिल पा रहा है। फिरोजाबाद में बुखार के मरीज निरन्तर बढ़े हैं। इमरजेंसी में टेस्टिंग सुविधा तक नहीं हैं। आप के राज में अब वहां के हालात यह है कि एक - एक बेड पर दो - दो मरीजों का उपचार हो रहा है। आपातकाल विभाग में दवाएं, इंजेक्शन व एंबुलेंस तक उपलब्ध नही है। कोरोना में कितनी लचर व्यवस्थाएं कीं इस सरकार ने ये हम सब देख चुके हैं। लोग ऑक्सीजन, दवा, इंजेक्शन, वेंटिलेटर और इलाज के अभाव में तड़प - तड़प कर मर गए। फिरोजाबाद में इन दिनों माहौल कुछ ऐसा ही है। बुखार से तपते बच्चे मां-बाप के हाथों में ही दम तोड़ रहे हैं। अस्पतालों में चीत्कार, घरों में मातम और गलियां सुनसान हो गई हैं। डेंगू और वायरल के प्रकोप ने फिरोजाबाद व आस पास के शहरों को भी अपनी चपेट में ले लिया है। वहीं, सरकारी विभाग हर वार की तरह एक-दूसरे पर इस महामारी का ठीकरा फोड़ने में जुटे हैं।
फिरोजाबाद में वायरल फीवर और डेंगू की वजह से हालात बिगड़ते जा रहे हैं। कई इलाकों में लोगों को अस्पताल में जगह नहीं मिल पा रही है। हालात चिंताजनक हैं। अस्पताल बीमार बच्चों से भरे पड़े हैं। सुहागनगरी में अब तक सैकड़ों मौतें हो चुकी हैं, जिनमें ज्यादातर बच्चे हैं। लोग अपने बीमार बच्चों को भर्ती कराने के लिए परेशान हो रहे हैं। सरकार की लापरवाही के कारण अस्पतालों में चिकित्सा सुविधाएं भी मयस्सर नहीं हैं। इस कारण ग़रीब लोग विवश है। डेंगू और वायरल फीवर के मरीजों को अस्पताल में भर्ती कराना मुश्किल हो गया है।
जनपद के निजी अस्पतालों में गेट से ही मरीजों को लौटाया जा रहा है। वहीं सौ शैय्या अस्पताल में भी अब जगह नहीं है। डीएम ने चिकित्सकों को फटकार लगाई हैं। सौ शैय्या का मंगलवार की सुबह निरीक्षण करने पहुंचे जिलाधिकारी चंद्र विजय सिंह ने खामियों को लेकर चिकित्सकों को फटकार लगाई। उन्होंने ड्यूटी पर 11 की जगह सात चिकित्सकों को पाया। इस पर उन्होंने कहा कि आखिर चार चिकित्सक कहां हैं। इस समय बच्चों की हालत बिगड़ रही है। डेंगू और मलेरिया के प्रकोप पर प्रशासन तेजी से काम कर रहा है फिर आप लापरवाही न बरतें। उन्होंने चिकित्सा सुविधाओं को भी देखा। वहीं, अलीगढ़ जिले में 678 लोग बुखार से पीड़ित हैं, 8 डेंगू और मलेरिया के 80 मरीज आए सामने, डीएम व स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने जिला अस्पताल का जायजा लिया। एक अधिकारी ने बताया है जिला अस्पताल में प्रतिदिन 70 से लेकर 100 तक मरीज बुखार से संबंधित आ रहे हैं, हॉस्पिटल में पेड़ों के ऊपर मच्छरदानी भी लगा दी गई है। लोगों को गली-गली जाकर जागरूक भी किया जा रहा है, वही लोगों से अपील की गई है 3 दिन तक पानी कहीं भी जमा ना होने दे अगर कहीं आस पड़ोस में पानी भरा हुआ है तो गाड़ियों में यूज होने वाला जला हुआ मूवी ऑल को पानी में डाल दें जिससे कि डेंगू पैदा ना हो पाए।
दूसरी ओर कानपुर में बुखार के नाम पर भर्ती मरीजों से लूट वसूली शुरू हो रही है। बुखार के नाम पर मरीजों से लूट शुरू हो गई है। कल्याणपुर और नौबस्ता में बड़ी संख्या में नर्सिंग होमों में मरीज भर्ती किए जा रहे। तीन से पांच दिन तक भर्ती रखने के बदले इनसे 50 हजार से भी अधिक वसूली हो रही है। स्वास्थ्य विभाग ने कल्याणपुर के 15 नर्सिंग होमों की पहचान की है जो इस तरह के कामों में लिप्त बताए जा रहे हैं।
एक परिवार ने अपने बेटे को प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया था। वहां 50 हजार से अधिक खर्च हो गए। कई लोग तो अधिक खर्च के डर से अस्पताल नहीं जा रहे हैं। डेंगू-वायरल पर अंकुश लगाने के लिए जिले की पांच हजार से अधिक आबादी वाली पंचायतों को फॉगिंग मशीन तक उपलब्ध नही हैं।
उत्तर प्रदेश में और उत्तर प्रदेश की राजनीति में क्या चल रहा है ? यूपी में जो हमें नहीं दिख रहा है, वो है बुख़ार से तड़प तड़प कर हो रही बच्चों की मौत हैं। बुखार के मरीजों में इजाफा, जिले में अबतक सैकड़ों लोगों की हो चुकी मौत। वहीं, अन्य भी इस शहर बुख़ार की चपेट में है। लेकिन इस सरकार को जनता का दुख दर्द से कोई लेना देना नहीं हैं क्योंकि इनको सरकार चलाना ही नहीं आता और न जनता के लिए कोई दया हैं, अगर होती तो अब कोरोना के बाद इलाज़ के अभाव में बुख़ार से मासूम तड़प तड़प कर ना मर रहे होते।
इलाज के आभाव में अपनों को खोने वाले लोगों का कहना हैं कि उत्तर प्रदेश की जनता त्रस्त हैं और भाजपा सरकार पॉवर के नशे में पूरी तरह मस्त हैं। कभी भी हमे भाजपा से ऐसी उम्मीद नहीं थी। भाजपा हर जगह हर जरूरत पर फ़ेल हो चुकी हैं। इनके नेताओं के कारनामों और ग़लत नीतियों के कारण आने वाले समय में मोदी सरकार केंद में कभी भी नहीं आएगी।
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