वर्तमान में छूट केवल तभी लागू होती है जब सरकार 100 फ़ीसदी निधि देती है..
जीएसटी काउंसिल की 45 वीं बैठक..
- पेट्रोल डीज़ल को जीएसटी के अंतर्गत लाना दूर की कौड़ी..
- ढांचागत विकास की गति पर दूरगामी असर पड़ेगा..
हर राष्ट्र के विकास में ढांचागत संसाधनों को गति देने आय के संसाधनों के विस्तार में सहयोग करना हर नागरिक का कर्तव्य
किशन भावनानी
वैश्विक स्तर पर किसी भी देश को अपने को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए तेज़ी से विकास कार्यों को करना होता है। हर क्षेत्र में आधारभूत ढांचे, आधारभूत संरचना को मज़बूती के साथ खड़ा करना होता है जिसके सहारे सेवाओं का उदय होता है, विकास की पटरी पर उन्नति रूपी गाड़ी दौड़ती है, रोजगार का उदय होता है और नीतिगत फैसलों के आधार पर तीव्र विकास होता है और देश विकास की दौड़ में शामिल हो जाता है।...साथियों इसके लिए हर देश को उनकी केंद्र व राज्य सरकारों को पूंजी की आवश्यकता होती है, जो उन्हें कर के रूप में प्राप्त होती है। प्रत्यक्ष कर अप्रत्यक्ष कर और जीएसटी इसका सटीक माध्यम है।
...साथियों बात अगर हम जीएसटी की करें तो यह हर सरकार का बहुत सटीक और उच्च आय का माध्यम है। उसमें भी पेट्रोलियम पदार्थों पर तो सबसे अधिक आय का साधन होता है और उस देश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान होता है, क्योंकि इन पेट्रोलियम पदार्थों की ज़रूरत हर स्तर पर लगभग हर व्यक्ति को पड़ती है...। साथियों बात अगर हम भारत की करें तो भारत में,मालूम हो कि एक जुलाई 2017 को जब जीएसटी लागू हुआ था तो केंद्र व राज्य सरकारों ने अपने राजस्व के मद्देनजर कच्चे तेल, प्राकृतिक गैस, पेट्रोल, डीजल और एटीएफ को जीएसटी के दायरे से बाहर रखा था।
इस पर केंद्र सरकार व राज्य सरकारें अपने-अपने यहां अलग-अलग कर लगाती हैं और उससे आने वाला पैसा सरकारी खजाने में जाता है। हालांकि लंबे समय से पेट्रोल डीजल को जीएसटी के अंतर्गत लाने के लिए अनेक मांगे उठी है लेकिन ऐन वक्त बैठक में आम सहमति नहीं बन पाती है। बता दें कि इस साल जून में केरल हाईकोर्ट ने जीएसटी काउंसिल को यह आदेश दिया था कि वह पेट्रोल एवं डीजल को जीएसटी में के दायरे में लाने पर जीएसटी काउंसिल विचार करें काउंसिल को इसके लिए 6 माह का समय दिया था...।
साथियों बात अगर आम शुक्रवार दिनांक 17 सितंबर 2021 को लखनऊ में जीएसटी की 45 वीं बैठक की करें तो इसमें पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के अंतर्गत लाने पर कोई निर्णय नहीं हो सका और माननीय वित्त मंत्री ने कहा,केरला हाईकोर्ट के निर्देश पर डीजल और पेट्रोल को जीएसटी के दायरे लाने को लेकर आज़ कांउन्सिल में चर्चा हुई, लेकिन अधिकतर सदस्य डीजल पेट्रोल कोजीएसटी के दायरे में लाने के विरोध में हैं...। साथियों बात अगर हम इस जीएसटी परिषद की बैठक में लिए गए निर्णयों की करें तो पीआईबी के अनुसार, जीएसटी परिषद की 45 वीं बैठक लखनऊ में केंद्रीय वित्त और कॉर्पोरेट मामलों की मंत्री की अध्यक्षता में आयोजित की गई थीं। जिसमें अन्य बातों के साथ किए गए माल और सेवाओं और परिवर्तन जीएसटी कानून और प्रक्रिया से संबंधित की आपूर्ति पर जीएसटी दरों में परिवर्तन से संबंधित निम्नलिखित सिफारिशों की गई। माल के संबंध में जीएसटी दरमें परिवर्तन पर प्रमुख सिफारिशें 1.10.2021 से प्रभावी जब तक कि अन्यथा न कहा गया हो] विकलांगों द्वारा उपयोग किए जाने वाले वाहनों के लिए रेट्रो फिटमेंट किट आवेदन भाव 5 प्रतिशत, आईसीडीएस आदि जैसी योजनाओं के लिए गढ़वाले चावल गिरी, 18 प्रतिशत से 5 प्रतिश, कैंसर के इलाज के लिए मेडिसिन 12 प्रतिशत से 5 प्रतिशत, डीजल के साथ सम्मिश्रण के लिए ओएमसी को आपूर्ति की गई बायोडीजल 12 प्रतिशत से 5 प्रतिशत, वस्तुओं पर जीएसटी दरों से संबंधित अन्य परिवर्तन अपंजीकृत व्यक्ति से मेंथा तेल की आपूर्ति को रिवर्स चार्ज के तहत लाया गया है। इसके अलावा, परिषद ने यह भी सिफारिश की है कि मेंथा तेल के निर्यात की अनुमति केवल एलयूटी और इनपुट टैक्स क्रेडिट की परिणामी वापसी के लिए दी जानी चाहिए।ईंट भट्टों को विशेष संरचना योजना के तहत लाया जाएगा, जिसकी सीमा सीमा रु. 20 लाख, 1.4.2022 से प्रभावी। योजना के तहत आईटीसी के बिना ईंटों पर 6 प्रतिशत की दर से जीएसटी लगेगा। आईटीसी के साथ 12 फ़ीसदी की जीएसटी दर अन्यथा ईंटों पर लागू होगी फुटवियर और वस्त्र क्षेत्र में उल्टे शुल्क संरचना में सुधार। फुटवियर और टेक्सटाइल क्षेत्र में उल्टे शुल्क ढांचे को ठीक करने के लिए जीएसटी दर में बदलाव, जैसा कि पहले जीएसटी परिषद की बैठक में चर्चा की गई थी और उचित समय के लिए स्थगित कर दिया गया था 01.01.2022 से लागू किया जाएगा।
-कौशल प्रशिक्षण जिसके लिए सरकार 75 फ़ीसदी या अधिक खर्च वहन करती है..
-वर्तमान में छूट केवल तभी लागू होती है जब सरकार 100 फ़ीसदी निधि देती है..
18 प्रतिशत से शून्य। रिकॉर्ड किए गए मीडिया की प्रिंटिंग और पुनरुत्पादन सेवाएं जहां प्रकाशक द्वारा सामग्री की आपूर्ति की जाती है (इसे फिल्म या डिजिटल मीडिया से छवियों के रंगीन मुद्रण के साथ समानता में लाने के लिए )12 से 18 प्रतिशत, स्पाइनल-मस्कुलर एट्रोफी के इलाज में इस्तेमाल होने वाली जीवन रक्षक दवाएं जोल्गेन्स्मा और विल्टेप्सो को निजी इस्तेमाल के लिए आयात किए जाने पर जीएसटी से छूट मिली है।
कुछ कोविड -19उपचार दवाओं पर रियायती जीएसटी दरों मौजूदा तक 31 का विस्तार सेंट दिसंबर 2021। अन्य दवाओं पर जीएसटी की दरों फार्मास्यूटिकल्स विभाग द्वारा की सिफारिश की 31 तक 5 फ़ीसदी तक 12 फ़ीसदी से घटाकर सेंट दिसंबर 2021 कैंसर के इलाज के लिए कीट्रूडा दवा पर जीएसटी दर 12 फ़ीसदी से घटाकर 5 फ़ीसदी की गई।विशेष योग्यता वाले व्यक्तियों द्वारा उपयोग किए जाने वाले वाहनों के लिए रेट्रो फिटमेंट किट पर जीएसटी दर घटाकर 5 फ़ीसदी की गईI सीडीएस जैसी योजनाओं के लिए गढ़वाले चावल की गुठली पर जीएसटी दरें 18 फ़ीसदी से घटाकर 5 फ़ीसदी कर दी गई हैं। प्रेसकॉन्फ्रेंस कर रही हैं, वित्त मंत्री ने कहा कि जीएसटी कांउन्सिल के लखनऊ में आयोजन के लिए मैं सीएम योगी को धन्यवाद देती हूँ।
आज कांउन्सिल की बैठक में लोगों के लिए सुलभ निर्णय लिए गये। अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर उसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि जीएसटी काउंसिल की 45 वीं बैठक में पेट्रोल डीजल को जीएसटी के अंतर्गत लाना दूर की कौड़ी थी, क्योंकि इससे ढांचागत विकास की गति पर दूरगामी असर पड़ेगा हर राष्ट्र के विकास में ढांचागत संसाधनों को गति देने आय के संसाधनों के विस्तार में सहयोग करना हर नागरिक का कर्तव्य है।
*-संकलनकर्ता कर विशेषज्ञ एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र*
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें