चुनाव 2022 ब्रेन गेम मे आगे
प्रियंका सिंह
बार्षिक परीक्षा हो प्रतियोगी परीक्षा क्रिकेट, ब्यापार या अन्य प्रतियोगिता दिमागी संतुलन के साथ वाँडीलैंवेज से विपक्षी को धराशायी करना क्रिकेट की भाषा मे इसे स्लेजिंग कहते है जोकि अकसर बिपक्षी टीम के खिलाड़ी बैटसमैन की तंद्रा भंग करने के लिए किया करते है है 2022 विधानसभा के चुनाव मे मँहगाई, कोविड 19 महामारी की अनियमितता, पेट्रोल डीजल,खाद्य पदार्थों के दाम बेरोजगारी व प्रवासी मजदूरों की समस्या, निजी क्षेत्र के कर्मचारी, गैरमान्यता प्राप्त पत्रकारो आदि प्रमुख समस्याओ से विपक्ष का घ्यान भटका भारतीय जनता पार्टी ब्राह्मणो को साधने की अपनी चाल से सभी प्रमुख दलो को इसके फेर मे लपेट चुकी है बाकी का काम प्रशासन द्धारा दशको से माफियाओं के साम्राज्य को ढहा कर जिनके सामने शाशन प्रशासन बौना था आमजन मे सरकार का विश्वास कायम कर रही बची कसर 2022 मे सरकार बना कर उत्तरप्रदेश से माफियाओं गुंडों का साम्राज्य खत्म करना है 30% आमजन मजबूती के साथ सरकार के पक्ष मे खडा है जबकि 2017 मे वर्तमान सरकार को मिले वोट प्रतिशत से 9% कम है 9% मे भी कितने प्रतिशत वोट इंनकबैसी फेकटर से जुडेगे कोई एक दल.के पक्ष मे सत्ताधारी दल के प्रति नाराजगी के वोट पडेगे या चार पाँच दलो के बीच वोटो का विखराव होगा कहना मुश्किल है।
मँहगाई, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार यह तीन मुद्दे ऐसे है जिसपर खासफर्क इन 4.5 साल मे नही आया है अंतरराष्ट्रीय बाजार मे पेट्रोलियम पदार्थों की कीमते घटने.के बाबजूद आमजन को उसका लाभ ना मिलना ऐसे मुद्दे हावी ना होना विपक्ष और पत्रकारो की संयुक्त नाकामयाबी है। विपक्ष जहाँ आमजन. को पेट्रोलियम पदार्थों मँहगाई बेरोजगारी भ्रष्टाचार पर कैसे लगाम कसेगा समझाने मे विफल है वही पत्रकार इन ज्वलंत मुद्दों पर प्रामाणिकता के साथ प्रश्न पूछने मे विफल इन्हीं दरारों का लाभ सत्तारूढ दल को मिलना लाजमी है कुल मिलाकर भारतीय जनता पार्टी रणनीतिक रूप से विपक्ष पर 2022 मे हावी है ।।
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