डिज़िटल प्रौद्योगिकियों में शामिल करना वर्तमान समय की मांग -किशन भावनानी

कृषि क्षेत्र को नई और उभरती आधुनिक परंपरा 

प्रियंका सिंह 
आज वैश्विक रूप से तकनीकी क्षेत्र में बहुत ही तीव्र गति से विकास हुआ है और अब युग एक रोबोट सेवा की ओर बढ़ रहा है। जिसमें हर कार्य एक आधुनिक तकनीकी से निर्मित आर्टिफिशियल मानव याने रोबोट के द्वारा किया जाएगा। याने अब प्रौद्योगिकी क्षेत्र में हम मानवीय वैज्ञानिक एक प्राकृतिक सृष्टि रचना में निर्मित मानवके समकक्ष एक आर्टिफिशियल मानव को बना कर खड़ा कर देने की तैयारी में है!!! ठीक उसी प्रकार अब कृषि क्षेत्र में भी प्रौद्योगिकी की अनेक नई और उभरती आधुनिक डिजिटल सेवा को शामिल किया जा रहा है। याने किसानों की आमदनी बढ़ाने उपज़ रक्षा करने नई-नई तकनीकों का प्रयोग कर कृषि क्षेत्र को लागत से कई गुना अधिक आमदनी की रूपरेखा डिजिटल तकनीकी के माध्यम से बनाकर क्रियान्वयन किया जा रहा है...। 
डिज़िटल कृषि मिशन 2021-25 -किसानों की आमदनी बढ़ाने, उपज़ की रक्षा करने पांच कंपनियों के साथ पायलट परियोजनाओं पर समझौता हस्ताक्षर 
साथियों बात अगर हम भारत की करें तो भारत में भी 2021-25 के लिए एक डिजिटल कृषि मिशन की शुरुआत की गई है। जिसको और आगे बढ़ाते हुए कृषि एवं किसान कल्याणमंत्रालय ने दिनांक 14 सितंबर 2021 को निजी पांच बड़ी कंपनियों के साथ पांच समझौता ज्ञापन परहस्ताक्षर कर दिया है जिसका उद्देश्य किसानों की आमदनी बढ़ाना और उनके उपज की रक्षा करना है। पीआईबी के अनुसार माननीय कृषि मंत्री ने कृषि भवन में एक समझौता ज्ञापन हस्ताक्षर कार्यक्रम में संबोधन किया।ये समझौताज्ञापन सिस्को, निंजाकार्ट  जियो प्लेटफॉर्म्स लिमिटेड, आईटीसी लिमिटेड और एनसीडीईएक्स ई-मार्केट्स लिमिटेड (एनईएमएल) के साथ पायलट परियोजनाओं के लिए किया गया। डिजिटल कृषि के क्षेत्र में नई और उभरती प्रौद्योगिकियों को शामिल करने के लिए कृषि में राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस योजना (एनईजीपीए) को संशोधित किया गया है। पिछले वित्तीय वर्ष (202-021) के दौरान, इस संशोधित एनईजीपीए के अनुसार 10 राज्यों में पायलट परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है। इन पायलट परियोजनाओं के आधारपर किसान सोच समझकर ये फैसले लेने में सक्षम हो जाएंगे कि कौन-सी किस्म के बीज उपयोग करने हैं और अधिकतम उपज के लिए कौन सी विधियां अपनानी हैं। 
कृषि आपूर्ति श्रृंखला से जुड़े लोग सही समय और समयबद्ध जानकारी पर अपनी खरीद और लॉजिस्टिक की योजना बना सकते हैं। किसान इस बारे में उचित फैसला ले सकते हैं कि अपनी उपज को बेचना है या भंडारण करना है और कब, कहां व किस कीमत पर बेचना है। 
सरकार ने आर्टीफिशियल इंटेलिजेंस  ब्लॉक चेन, रिमोट सेंसिंग और जीआईएस तकनीक, ड्रोन व रोबोट आदि के उपयोग के लिए 2021-25 की अवधि को ध्यान में रखते हुए एक डिजिटल कृषि मिशन की शुरुआत की है। कृषि क्षेत्र में बदलाव के किसी प्रयास में एक इकोसिस्टम से जुड़ी सोच और एक डिजिटल इकोसिस्टम को अपनाने की जरूरत होती है। कृषि मूल्य श्रृंखला फसल चयन से लेकर फसल प्रबंधन और बाजार तक फैली होती है; कृषि से जुड़ी सामग्रियों व सेवाओं और लॉजिस्टिक में भी सार्वजनिक और निजी कंपनियां शामिल होती हैं। 
कृषि के डिजिटल इकोसिस्टम की स्थापना के लिए नवाचार को प्रोत्साहन देने के अलावा इंटर ऑपरेबिलिटी, डाटा गवर्नेंस, डाटा गुणवत्ता, डाटा मानक,सुरक्षा और निजता के पहलुओं पर एक दीर्घकालिक नज़रिए की जरूरत होती है। एक विकेंद्रीकृत और संस्थागत व्यवस्था को अपनाना एक अहम आवश्यकता है, जिससे सेवा प्रदाताओं और सभी अन्य पक्षों की स्वायत्ता का भरोसा मिलता है और साथ ही इंटर आपरेबिलिटी सुनिश्चित होती है। 
कृषि में डिजिटलीकरण के महत्व को स्वीकार करते हुए विभाग एक संस्थागत फार्मर्स डाटाबेस तैयार कर रहा है और इस डाटाबेस के इर्दगिर्द विभिन्न सेवाओं को विकसित कर रहा है, जिससे कृषि का एक डिजिटल इकोसिस्टम तैयार किया जा सके। किसानों के संस्थागत डाटाबेस को देश भर के किसानों की जमीनों के रिकॉर्ड के साथ जोड़ा जाएगा, साथ ही विशेष फार्मर आईडी तैयार की जाएगी। इस एकीकृत डाटाबेस के अंतर्गत सभी किसानों के लिए केन्द्र व राज्य सरकार के सभी लाभों और विभिन्न योजनाओं के समर्थन से जुड़ी जानकारी रखी जाएगी और यह भविष्य में किसानों को लाभान्वित करने के उद्देश्य से जानकारियां हासिल करने का स्रोत बन सकता है।अभी तक, डाटाबेस लगभग 5.5 करोड़ किसानों के विवरण के साथ तैयार है।
...साथियों बात अगर हम किसानों के लिए एक अन्य योजना पीएम कृषि सिंचाई योजना (पीएमकेएसवाई) 2021 की करेंतो इसका उद्देश्य जैसे कि हम जानते है कि अगर फसल को उचित मात्रा में पानी नहीं मिलेगा तो वह ख़राब हो जाती है। जिससे किसानो को भी बहुत ही नुकसान उठाना पड़ता है ।भारत एक कृषि प्रधान देश है देश के सभी किसान कृषि कर ही निर्भर करते है लेकिन देश के किसानों को जमीन पर खेती करने की समस्या को देखते हुऐ सरकार नये-नये कदम उठा रही हैं। इस योजना के ज़रिये देश के हर खेत को पानी पहुँचाना है।
इस पीएम कृषि सिंचाई योजना 2021 के माध्यम से ज्यादा बल जल संसाधनों को अधिकतम उपयोग पर हैं, ताकि बाद और सूखे के आवेग से होने वाले नुकसान की रोकथाम की जा सके। ऐसा करने से उपलब्ध संसाधनों का कुशल उपयोग हो सकेगा और साथ ही किसानों को अधिक पैदावार मिलेगी।  पीएम कृषि सिंचाई योजना 2021 के ज़रिये किसानो कि आय में भी बढ़ोतरी होगी। 
अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर उसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे के डिजिटल कृषि मिशन 2021-25 किसानों की आमदनी बढ़ाने, उपज़ की रक्षा करने जो पांच कंपनियों के साथ पायलट परियोजनाओं पर समझौता हस्ताक्षर किए गए हैं वह कृषि क्षेत्र को नई और उभरती आधुनिक डिजिटल प्रौद्योगिकियों का लाभ दिलाने में कामयाब सिद्ध होगी। 

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