सरकार पर जमकर गरजे अविनाश कुशवाहा

एसडीएम को सौंपा ज्ञापन

सोनभद्र। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश सिंह यादव के निर्देशान पर तहसील में जमकर भाजपा सरकार को कोसा कि  ब्लाक प्रमुख एवं जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनावों में भाजपा सरकार द्वारा की गई धांधली से लोकतंत्र की हत्या की गयी और बढ़ती मंहगाई, बिगड़ी कानून व्यवस्था, नौजवानों की बेरोजगारी, किसानों के ऊपर थोपे जा रहे काले कृषि कानून, महिलाओं से दुर्ब्योहार,स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली, कार्यकर्त्ताओं पर फर्जी केश लगाने और प्रशासन द्वारा सत्ता के दुरुपयोग आदि को लेकर जमकर विरोध प्रदर्शन किया गया। 

स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव की बात बेईमानी हो गई -अविनाश कुशवाहा

तहसील परिसर में प्रदर्शन कर राज्यपाल के सम्बोधन में जिलाधिकारी को 16 सूत्रीय ज्ञापन सौंपकर मांग किया।प्रदर्शन करते हुए पूर्व विधायक अविनाश कुशवाहा ने कहा है कि उत्तर प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के अंतर्गत जिला पंचायत अध्यक्ष एवं ब्लाक प्रमुख के चुनाव में जो गुंडागर्दी और लोकतंत्र की हत्या भाजपा राज में हुई है। उसकी कोई कल्पना नहीं की थी। 8 जुलाई 2021 को प्रमुख पद के नामांकन के समय विपक्ष के प्रत्याशी, प्रस्तावको, समर्थकों, महिलाओं के साथ शर्मनाक घटना के साथ धक्का-मुक्की और उन्हें चोट पहुंचाने की कोशिश इस घटना से साफ जाहिर है कि स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव की बात बेईमानी हो गई है। 

जिला पंचायत अध्यक्षों एवं ब्लाक प्रमुख के चुनाव में 3 जुलाई 10 जुलाई 2021 को सत्ता पक्ष के प्रत्याशी को जिताने के लिए विपक्ष के साक्षर जिला पंचायत, क्षेत्र पंचायत सदस्यों के साथ जबरन हेल्पर लगाकर वोट डलवाए गए। जिसमें जिला प्रशासन के अधिकारियों की भी भूमिका रही। मतदान के पूर्व जिला पंचायत, क्षेत्र पंचायत सदस्यों को डराया धमकाया गया। 8 जुलाई 2021 को ब्लाक प्रमुख के निर्वाचन के लिए नामांकन की अंतिम तारीख थी। नामांकन के दौरान सत्ता पक्ष का कार्यकर्ता बनकर पुलिस प्रशासन दौड़ दौड़ कर काम करने लगा। और समाजवादी पार्टी के प्रत्याशियों, समर्थकों पर हमलों के साथ नामांकन पर्चे फाड़ने के कृत्य किए गए। 

सैकड़ों ब्लॉकों में नामांकन करने नहीं दिया गया है। 10 जुलाई 2021 को मतदान के दिन भी भाजपा छल बल  से जीतने में लगी रही। समाजवादी पार्टी के प्रत्याशियों उनके समर्थकों को मारा पीटा गया। और पंचायत चुनावों के दौरान समाजवादी पार्टी व विपक्ष के नेताओं व कार्यकर्ताओं के साथ हुई हिंसा को लोकतंत्र शर्मसार और कलंकित हुआ। उत्तर प्रदेश के त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में डबल इंजन की सरकार द्वारा की गई प्रायोजित हिंसा ने भारत के संविधान को नजर अंदाज करते हुए हिटलर और मुसोलिनी की तानाशाही से कई कदम आगे निकल चुकी है। उन्होंने बताया कि समाजवादी पार्टी ने राज्य निर्वाचन आयोग को प्रारंभ से ही सत्ता पक्ष द्वारा पंचायती चुनावों को प्रस्तावित कर अपने पक्ष में करने की साजिश के बारे में लगातार सूचित करते हुए आगाह किया था पर चुनाव आयोग द्वारा कोई कार्यवाही नहीं हुई। 

भारत के संविधान में दिए गए लोकतंत्र की ब्यवस्था के यह सर्वथा विपरीत है। समाजवादी पार्टी दिए गए ज्ञापन में मांग करते हुए कहा है कि किसानों को उनकी लाभकारी फसलों का लाभ एवं न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी दी जाए। प्रदेश में किसानों का गन्ने का बकाया भुगतान 15 हजार करोड़ रुपए तत्काल दिए जाएं। किसानों के ऊपर जो काला कृषि कानून थोपा जा रहा है उसे तत्काल वापस लिया जाए।‍ बढ़ती महंगाई पर रोक लगाई जाए। बेरोजगार नौजवानों को रोजगार दिया जाए। उत्तर प्रदेश में ध्वस्त कानून व्यवस्था को दुरुस्त किया जाए। महिलाओं के साथ हो रहे अपराध पर रोक लगाई जाए। समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं के ऊपर फर्जी मुकदमे लगाना बंद किया जाए तथा उत्पीड़न पर रोक लगायी जाए। 

पत्रकारों के ऊपर लगातार हो रहे हमले और हत्यारों पर रोक

उत्तर प्रदेश भाजपा सरकार द्वारा किए जा रहे संगठित अपराधो को अविलंब बंद किया जाए। उत्तर प्रदेश की बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था को तुरंत दुरुस्त किया जाए। बढ़ते भ्रष्टाचार पर रोक लगाई जाए। कोरोना काल में सरकार द्वारा किए जा रहे भ्रष्टाचार की जांच कराई जाए। मृतकों के परिजनों को मुआवजा दिया जाए। जिला पंचायत व क्षेत्र पंचायत अध्यक्षों के चुनाव में हुई धांधली एवं हिंसा की जांच कराई जाए। जांच में पाए गए दोषियों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए और पुनः मतदान कराया जाए। पत्रकारों के ऊपर लगातार हो रहे हमले और हत्यारों पर रोक लगाई जाए।

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