निजी अस्पताल हॉस्पिटल सेंटर में जच्चा बच्चा की मौत

नवाबगंज के एक निजी अस्पताल माही हॉस्पिटल सेंटर में जच्चा बच्चा की मौत

अवैध रूप से चल रहे नर्सिंगहोमो पर कार्यवाही न करने का नतीजा अधिकांश ऐसी घटनाओं के रुप मे सांमने आ रहा है

अब कहाँ गई तेजी, मानकहीन अस्पतालों पर आखिर क्यों नहीं होती कार्यवाही

प्रसून अवस्थी 

उन्नाव। प्राइवेट अस्पतालों में लगातार मौत का सिलसिला जारी है, पर नोडल अधिकारी ललित कुमार को तो पैसा से प्यार है सूत्रों की माने तो ललित कुमार को जानकारी देने के बाद भी नहीं सुनते कोई शिकायत। सीएमओ ने एक मामले नोडल अधिकारी ललित कुमार को भेजने का आदेश दिया था पर कोई कार्यवाही नहीं हुई अभी तक।जनपद के मुख्य चिकित्सा अधिकारी व उच्च अधिकारियों को है।

हर मानकहीन प्राइवेट अस्पतालों की है जानकारी।जनपद में सैकड़ों की संख्या में मानकहीन अस्पताल चल रहे हैं सरकारी अस्पताल के आशा बहू व डॉक्टरों के इशारे पर।शहर के अंदर स्थित मानकहीन प्राइवेट अस्पताल के नाम श्री लक्ष्मी हॉस्पिटल, सारंग हॉस्पिटल, वैष्णवी हॉस्पिटल, एस बी एन डी लाइट हॉस्पिटल, पूजा हॉस्पिटल, साईं हॉस्पिटल, नारायण हॉस्पिटल, अजगैन मेडिकल सेंटर, अजंता हॉस्पिटल व अन्य अवैध व मानकहीन प्राइवेट अस्पतालों का शहर में है कब्जा। जिसमे से अजगैन कोतवाली के निकट स्थित माही हॉस्पिटल सेंटर में जच्चा बच्चा ऑपरेशन डिलवरी आदि उपचार किए जाते हैं, बीते दिवस 31/8/2021को अनिता पाल आशा बहु के कहने पर सुबेदारखेड़ा कांथा असोहा की रहने वाली बरती की पत्नी को माही हॉस्पिटल सेंटर अजगैन में डिलवरी हेतु एडमिट कराया गया था जिसके एवज में डॉक्टरों ने डिलवरी हेतु भारी रकम भी ली। उसके पश्चात पेसेंट को एक कमरे मे बंद करके अपनी डग्गा मार काबिलियत से डिलवरी की कार्यवाही  शुरूरु की। 

जब माही हॉस्पिटल के डग्गा मार डॉक्टरों की काबिलियत काम न आई तो पेसेंट को वंही रात भर कमरे में बंद करके मार डाला फिर लाश को  जिला अस्पताल रेफर कर दिया। जिस पर ग्रामीणो में डेड बॉडी को अजगैन कोतवाली में रख कर मुकदमा लिखने को अड़े रहे। जिस पर अजगैन पुलिस ने प्रार्थना पत्र लेकर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।

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