विजयपथ साबित होगा भारत का अमेरिका दौरा?

प्रधानमंत्री का अमेरिका दौरे में क्वाड, संयुक्त राष्ट्र महासभा में संबोधन..

ट्रेड टेरर तालिबान रणनीति और संकल्पों का..

भारतीय प्रधानमंत्री के अमेरिका दौरे में ट्रेड रणनीति..

पांच नामीं कंपनियों के सीईओ से वन टू वन बैठक, संकल्पों का विजयपथ साबित होगा..

किशन सनमुखदास भावनानी 

भारतीय प्रधानमंत्री की वैसे तो अमेरिका यात्रा संयुक्त राष्ट्र महासभा में संबोधन और क्वाड शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए आमंत्रित आधार पर गए हैं, परंतु साथियों हमने आज दिनांक 23 सितंबर 2021 को देर शाम में टेलीविजन चैनलों पर देखा पीएम द्वारा अमेरिका की विभिन्न क्षेत्रों की पांच बड़ी कंपनियों के सीईओ साथ वन टू वन शैली में मुलाकात की उनमें भारत में निवेश के मुद्दे पर चर्चा की। साथियों यहीं से भारत के संकल्पों के विजयपथ की शुरुआत हो गई है!! क्योंकि पूरे विश्व सहित भारत भी कोविड-19 महामारी के कारण आर्थिक तंगी और अर्थव्यवस्था के नाजुक दौर से गुजर रहा है, जिसे तेजी से बूस्ट डोज़ की जरूरत है, बस!! यही, हमारे पीएम भारत के हर नागरिक की अभिलाषाओं को पूर्ण करने अपने रणनीतिक सोच विचार के साथ इस तैयारी से गए हैं कि, इसका सकारात्मक दूरगामी परिणाम भारत में खुशहाली से भरपूर होगा।...साथियों बातअगर हम पीएम के इस अमेरिकी दौरे की करें तो यह चार दिवसीय दौरे के दूरगामी सकारात्मक परिणाम हमको देखने को मिलेंगे। 

भारत की अंतरराष्ट्रीय प्रतिष्ठा में तात्कालिक तेज़ी से वृद्धि होगी। जिस तरह से पीएम ने पांच नामीं कंपनियों के सीईओ से मुलाकात, जापान, ऑस्ट्रेलिया के पीएम से मुलाकात, कमला हैरिस से मुलाकात,राष्ट्रपति जो बाइडेन से मुलाकात की और विभिन्न विषयों पर बात की जिसके दूरगामी सकारात्मक परिणाम हमें शीघ्र ही देखने को मिलेंगे...। साथियों बात अगर हम क्वाड सम्मेलन की करें तो अमेरिका, भारत, ऑस्ट्रेलिया और जापान इन 4 देशों को मिलाकर क्वाड संघ बना है और पीएम ने अमेरिका रवाना होने के पहले कहा था कि इस दौरे पर अमेरिका के राष्ट्रपति के साथ रणनीतिक साझेदारी और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा होगी जिसमें चीन और अफगानिस्तान का मुद्दा भी हो सकता है...। साथियों मेरामानना है कि जिस तरह अभी तालिबान का अफ़ग़ाननिस्तान पर कब्जा हुआ है, जिसमें हमारे पड़ोसी मुल्क और विस्तार वादी देश की भूमिका को देखते हुए क्वाड के चार देशों की वैचारिक साझेदारी, वैश्विक कूटनीतिक के लिहाज से विस्तार वादी देश के लिए खिलाफ एक बहुत बड़ा मंच साबित हो सकता है।...साथियों बात अगर हम पीएम केवाशिंगटन डीसी पहुंचने और उनके जोरदार स्वागत की करें तो, हर भारतीय नागरिक का सीना गर्व से फूल उठा जब हमने देखे, हमारे पीएम वाशिंगटन डीसी के ज्वाइंट बेस एंड्रयूज पहुंचे, जहां मौजूद भारतीय अमेरिकियों ने हल्की बारिश के बीच भारतीय ध्वज लहराते हुए उनका स्वागत किया और उनके स्वागत में उनके नाम के नारे लगाए, वहां सुबह से ही भारी बारिश के बावजूद, बड़ी संख्या में भारतीय अमेरिकी पीएम के स्वागत के लिए एंड्रयूज ज्वाइंट एयरफोर्स बेस पर जमा हुए थे। हवाई अड्डे पर जो बाइडेन प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों और अमेरिका में भारत के राजदूत ने पीएम की अगवानी की।

...साथियों बात अगर हम संयुक्त राष्ट्र महासभा की करें तो उसमें पीएम का संबोधन 25 सितंबर 2021 को न्यूयॉर्क में है जिसमें वैश्विक चुनौतियां के साथ खासकर कोविड-19 महामारी, आतंकवाद से निपटने की आवश्यकता, जलवायु परिवर्तन और अनेक अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों को अपने संबोधन में शामिल कर सकते हैं...। 

हम पीएम के अमेरिका दौरे की करें तो उसमें क्वाड, संयुक्त राष्ट्र महासभा के साथ ट्रेड टेरर और तालिबान पर भी खुलकरबातचीत वैश्विक नेताओं के साथ होगी क्योंकि,पीएम कार्यालय के मुताबिक, इस दौरान पीएम अमेरिकन राष्ट्रपति के साथ भारत-अमेरिकी वैश्विक व्यापक रणनीतिक साझेदारी की समीक्षा करेंगे और आपसी हित से जुड़े वैश्विक व क्षेत्रीय मुद्दों पर विचारों का आदान- प्रदान करेंगे, उनके साथ द्विपक्षीय वार्ता में अफ़ग़ाननिस्तान के घटनाक्रम के अलावा कट्टरपंथ, चरमपंथ व सीमा पार से होने वाले आतंकवाद की रोकथाम के तरीकों तथा भारत - अमेरिका वैश्विक साझेदारी का और अधिक विस्तार करने पर मुख्य रूप से चर्चा करेंगे। 

बाइडेन के अमेरिकी राष्ट्रपति बनने के बाद दोनों नेता पहली बार एक दूसरे के आमने-सामने बैठ कर वार्ता करेंगे। पीएम ने कहा कि वह इस यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मॉरिसन और सुगा के साथ इन देशों से मजबूत द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा करेंगे और महत्वपूर्ण वैश्विक व क्षेत्रीय मुद्दों पर उपयोगी विचारों का आदान-प्रदान करेंगे...। साथियों बात अगर हम पीएम के इस पूरे दौरे की करेंतो हमने प्रथम दिन ही टीवी चैनलों के माध्यम से देखें के किस तरह ट्रेडरणनीति में पांचो सीईओ ने अपने बयानों में भारत के प्रति सकारात्मक रुख अपनाया और उन सीईओ के वक्तव्य इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में आए जिसमें उन्होंने कहा, स्पष्ट रूप से पीएम नेतृत्व में इंडस्ट्रियल पॉलिसी के साथ-साथ व्यापार नीति में एक मजबूत संतुलन बनाने के लिए काम किया है। यह भारत में मैन्युफैक्चरिंग स्थापित करने के लिए फर्स्ट सोलर जैसी कंपनियों के लिए एक आदर्श अवसर है। दूसरे ने कहा, भारत में विस्तार कैसे किया जाए, इस बारे में भारतीय पीएम के दृष्टिकोण के बारे में जानकर हमेशा बहुत ख़ुशी होती है, जिन प्रमुख विषयों पर हमने बात की उनमें इनोवेशन में निरंतर निवेश एक था, उन्होंने कहा कि टेक्नोलॉजी आगे बढ़ाने का तरीका है, भारतीय मूल के सीईओ से भी मुलाकात की, इस दौरान उन्होंने भारत में चल रही गतिविधियों और भविष्य मेंनिवेश की योजनाओं पर अपनी विचार रखे, साथ ही युवाओं को स्मार्ट शिक्षा देने और प्रदान करने और रिसर्च को बढ़ाने के लिए टेक्नोलॉजी के महत्व पर बातचीत की। उन्होंने भारतीय युवाओं द्वारा संचालित स्टार्ट-अप क्षेत्र पर भी अपनी बातें रखीं।

भारतीय पीएम से मीटिंग के बाद अन्य सीईओ ने कहा, यह एक बेहतरीन मीटिंग रही, हमें भारत के साथ साझेदारी पर गर्व है, हमने 5 जी पर बात की, हमने न केवल भारत में घरेलू उद्योग को आगे बढ़ाने पर बात की बल्कि भारत से टेक्नोलॉजी एक्सपोर्ट पर भी चर्चा की। अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर उसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे के पीएम का अमेरिका दौरा क्वाड,संयुक्त राष्ट्र महासभा में संबोधन ट्रेड, टेरर और तालिबान मुद्दों सहित संकल्पों का विजयपथ शामिल होगा। भारतीय पीएम के अमेरिका दौरे में ट्रेड रणनीति पांच नामी कंपनियों के सीईओ के साथ वन टू वन बैठक भारतीय नागरिकों के संकल्पों का विजयपथ साबित होगा।

 

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