ग्राउंड जीरो के अंतिम छोर तक सख़्ती से ध्यान देना ज़रूरी

आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन - स्वास्थ्य से जुड़ी योजनाओं के क्रियान्वयन पर ग्राउंड जीरो के अंतिम छोर तक सख़्ती से ध्यान देना ज़रूरी 

देश के किसी भी योज़ना की पूर्ण सफ़लता के लिए स्वस्थ प्रशासकीय मानवीय सख़्ती से कार्यान्वयन पर ध्यान देना ज़रूरी

किशन भावनानी

भारत में बीते कुछ वर्षों से हम देख रहे हैं कि शिक्षण, स्वास्थ्य, कृषि, प्रौद्योगिकी अंतरिक्ष, परिवहन, भूमार्ग, जलमार्ग इत्यादि हर क्षेत्रमें ढांचागत सुधारों पर जोर दिया जा रहा है। हर क्षेत्र में इंफ्रास्ट्रक्चर को नए सिरे से आधुनिक तकनीकों को शामिल कर रिवाइज किया जा रहा है, ताकिउस क्षेत्रका कार्य पारदर्शिता निर्बाध और सुचारू रूप से चले जिसमें आम जनता के अंतिम छोर वाले अंतिम व्यक्ति तक उसका लाभ पहुंचाया जा सके।... साथियों किसी भी देश में कितनी भी लाभकारी योज़नाओं की घोषणा, इंफ्रास्ट्रक्चर लगाना और खड़ा करना जितना कठिन है उससे अधिक कठिन उस योज़ना का सुचारू रूप से क्रियान्वयन करना होता है और उस योज़ना की सफ़लता उसके सुचारू क्रियान्वयन से होती है। 

प्रशासनिक स्तर पर बनी नीति को यदि राजनीतिक और प्रशासकीय चैन का सहयोग और उत्साह नहीं मिलेगा तो उसका ख़ामियाजा पूरी योजना प्रभावित होकर जनता को भुगतना होता है इसलिए राजनीतिक और प्रशासनिक पूरी चैन को उस सरकारी योजनाओंं को निष्पक्षता, सख़्ती और दिलों जान से सहयोग करना जरूरी है।...साथियों बात अगर हम दिनांक 27 सितंबर 2021 को माननीय पीएम द्वारा लांच की गई आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन की करें तो इससे देश की सेहत के लिए संजीवनी का नया अध्याय शुरू हो चुका है। हालांकि, पीएम ने इस साल 15 अगस्त 2021  को लाल किले की प्राचीर से अपने संबोधन में डिजिटल हेल्थ मिशन के पायलट प्रोजेक्ट की घोषणा की थी। फिलहाल, छह केंद्र शासित प्रदेशों में इसका पायलट प्रोजेक्ट चल रहा है और आज पूरे भारत के लिए यह मिशन लांच किया गया है इस योज़ना के अंतर्गत हर कार्ड धारक की सेहत का हर हिसाब लेखा-जोखा एक ज़गह रखा जाएगा। 

एक क्लिक करने पर बीमारी की पूरी खाता-बही निकल आएगी याने डिजिटल हेल्थ आईडी यह डॉक्टर और मरीज़ के पुराने रिकॉर्ड की एक चैन का काम करेगी और कार्ड धारक के किसी भी समान परिस्थितियों में बार-बार जांच रिपोर्ट नहीं करवानी पड़ेगी। नागरिकों का खर्चा, समय, परेशानी, दौड़ भाग बचेगी और सुरक्षा का माहौल पैदा होगा।

अगर हम इस योजना की सफलता की करें तो, मेरा मानना है कि इस स्वास्थ्य संबंधी योजना के क्रियान्वयन पर बहुत सख़्ती और बारीकी से ध्यान देना होगा क्योंकि जरासा प्रशासकीय चैन का असहयोग, लापरवाही, लालच, कर्तव्यों की अनदेखी और भूल इस महत्वपूर्ण योज़ना को असफल कर सकती है। हर सरकारी योजना जो जनता के हितार्थ है उसके क्रियान्वयन पर मंत्रालय स्तर से भारी बारीकी से नियंत्रण और देखभाल करना जरूरी है जिससे योजना की सफलता सुनिश्चित होगी।

हम दिनांक 27 सितंबर 2021 के पीआईबी की प्रेस विज्ञप्तिकी करें तो उसके अनुसार माननीय पीएम ने मिशन को लांच करते हुए कहा, आज भारत में जिस तरह टेक्नोलॉजी को गुड गवर्नेंस के लिए, गवर्नेंस सुधारने का एक आधार बनाया जा रहा है, वो अपने आप में जनसामान्य को शक्तिमान कर रहा है, ये अभूतपूर्व है। 

डिजिटल इंडिया अभियान ने भारत के सामान्य मानवी को डिजिटल टेक्नोल़ॉजी से कनेक्ट करके, देश की ताकत अनेक गुना बढ़ा दी है और हम भलीभांति जानते हैं, हमारा देश गर्व के साथ कह सकता है, 130 करोड़ आधार नंबर, 118 करोड़ मोबाइल सब्सक्राइबर्स, लगभग 80 करोड़ इंटरनेट यूज़र, करीब 43 करोड़ जनधन बैंक खाते, इतना बड़ा कनेक्टेड इंफ्रास्ट्रक्चर दुनिया में कहीं नहीं है। ये डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर, राशन से लेकर प्रशासन तक हर एक को तेज़ और पारदर्शी तरीके से सामान्य भारतीय तक पहुंचा रहा है। 

यूपीआई के माध्यम से कभी भी, कहीं भी, डिजिटल लेनदेन में आज भारत दुनिया में अपनी पहचान बना रहा है। अभी देश में जो ई-रूपी वाउचर शुरू किया गया है, वो भी एक शानदार पहल है। उन्होंने कहा,कोरोना काल में टेलिमेडिसिन का भी अभूतपूर्व विस्तार हुआ है। ई-संजीवनी के माध्यम से अब तक लगभग सवा करोड़ रिमोट कंसल्टेशन पूरे हो चुके हैं। ये सुविधा हर रोज़ देश के दूर-सुदूर में रहने वाले हजारों देशवासियों को घर बैठे ही शहरों के बड़े अस्पतालों के बड़े-बड़े डॉक्टरों से कनेक्ट कर रही है। 

ये आज जाने-माने डॉक्टरों की सेवा आसान हो सकी है। आयुष्मान भारत - डिजिटल मिशन, अब पूरे देश के अस्पतालों के डिजिटल हेल्थ सोल्यूशंस को एक दूसरे से कनेक्ट करेगा। इसके तहत देशवासियों को अब एक डिजिटल हेल्थ आईडी मिलेगी। हर नागरिक का हेल्थ रिकॉर्ड डिजिटली सुरक्षित रहेगा। 

डिजिटल हेल्थ आईडी के माध्यम से मरीज़ खुद भी और डॉक्टर भी पुराने रिकॉर्ड को ज़रूरत पड़ने पर चेक कर सकता है। यही नहीं, इसमें डॉक्टर, नर्स, पैरामेडिक्स जैसे साथियों का भी रजिस्ट्रेशन होगा। देश के जो अस्पताल हैं, क्लीनिक हैं, लैब्स हैं, दवा की दुकानें हैं, ये सभी भी रजिस्टर होंगी। यानि ये डिजिटल मिशन, हेल्थ से जुड़े हर स्टेक-होल्डर को एक साथ, एक ही प्लेटफॉर्म पर ले आएगा। 

इस आधुनिक प्लेटफॉर्म से इलाज और हेल्थकेयर पॉलिसी मेकिंग से जुड़ा पूरा इकोसिस्टम और अधिक प्रभावी होने वाला है। डॉक्टर और अस्पताल इस प्लेटफॉर्म का उपयोग अपनी सर्विस को रिमोट हेल्थ सर्विस प्रोवाइड करने में कर पाएंगे। प्रभावी और विश्वस्त डेटा के साथ इससे इलाज भी बेहतर होगा और मरीज़ों को बचत भी होगी। 

कोरोना वैश्विक महामारी के इस दौर में, मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण को निरंतर गति दी जा रही है। देश के जिला अस्पतालों में क्रिटिकल केयर ब्लॉक्स का इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया जा रहा है, बच्चों के इलाज के लिए जिला और ब्लॉक के अस्पतालों में विशेष सुविधाएं बन रही हैं। जिला स्तर के अस्पतालों में अपने ऑक्सीजन प्लांट्स भी स्थापित किए जा रहे हैं। 

अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर उसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे के आयुष्मान भारत डिजिटल योजना मिशन सहित सभी सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन पर ग्राउंड जीरो के अंतिम छोर तक सख़्ती से ध्यान देना जरूरी है। 


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