बलरामपुर हास्पिटल में कोरोना के नाम पर घोर अराजकता का माहौल

संजय सिंह 

लखनऊ। कोरोना की वापसी के बीच एक बार फिर प्रशासनिक अनाड़ीपन सामने आने लगा है, तथा आम जनता को प्रताड़नाओं से एक बार गुजरने के लिए विवश होना पड़ रहा है। राजधानी के बलरामपुर हास्पिटल में प्रतिदिन एक लाख से अधिक मरीज़ इलाज के लिए आते हैं, जिनके आवागमन के लिए चार गेट हैं।

कोरोना के दृष्टिगत बलरामपुर हास्पिटल प्रशासन ने सारे गेट बंद करके मात्र एक गेट क्रीश्चन कालेज प्राईमरी स्कूल के सामने वाला ही खोल रखा है, वो भी चेन लगाकर केवल एक व्यक्ति के प्रवेश भर का रास्ता ही खुला है। हजारों की संख्या में आने वाले मरीजों को इसी अधखुले गेट से ही आने जाने पर विवश होना पड़ रहा है, जिसके कारण इस गेट के सामने ढाल पर मरीजों की भीड़ लग रही है, तथा आवागमन भी बाधित हो रहा है। यही नहीं दूर दराज़ से आने वाले मरीजों, एवं तीमारदारों को अपने वाहन भी अस्पताल के सामने सड़क पर ही खड़े करने पर विवश होना पड़ रहा है जिसके कारण जाम की स्थिति बनी रहती है। कोरोना के नाम पर केवल अतिरिक्त सखती बरतने वाला प्रशासन आखिर आम आदमी को होने वाली दिक्कतों और तकलीफों के बारे में क्यों नहीं सोचता। बलरामपुर हास्पिटल में मात्र एक गेट वो भी मात्र थोड़ा सा खोलकर आवागमन कराने वाले अस्पताल प्रशासन को गेट के बाहर लगी भीषण भीड़ में धक्के खाते मरीजों को सोशल डिस्टेंस का पालन कराने की चिंता क्यों नहीं है।

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