इस शताब्दी की संजीवनी है, कोविड टीका


संजय गोस्वामी

आगरा। कोरोना के खिलाफ टीके के असर को लेकर अब सटीक नतीजे सामने आने लगे हैं।  वैक्सीन एक डोज ले चुके लोगों में मौत का खतरा 92% घटा हैं। अध्ययन से साबित हुआ हैं कि कोविड टीका जान की रक्षा करता हैं।

इस संदर्भ में डॉ उमेश शर्मा ने अपनी महत्वपूर्ण बात को आगे बढ़ाते हुए संवाददाता वार्ता में बताया कि पीजीआई चंड़ीगढ़ के एक अध्ययन में दावा किया है कि कोविड टीके की एक खुराक ले चुके लोगों में यह 92 फीसदी कम हुआ। जबकि टीके की दोनों खुराक ले चुके लोगों में मृत्यु का खतरा 98 फीसदी कम हुआ। 

अध्ययन से साबित हुआ कि कोविड टीका जान की रक्षा करता हैं : डॉ उमेश शर्मा 

नीति आयोग के सदस्य ने पीजीआई चंडीगढ़ के शोधकर्ताओं ने इस अध्ययन का ब्योरा पेश किया हैं। उसमें कहा गया हैं कि यह अध्ययन वास्तविक आंकड़ों पर है। इसे पुलिस के जवानों पर किया गया है। अध्ययन के अनुसार, पंजाब पुलिस के 4868 जवानों ने टीके की एक भी खुराक नहीं ली थी। इनमें से 15 की मृत्यु हो गई। यानी प्रति हजार पर मृत्यु 3.08 दर्ज की गई। जबकि 35856 पुलिसकर्मियों ने टीके की एक खुराक ली थी, जिनमें से 9 की मृत्यु हुई। यह दर प्रति एक हजार कर्मियों पर 0.25 रही। 

पंजाब पुलिस के 42720 कर्मियों ने टीके की दोनों खुराक लगा ली थी, जिनमें से दो लोगों की मृत्यु हुई। प्रति एक हजार पर यह दर 0.05 दर्ज की गई है। इस अध्ययन में संक्रमण के आंकड़े नहीं हैं, सिर्फ मृत्यु के आंकड़े एकत्र किए गए हैं। यह अध्ययन बताता है कि एक खुराक लेने पर मृत्यु से बचाव 92 फीसदी और दोनों खुराक लेने पर 98 फीसदी होता है। इससे पहले सीएमसी वेल्लूर ने भी स्वास्थ्यकर्मियों पर एक अध्ययन किया था, उसके नतीजे भी इससे मिलते-जुलते थे। अध्ययन से साबित होता है कि टीका जान की रक्षा करता है। इस लिए भ्रम व अफवाहों पर ध्यान ना दें और अपनी वारी आने पर कोविड टीका अवश्य लगवाएं।

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