कर्मचारियों व अधिकारियों को जारी किए कड़े दिशा निर्देश -मंडलायुक्त

मुख्यमंत्री द्वारा सरकारी कर्मचारियों व अधिकारियों को जारी किए कड़े दिशा निर्देश -मंडलायुक्त 

संजय मौर्य 

कानपुर। मंडला आयुक्त डॉ राजशेखर के मुताबिक  मुख्यमंत्री ने सभी सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों को कार्यालय में समय पर अपनी उपस्थिति सुनिश्चित करने और जनता की शिकायतों को प्रभावी ढंग से निराकरण करने के निर्देश दिए हैं। उ0प्र0 सरकार ने इस संबंध में सभी विभागों को समय-समय पर विस्तृत आदेश जारी किए हैं। जमीनी स्थिति का जायजा लेने के लिए आज पूर्वान्ह 10ः25 से 11ः00 बजे के बीच विकास भवन, रावतपुर, कानपुर नगर का औचक निरीक्षण किया गया। बाद में इन्द्रपाल सिंह जिला कार्यक्रम अधिकारी, आरती जायसवाल जिला युवा कल्याण अधिकारी उपस्थित हुए। निरीक्षण की टिप्पणियों पर दिए गए  महत्वपूर्ण निर्देश कि विकास भवन के 09 विभागों का औचक निरीक्षण किया गया। 

निरीक्षण के दौरान  आर0के0 चौधरी परियोजना निदेशक जिला ग्राम विकास अधिकारी, परियोजना अधिकारी नेडा, प्रदीप कुमार सहायक अर्थ एवं संख्या अधिकारी,  लालमणी मौर्या जिला पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी, अन्सल कुमार सहायक आयुक्त एवं सहायक निबन्धक और  गजेन्द्र प्रताप सिंह, उपायुक्त, स्वतः रोजगार, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन समेत 22 प्रतिशत से अधिक अधिकारी और कर्मचारी समेत इन 09 विभागों के कुल 79 कर्मचारियों की उपस्थिति की जांच की गई, जिनमें से 18 कर्मचारी ड्यूटी से अनुपस्थित पाए गए। साथ ही यह भी पाया गया कि अधिकांश उच्चाधिकारी (जो अधिकारियों/कर्मचारियों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदार हैं) भी अनुपस्थित पाए गए और साथ ही उन्होंने कई महीनों से उपस्थिति रजिस्टर को “देखा (सीन)“ या “चेक“ नहीं किया है। कुछ अधिकारी और कर्मचारी कई दिनों से अनुपस्थित पाए गए, जिनका उपस्थिति रजिस्टर में कोई कारण या टिप्पणी उल्लेख नहीं है।

इन सभी अनुपस्थित अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ प्रभावी कारवाई करने के साथ ही मुख्य विकास अधिकारी, कानपुर नगर को सभी अनुपस्थित अधिकारियों और कर्मचारियों को कारण बताओ नोटिस जारी करने और अगले 3 दिनों में उनका स्पष्टीकरण प्राप्त करने तथा उनके अनुसार उचित प्रशासनिक कार्रवाई करने के निर्देश दिए गये। मुख्य विकास अधिकारी, कानपुर नगर को प्रत्येक अनुभाग के प्रभारी अधिकारियों को उनकी अनधिकृत  अनुपस्थिति  के  लिए  कारण  बताओ  नोटिस  जारी  करने और यह  भी सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि दैनिक रूप से विभाग/अनुभागवार उपस्थिति विवरण उनके समक्ष सुबह 10ः30 बजे तक प्रस्तुत करें।यह भी पाया गया कि बहुत सारे अधिकारियों के पास उसी विभाग के अन्य पदों का अतिरिक्त चार्ज है और कुछ जिला स्तरीय अधिकारियों के पास बीडीओ का अतिरिक्त चार्ज है, लेकिन वह किस दिन किस कार्यालय में रहकर अपना कार्य सम्पादित करेंगे, इसका कोई स्पष्ट आदेश नहीं पाया गया। 

मुख्य विकास अधिकारी से यह अपेक्षा की गयी कि वे इस सम्बन्ध में स्पष्ट आदेश निर्गत करे और उससे जनता को भी अवगत करायें, ताकि जन सुनवाई का कार्य सुचारू रूप से किया जा सके। निरीक्षण के दौरान इस भवन में कोई भी भ्रमण पंजिका नहीं पायी गयी, जिसके आभाव में क्षेत्र पर निरीक्षण/चेकिंग हेतु गयेे अधिकारियों का विवरण प्राप्त नहीं हो सका। 

इस सम्बन्ध में स्पष्ट निर्देश जारी हुए है कि एक सप्ताह के अन्दर भ्रमण पंजिका अनिवार्य रूप से तैयार कर लें, ताकि फील्ड पर जाने से पहले अधिकारी उस पर अपना विवरण भर सके और इस सम्बन्ध में सूचना समय से उच्चाधिकारियों को प्रेषित की जा सके। विकास भवन में बिल्डिंग का रख-रखाव बहुत ही खराब स्थिति में यथा- भवन की दीवारों, कांच की खिड़कियों व दरवाजों पर पान-मसाला थूका हुआ पाया गया, कुछ दरवाजें और खिड़कियां टूटी हुई पायी गयी, जो कदापि उचित नहीं है। इसें गंभीरता से लेते हुए डीडीओ, कानपुर नगर (जिला विकास अधिकारी) को लिखित चेतावनी दी गयी और मुख्य विकास अधिकारी, कानपुर नगर को एक माह का समय देते हुए भवन की साफ-सफाई और छोटे-मोटे रिपेयर आदि कराने के निर्देश दिये गये। 

15 सितम्बर के बाद पुनः विकास भवन का निरीक्षण किया जायेगा। उसके बाद भी यदि स्थितियां खराब पायी जाती है, तो सम्बन्धित के विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाही की जायेगी।  यह भी देखा गया है कि विकास भवन में COVID प्रोटोकॉल का ठीक से पालन नहीं किया जा रहा है। बहुत से अधिकारी और कर्मचारी बिना मास्क के पाये गये, जो कदापि उचित नहीं है। उदाहरण के तौर पर  धर्मेश कुमार, पी0आर0डी0, कम्प्यूटर आपरेटर, जिला युवा कल्याण अधिकारी कार्यालय के मास्क न पहनने पर उनका 1000/- का चालान काटा गया। 

उक्त के अतिरिक्त भवन में कोविड हेल्प डेस्क पर स्टाफ भी नदारद था और यह हेल्पडेस्क कार्यात्मक भी नहीं था। इस पर मुख्य विकास अधिकारी, कानपुर नगर को उपरोक्त धर्मेश कुमार का 1000/- का मास्क चालान कर अवगत कराने और विकास भवन में कोविड हेल्प डेस्क कार्यात्मक कराते हुए कोविड प्रोटोकाल का कड़ाई से अनुपालन कराने हेतु तत्काल आवश्यकतानुसार उचित सुधारात्मक उपाय करने के निर्देश दिये गये।

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