उड़ता"वक़्त के साथ۔۔


सुरेंद्र सैनी बवानीवाल 

 किरदार की कीमत....


कैसे उसके किरदार की कीमत बढ़ गयी

कैसे उसके व्यवहार की ज़ीनत' बढ़ गयी

(सजावट )


हर शख़्स के साथ उसने आईना बदला

कैसे उस  कलाकार की सीरत बढ़ गयी


उसने हर हाल  में  खुद को बदल लिया

कैसे उसके आभार की किरत' बढ़ गयी

(प्रशंसा)


घूमा है वो सबके दिल में अदब के साथ

कैसे उस असरदार की तीरथ बढ़ गयी


"उड़ता"वक़्त के साथ अमीरत बढ़ गयी

तभी उसके किरदार की कीमत बढ़ गयी


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