जड़ी-बूटी दिवस के रुप में मनाया आचार्य बालकृष्ण का जन्मदिन

नई पीढ़ी के प्रेरणा श्रोत हैं आचार्य बालकृष्ण -शिवेन्द्र प्रकाश द्विवेदी

प्रमुख संवाददाता 

लखनऊ चहुंमुखी विकास को समर्पित राष्ट्रीय स्तर पर उभरते संगठन 'नई पीढ़ी फाउंडेशन' ने आचार्य बालकृष्ण का जन्म दिवस जड़ी-बूटी दिवस के रुप में मनाया, इस दौरान फाउंडेशन द्वारा तुलसी के पौधे वितरित किए गए, इससे पूर्व फाउंडेशन द्वारा प्रकाशित जड़ी-बूटी विशेषांक' का विमोचन उत्तर प्रदेश के विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित के हाथों संपन्न हुआ नई पीढ़ी फाउंडेशन के हजरतगंज स्थित लखनऊ कार्यालय में आचार्य बालकृष्ण के जन्मदिन जड़ी-बूटी दिवस के उपलक्ष्य में देश के प्रख्यात चिंतक, विचारक और स्तंभकार आर.विक्रम सिंह तथा लखनऊ के प्रतिष्ठित उद्यमी शीत कुमार दुबे (ग्रैंड ओरियन के मालिक) द्वारा संयुक्त रुप से लोगों को तुलसी के पौधे वितरित किए गए। 

इस दौरान नई पीढ़ी फाउंडेशन के संस्थापक शिवेंद्र प्रकाश द्विवेदी ने कहा कि पतंजलि योगपीठ के सीईओ आचार्य बालकृष्ण के जन्मदिवस को जड़ी-बूटी दिवस  पिछले साल से ही नई पीढ़ी द्वारा मनाया जा रहा है! पिछली बार संगठन ने यह कार्यक्रम अपने दिल्ली स्थित कार्यालय से संपन्न किया था। इस बार 'जड़ी-बूटी दिवस' नई पीढ़ी के लखनऊ कार्यालय में मनाने का फैसला किया गया। 

श्री द्विवेदी ने आगे कहा कि आयुर्वेद  वैदिक संस्कृति की महान उपलब्धि रही। जिसे वक्त के साथ लोग भूलते चले गये। जिस पर आधुनिक दौर में आचार्य बालकृष्ण जी ने सर्वाधिक काम किया है। उनके द्वारा लिखी गई औषध दर्शन ,विश्व भेषज संहिता चेकलिस्ट, अजीर्णामृतमंजरी, आयुर्वेद सिद्धान्त रहस्य, जड़ी बूटी रहस्य, वेद वर्णित वनस्पतियां, विश्व भेषज संहिता,दिव्य औषधीय सुगंधित एवं सौंदर्यीकरण पौधे, अष्ट वर्ग -रहस्य, प्लांट फैमिलीज ऑफ द वर्ल्ड, वैद्य शतश्लोकी,जैसी तमाम पुस्तकें देश-विदेश के लाखों वैद्यों के चिकित्सकीय प्रशिक्षण की आधारशिला बनी है।

दुनिया मे करीब साढ़े चार लाख से अधिक विभिन्न प्रकार के पौधे हैं, जिनमें से 67400 औषधीय गुणों से युक्त पौधों की पहचान कर उनके नामों की सूची तैयार करने का पहला प्रयास आचार्य बालकृष्ण ने अपने सहयोगियों के साथ मिलकर किया है। वह जिस तरह से लगातार जड़ी बूटियों पर शोधरत हैं, उसे देखते हुये महसूस होता है कि निश्चित रूप से उनके ऐसे अनेक प्रयास पुनः भारतीय आर्युवेद की महत्ता से सम्पूर्ण विश्व को परिचित कराकर मनुष्य की तमाम शारीरिक व्याधियों का निर्मूलन करेंगे।

आज कोरोना काल में जब पूरी मानवता कराह रही ऐसे में जड़ी बूटियां ही हम भारतीयों का सबसे बड़ा संबल बनीं हैं।  पिछले वर्ष नई दिल्ली में आचार्य बालकृष्ण जी के जन्म दिन 'जड़ी-बूटी दिवस' को तुलसी के पौधे लोगों के बीच वितरित किए गए थे, उसी परंपरा का निर्वहन करते हुए इस बार भी "नई पीढ़ी" द्वारा तुलसी के पौधे वितरित किए जा रहे हैं। कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त करते हुए देश के प्रख्यात स्तंभकार आर विक्रम सिंह ने कहा कि जड़ी बूटियां हमारी जरूरत है, कोरोना काल में हम लोगों को इसका महत्व पता चल गया है ऐसे में लोगों को जड़ी बूटियों के प्रति जागरूक करना बहुत आवश्यक है  

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