यूपी बोर्ड शिक्षक एवं शिक्षा बचाओ संघर्ष समिति के द्वारा प्रदर्शन
संजय गोस्वामी
आगरा। अवंतीबाई चौराहे से लेकर कमिश्नरी तक प्रदर्शन कर मंडलायुक्त महोदय को ज्ञापन सौंपा और मांग की आगरा मंडल में यूपी बोर्ड मान्यता प्राप्त हिंदी मीडियम स्कूलों में ऑनलाइन शिक्षण कार्य की फर्जी रिपोर्ट शिक्षा अधिकारियों के द्वारा शासन को भेजी जा रही है।
जबकि वास्तविकता में सच्चाई कुछ है जैसे उदाहरण के तौर पर जनपद आगरा में हिंदी मीडियम माध्यमिक के 903 स्कूल संचालित हैं जिनमें 755 वित्तविहीन मान्यता प्राप्त स्कूल 109 अशासकीय एवं 39 शासकीय स्कूल है।
हिंदी मीडियम वित्तविहीन स्कूलों में ऑनलाइन शिक्षण कार्य बिल्कुल भी नहीं चल रहा है जबकि आगरा के शिक्षा अधिकारियों के द्वारा शासन को 50% से ऊपर ऑनलाइन शिक्षण कार्य की रिपोर्ट शासन को भेजी जा रही है।
आगरा में ऑनलाइन शिक्षण कार्य 5 परसेंट भी नहीं हो रहा है जबकि अधिकारी ऑनलाइन शिक्षण कार्य 50% से अधिक बता रहे हैं हिंदी मीडियम स्कूलों में गरीब अभिभावकों के बेटा बेटी शिक्षा ग्रहण करते हैं उनके पास एंड्रॉयड मोबाइल लैपटॉप एवं कंप्यूटर उपलब्ध नहीं है।
गरीब छात्र छात्राएं पढ़ाई से वंचित रह रहे हैं सब की शिक्षा प्राप्त करना प्रत्येक छात्र का मौलिक अधिकार है प्राइवेट हिंदी मीडियम स्कूलों के शिक्षक स्कूल बंद होने के कारण भुखमरी की कगार पर पहुंच गए हैं कृपया सरकार मांग की स्कूलों को कोविड-19 की फ्राइड लाइनों के अनुसार खोला जाए जिससे शिक्षकों के रोजी रोटी सुचारू रूप से चल सके और यूपी बोर्ड शिक्षक समिति के द्वारा मुख्यमंत्री से मांग की ऑनलाइन शिक्षण कार्य की जो रिपोर्ट अधिकारियों के द्वारा दी जा रही है उसकी जांच आईएस पीसीएस अधिकारियों से कराई जाए और दोषियों पर उचित कार्यवाही की जाए।
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