ज़िम्मेदारों की अनदेखी ने बिगाड़ी ऐतिहासिक संगम तालाब की सेहत

विशाल कुशवाहा 

वाराणसी: राजातालाब । जल स्त्रोतों को सहेजने की कवायद कई स्तरों पर किए जाने की बात कही जाती है, इसके लिए सरकारी महकमे बाकायदा एक्शन प्लान तैयार करते हैं और इसे लागू करने के लिए भारी भरकम राशि भी खर्च होती है, पर मॉनीटरिंग के अभाव में ये योजनाएं अपने उद्देश्यों में सफल होने में नाकाम साबित हो रही हैं। 

राजातालाब हाईवे और पंचक्रोशी मार्ग से सटे संगम तालाब को सहेजने के लिए ज़िला प्रशासन द्वारा आज तक कोई अभियान नहीं चलाया गया, संगम तालाब के प्रति बरती जा रही अनदेखी इस धार्मिक महत्ता के जलस्त्रोत की सेहत बिगाड़ रही है। हालात ये हैं कि जलकुंभी और अवजल गाद की पहुंच तालाब में लगातार बढ़ रही है, वहीं ग्राम पंचायत इसकी सफाई को लेकर संजीदा नहीं है।


तालाब किनारे लगे रहने वाले गंदगी के ढेर पहले से ही परेशानी बने हुए थे, वहीं तालाब को लील रही जलकुंभी और गाद को हटाने के लिए ग्राम पंचायत ने पहल तक नहीं की है। तालाब के पश्चिम क्षेत्र में स्थित हिस्से में पहले से स्थापित शिव मंदिर के पास हाईवे चौड़ीकरण के दौरान हटाए गए गणेश और शितला मंदिर स्थापित करा दिया गया हैं जहां विभिन्न धार्मिक आयोजन आयोजित किए जाते हैं, यहां तालाब और इसके किनारे फैली गंदगी क्षेत्रीय लोगों के लिए परेशानी का सबब बनी रहती है। ये स्थिति तब है जब पास ही में राजातालाब तहसील और थाना सहित कुछ ही दूरी पर ब्लाक मुख्यालय है। इसके अलावा तमाम विभागों के आला अधिकारियों की आवाजाही यहां से बनी रहती है।

जलकुंभी तालाब को नुकसान पहुंचा रही है। जलीय जीवन पर भी संकट तालाब में जमी गाद और जलकुंभी के कारण तालाब का पानी प्रदूषित हो रहा है। पानी में ऑक्सीजन की कमी से जलीय जीवों के जीवन पर संकट खड़ा हो गया है। गंदे पानी के कारण मछलियां मर रही हैं। इसके बावजूद जिम्मेदारों द्वारा तालाब की सफाई की ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। तालाब स्थित घाट पर धार्मिक अनुष्ठान के लिए पहुंचने वालों को तालाब में पसरी गंदगी के कारण परेशानी हो रही है।

अधिकारी कर रहे स्वच्छता के दावे

तालाब में जलकुंभी और गाद की वजह से हो रही परेशानी के संबंध में जब ज़िम्मेदार अधिकारियों और जनप्रतिनीधियों से बात की गई तो उन्होंने तालाब की निरंतर सफाई का दावा किया। हालांकि तालाब में पसरी गंदगी की हकीकत मौके पर देखी जा सकती है।

तालाब में मिल रहे नाले

आसपास बस्तियों से गंदा पानी तालाब में मिल रहा है। हाईवे से निकलने वाला नाले का गंदा पानी सीधे ही तालाब में मिल रहा है

स्थानीय निवासियो द्वारा बताया गया कि संगम तालाब लगातार अपना अस्तित्व को खोता जा रहा है। इसमें विगत दो वर्षों से तालाब में जलकुंभी अपना जाल फैलाती जा रही है। आज की स्थिति में तालाब के पूरे हिस्से में जलकुंभी का फैलाव पसरा है। इसके बाद भी जिम्मेदार बेखबर बने हुए हैं। साथ ही बस्ती क्षेत्रों का गंदा पानी इस तालाब में मिलने लगा। इसके अलावा गहरीकरण नहीं किया गया और किनारे के क्षेत्र में आवासीय अतिक्रमण हो गया। इस वजह से तालाब के अस्तित्व पर संकट छाया हुआ है।

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