हिन्दी भाषा को राष्ट्रभाषा का दर्जा दिलाने का संकल्प


हिन्दी प्रचार-प्रसार सेवा संस्थान द्वारा राजकीय आईटीआई परिसर में आयोजित हिन्दी दिवस समारोह में भाषा-साहित्य, धर्म-संस्कृति एवं कला-शिक्षा का मनोहारी संगम दृश्यमान हुआ..


सुजाता मौर्या
अयोध्या।  जहाँ एक ओर विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान के लिए दर्जनों विशिष्ट विभूतियों को प्रशस्ति-पत्र एवं अंगवस्त्र प्रदान करके सम्मानित किया तथा वहीं दूसरी ओर तमाम विद्वान वक्ताओं ने ‘‘हिन्दी भाषा की समृद्धता से भारतीय सभ्यता सुरक्षित’’ विषय पर अपने सारगर्भित विचार भी रखे। साथ ही हिन्दी भाषा को राष्ट्रभाषा का दर्जा दिलाने का संकल्प भी दोहराया। समारोह में कवि सम्मेलन भी आकर्षण का केन्द्र बना रहा। 

इस अवसर पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में उ0 प्र0 के कानून मंत्री बृजेश पाठक ने समारोह को सम्बोधित करते हुये कहा कि हिन्दी भाषा हमारे देश की सभ्यता, संस्कृति और अस्मिता की पहचान है। हिन्दी ऐसी भाषा है जो नित्य नये-नये शब्दों को स्वयं में समाहित करती रहती है। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद कई दशकों तक किसी व्यक्ति की विद्वता उसके अंग्रेजी ज्ञान के आधार पर आंकी जाती थी। लेकिन इधर के कुछ वर्षों में हमारी भाषाई संस्कृति का पूरा परिदृश्य बदला है। 

उच्चतम न्यायालय की पहल से अब तमाम अदालती फैसले एवं आदेश हिन्दी भाषा में आने लगे हैं। तमाम दूसरी भाषाओं को भी हिन्दी ने आत्मसात करके अपने शब्दकोष को समृद्ध एवं विस्तृत किया है। हाल के वर्षों में शासन-सत्ता की सार्थक पहल से हिन्दी का सम्मान बढ़ा है। 

हम सबको मिलकर हिन्दी को विश्व की सम्पर्क भाषा बनाना होगा। विशिष्ट अतिथि के तौर पर उपस्थित पूर्व सांसद डाॅ0 निर्मल खत्री ने अपने संबोधन में कहा कि हिन्दी दुनिया की एकमात्र ऐसी भाषा है जिसमें जो जैसा लिखा जाता है वैसा ही पढ़ा और बोला भी जाता है। डाॅ0 राम मनोहर लोहिया अवध विश्व विद्यालय अयोध्या के कुलपति आचार्य रविशंकर सिंह ने विशिष्ट अतिथि के रूप बोलते हुये कहा कि हिन्दी हमारी आत्मा है, वह हमारे जन मन मंे बसी हुयी है। 

हिन्दी के बिना हमारी संस्कृति व सभ्यता सुरक्षित नहीं रह सकती है। समारोह को मानस मर्मज्ञ साध्वी डाॅ0 सुनीता शास्त्री, श्रीराम जन्मभूमि के मुख्य अर्चक आचार्य सतेन्द्र दास जी महाराज, वरिष्ठ समाजसेवी व वामपंथी नेता सूर्य कांत पाण्डेय, प्रधानाचार्य डाॅ0 एकता त्रिपाठी, दशरथ गद्दी के महंत बृजमोहन दास, डाॅ0 निशा माथुर, सहारा के पत्रकार उग्रसेन मिश्र, पूर्व विधायक माधव प्रसाद त्रिपाठी, प्रेसक्लब अयोध्या अध्यक्ष महेन्द्र त्रिपाठी, संस्थान के प्रदेश अध्यक्ष दिनेश कुमार सिंह वत्स, सैयद मो0 इरफान खानं, अशफाक जी, राजयोगिनी माधुरी बहन, डाॅ0 शशि मौर्य, रामानन्द शुक्ल, आचार्य दयानिधान, आशु कवि अशोक टाटम्बरी, डॉ0 देवी सहाय पाण्डेय "दीप", आचार्य रघुनाथ शास्त्री,संस्थान के जिलाअध्यक्ष अजय मौर्य, महिला शाखा जिलाध्यक्ष काजल पाठक, समाजसेवी दीपिका सिंह, आशीष मौर्य, अपना दल के सम्राट अंजनी मौर्य, मदन प्रकाश मौर्य आदि प्रमुख लोगों ने सम्बोधित किया।

इस समारोह की अध्यक्षता उदासीन संगतऋषि आश्रम रानोपाली के महंत डाॅ0 स्वामी भरत दास जी महाराज कर रहे थे तथा संचालन समारोह के संयोजक व संस्थान के  राष्ट्रीय महामंत्री डाॅ0 सम्राट अशोक मौर्य ने किया। मंच पर मुख्य अतिथि व अन्य विशिष्ट अतिथियों के हाथों संस्था की ओर से जिन विशिष्ट साहित्यप्रेमियों व बुद्धिजीवियों को डाॅ0 शिवबरन मौर्य ‘‘साहित्यभूषण’’ सम्मान व डाॅ0 रामरती कुंवरि मौर्य ‘‘साहित्य गौरव’’ सम्मान से अंलकृत किया गया उनमें प्रमुख रूप से रामानन्द सागर, सलाम जाफरी, दीपिका सिंह, दीदी, गीतकार अवध राज मौर्य, डाॅ0 मानसी द्विवेदी, भानु प्रताप सिंह "भयंकर", अखलेश चौधरी,पत्रकार भानु प्रताप सिंह, सी. ए. चक्रवर्ती मौर्य, प्रशांत मौर्य, नारी शक्ति की  जया सिंह, भारती सिंह, पत्रकार विकास पाण्डेय, आदेश श्रीवास्तव, विशाल मिश्र, डाॅ0 अनीता सिंह, कविराज दास, पार्षद महेन्द्र शुक्ल, रीतेश दास, शीतला वर्मा, डाॅ0 एस0पी0 द्विवेदी सहित सैकड़ों लोगों के नाम शामिल रहे। कार्यक्रम के समापन सत्र में स्कूली बच्चों ने रंगारग कार्यक्रम प्रस्तुत किये जिसमें राधाकृष्ण के रूप में सजेे बच्चों की नृत्य, झांकी ने चार-चांद लगा दिया। 

अंत में संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजकुमार मौर्य ने सभी का आभार प्रकट करते हुये हिन्दी के राष्ट्रभाषा बनने तक संघर्ष करने का संकल्प दिलाया।

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