अरविन्द राव का तालीबानी फरमान चलता है कान्हा उपवन में۔۔




संजय सिंह 

लखनऊ, लखनऊ का कान्हा उपवन, कहने को तो गौवों की सेवा व सुरक्षा के संकल्प का उपवन है परन्तु व्यवस्था नारकीय है। कुन्डरी रकाबगंज निवासी पीड़ित राजेश शुक्ला की बीस लीटर दूध देने वाली गाय कान्हा उपवन से गायब है जबकि उसके साथ बन्द हुए तीन बछड़े उपवन में मिले। शुक्ला ने 13 अगस्त को अपनी गायों को छुड़ाने के लिए नगर निगम मुख्यालय में प्रार्थना पत्र दिया, जिस पर नगर निगम के पशु-चिकित्सक व पशुपालन कल्याण बोर्ड के ज्वाइन्ट डायरेक्टर अरविन्द राव ने अपना तालिबानी आदेश जारी करते हुए बिछड़ों को छोड़ने के लिए 44 हजार पेनाल्टी लगा दी। बहुत मिन्नत करने पर राव ने पेनाल्टी को आधा कर दिया। शुक्ला जी ने कहा बछड़े पांच हजार के भी नहीं हैं परन्तु पेनाल्टी चौवालिस कहां का कानून है। कान्हा उपवन की दुर्दशा देखने और लिखने वाले  पत्रकारों के कान्हा उपवन में  प्रवेश पर भी प्रतिबंध है। उपवन में बन्द तमाम गाय बछड़े समय पर  उचित चारा भूसा न मिलने के कारण मर जाते हैं जिनका भी कोई रिकॉर्ड नहीं रहता।कैटिल कैचिंग टीम द्वारा पकड़ कर लाई गयी तमाम अच्छी नस्ल की  गायों की गेट के बाहर से ही  सौदेबाजी कर बिक्री कर दी जाती है।

टिप्पणियाँ