पोषण वाटिका से बच्चों की बनाई जा रही सेहत -जिले में हैं 167 पोषण वाटिकाएं

वशिष्ठ मौर्य 

देवरिया. महिलाओं और बच्चों के विकास एवं उनके स्वास्थ्य को बेहतर रखने में स्वस्थ और पोषक आहार की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। जिले में बच्चों को सुपोषित बनाने के लिए 167 प्राथमिक विद्यालयों में पोषण वाटिकाएं बनाई गई हैं, ताकि यहां आने वाले बच्चों, महिलाओं को भोजन के साथ पोषक तत्वों से भरपूर हरी सब्जिया मिल सके। विद्यालय परिसर में ही मुनगा, लाल भाजी, पालक भाजी, सहित अन्य पौष्टिक साग-सब्जी उगाकर उन्हें भोजन के साथ परोसी जा रहीं है।

पोषक तत्वों से भरपूर आहार मिलने से विद्यालय आने वाले बच्चों के सेहत सुधारी जा रही है।

डपीओ कृष्णकांत राय ने बताया जिला प्रशासन के दिशा-निर्देशन में महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा जिले के बरहज, भागलपुर, रुद्रपुर, भाटपाररानी, सालेपुर, भटनी, बनकटा, लार, पथरदेवा, रामपुरकरखना, तरकुलवा, देसई देवरिया, भलुअनी, बैतालपुर बालक के प्राथमिक विद्यालय परिसर में  आकर्षक पोषण वाटिका निर्मित की गई है जहां उत्पादित हरी सब्जियों को बच्चों के भोजन में शामिल कर उनके पोषण में वृद्धि की जा रही है, जिससे बच्चों को बेहतर आहार उपलब्ध हो और वे कुपोषण के शिकार न हो। 

इस पहल से न सिर्फ बच्चों के पोषण स्तर में सकारात्मक बदलाव हो रहा है, बल्कि माताओं को भी पौष्टिक आहार मिलने लगा है। सब्जियों और पत्तेदार सब्जियों (जिनमें आयरन ज्यादा पाया जाता है) पर ज्यादा जोर दिया जा रहा है। इसके माध्यम से बच्चों के मिड-डे मील को पोषक तत्वों से भरपूर बनाया जाएगा और कुपोषण की समस्या से निजात मिलेगी। सहजन, पपीता, पालक, आंवला, नींबू, लौकी आदि में  विटामिन-बी काम्पलैक्स भी प्रचुर मात्रा में होता है। इनमे पोषण के साथ-साथ भरपूर मात्रा में आयरन और कैल्शियम मौजूद होता है। 

बढ़ते बच्चे को कैल्शियम संपन्न खुराक चाहिए। उन्होंने बताया कि पोषण के प्रति जागरूकता के लिए ही सितंबर माह को पोषण माह के रूप में मनाया जा रहा है। इसके तहत विविध कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है ।

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