व्यापक स्तर पर महिलाओं को रोज़गार देने की तैयारी

व्यापक स्तर पर महिलाओं को रोज़गार के लिए तैयार करने, आर्थिक स्वतंत्र क्षमता निर्माण एवं कुछल नेतृत्वकर्ता बनाना जरूरी..

महिलाओं में व्यवसायिक कौशलता कैरियर और डिजिटल साक्षरता सहित कुछल नेतृत्वकर्ता बनाने, व्यापक अभियान की जरूरत..

किशन भावनानी

वैश्विक स्तर पर महिलाओं की कार्यक्षमता, बौद्धिक क्षमता, नेतृत्व और निर्णयक्षमता का विकास तीव्रता से हो रहा है और अनेक बड़े-बड़े पदों पर तीव्रता से महिलाएं अपनी निर्णयक्षमता और कार्यक्षमता का कीर्तिमान सिद्ध कर रही हैं, जिसे प्रोत्साहन देने के लिए वैश्विक स्तरपर महिलाओं को जवाबदारी वाले निर्णायक पदों पर आगे किया जा रहा है...। 

साथियों बात अगर हम भारत की करें तो भारत में महिलाओं का अति सम्मान किया जाता है,चाहे वह प्रशासनिक, सामाजिक  राजनैतिक रूप से हो या भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिकता में आए वचनों में हो, महिलाओं को लेडीस फर्स्ट का दर्जा दिया जाता है। परंतु मेरा मानना है कि जिस गति से महिलाओं को रोज़गार उपलब्ध कराने चाहिए, उन्हें आर्थिक स्वतंत्र बनाने के लिए विशेष कौशलता अभियान चलाकर उन्हें कौशल संपन्न करना चाहिए, वैसी गति से अपेक्षाकृत कम उत्साह दिया जा रहा है। 

भारत का रिकॉर्ड रहा है कि भारत की राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री लोकसभा अध्यक्ष,से लेकर बड़े- बड़े निजी व सार्वजनिक पदों पर महिलाओं ने बड़ी खूबसूरती व जवाबदारी से अपना कर्तव्य निभाया है, परंतु आज भी ग्रामीण क्षेत्रों से लेकर शहरी क्षेत्रों तक महिलाओं का ऐसा वर्ग वंचित है, जिनके पास रोज़गार करने की इच्छाशक्ति है परंतु ऐसा कौशल नहीं है जिस आधार पर वे रोज़गार करने और आर्थिक स्वतंत्रता को हासिल करने की योग्य बने

आज महिलाओं में भी नेतृत्व क्षमता कूट-कूट कर भरी है बस!! जरूरत है उन्हें प्रोत्साहित करने की!! कौशलता गुण उपलब्ध करवाने की!! शासकीय और सामाजिक स्तर पर जरूरत है, एक ऐसा अभियान चलाने की जिसमें महिलाओं में व्यवसायिक कौशलता कैरियर और डिजिटल साक्षरता सहित कुछल नेतृत्वकर्ता बनाने की जिसके आधार पर महिलाओं को रोज़गार, नेतृत्व और आर्थिक स्वतंत्रता के अवसर उपलब्ध हो और उनका जीवन आर्थिक स्तर पर सुरक्षित हो। वह किसी के ऊपर निर्भरता की जोखिम में ना हो।

...साथियों आज हम देखते हैं कि महिलाओं का शैक्षणिक कार्यक्षमता और बौद्धिक क्षमता का परीक्षा परिणाम हर क्षेत्र में पुरुषों की अपेक्षा अधिक प्रतिशत में आता है, उसी तरह अक्सर हम अनेक क्षेत्रोंमें टॉपर भी महिलाओं को ही आते देखते हैं।बस!! ज़रूरत है महिलाओं को एक कुछल मार्गदर्शन और उत्कृष्ट कौशलता प्रदान करने की। फिर हम देखेंगे कैसे महिलाएं भारत को हर क्षेत्र में विश्व का सबसे सक्षक्त देश बनाने में महत्वपूर्ण रोल अदा करेंगे!!!...साथियों बात अगर हम एनसीडब्ल्यू द्वारा केंद्रीय विश्वविद्यालय के सहयोग से आमंत्रित एक कार्यक्रम के उद्घाटन के अवसर पर एनसीडब्ल्यू की अध्यक्षता ने भी कहा कि, हमें हर क्षेत्र में और महिला नेतृत्वकर्ताओं की ज़रूरत है और एनसीडब्ल्यू द्वारा शुरू किया गया पाठ्यक्रम महिलाओं को अच्छा नेतृत्वकर्ता बनने के लिए तैयार करेगा। उन्होंने कहा, महिलाओं ने हर क्षेत्र में अपनी काबिलियत साबित की है। 

हम और अधिक महिला नेतृत्वकर्ता चाहते हैं, जो अपने सशक्तिकरण की यात्रा में अन्य महिलाओं को आगे आने और आर्थिक स्वतंत्रता प्राप्त करने में सक्षम बनाएंगी। एनसीडब्ल्यू, इस पाठ्यक्रम के माध्यम से छात्राओं कोअपना रिज़ूम तैयार करने और साक्षात्कार का सामना करने सहित उनके रोज़गार की दिशा में हर कदम पर मदद करेगा तथा उन्हें आत्मविश्वास के साथ सभी चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार करेगा। 

व्यावसायिक करियर कौशल सत्र करियर के अवसरों की पहचान करने, रिज़ूम (बायोडाटा) तैयार करने और प्रस्तुति (प्रेजेंटेशन) संबंधी कौशल का निर्माण करने तथा छात्राओं को उनकी सहज शक्तियों और कमजोरियों को देखते हुए खुद के लिए करियर के अवसरों की खोज़ करने में सशक्त बनाने पर ध्यान केंद्रित करेगा। यह छात्राओं को एक उपयुक्त रिज़ूम तैयार करने, साक्षात्कार का सामना करने के लिए आवश्यक खामियों को दूर करने और अपने कौशलों को सक्रिय रूप से तथा प्रभावी ढंग से पेश करने में भी मदद करेगा। 

आज यह पाठ्यक्रम रोज़गार क्षमता बढ़ाने के लिए सहज, तार्किक और गहन सोच, संचार एवं पारस्परिक कौशल सीखने तथा उनके उपयोग को लागू करने पर केंद्रित होगा। पाठ्यक्रम को तीन श्रेणियों में विभाजित किया गया है। व्यक्तिगत क्षमता निर्माण, व्यावसायिक करियर कौशल और डिजिटल साक्षरता एवं सोशल मीडिया का प्रभावी उपयोग। व्यक्तिगत क्षमता निर्माण सत्र छात्राओं की समय प्रबंधन, तनाव प्रबंधन और संचार जैसे कौशल बढ़ाने में मदद करेगा। सत्र का उद्देश्य विविधता का सम्मान करके और अच्छे श्रवण कौशल को अपनाकर महिला शिक्षार्थियों को प्रभावी संचार से जोड़ना है। 

यह छात्राओं की साथियों और हितधारकों के साथ बेहतर संबंधों के लिए पारस्परिक कौशल का अभ्यास करने में मदद करेगा और साथ ही महत्वपूर्ण विचारों एवं कार्य बिंदुओं के दस्तावेजी-करण के महत्व को समझने में भी मदद करेगा। सत्र छात्राओं की प्रभावी समय प्रबंधन कौशल सीखने में मदद करेगाजिससे वे खुद को बेवजह के तनाव से बचा सकें। अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर उसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे के व्यापक स्तर पर महिलाओं को रोज़गार के लिए तैयार करने, आर्थिक स्वतंत्र क्षमता निर्माण एवं कुछल नेतृत्वकर्ता बनाना आज के युग में ज़रूरी है महिलाओं में व्यवसायिक कौशलता कैरियर और डिजिटल साक्षरता सहित कुछल नेतृत्वकर्ता बनाने व्यापक अभियान चलाने की सख्त जरूरत है। 

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