प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के नौगई सड़क मरम्मत कार्य का मामला पकड़ा तूल
पीएमजेएसवाई के अधिकारियों की भूमिका पर उठने लगे तरह-तरह के सवाल,स्थानीय भाजपा नेता भी जांच कराने सक्रिय, मामला दुधमनिया मार्ग के नौगई का
पारसनाथ प्रजापति
सिंगरौली। चितरंगी ब्लाक के समीपस्थ दुधमनिया मार्ग के नौगई प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क विकास के रख-रखाव के नाम पर लाखों रूपये खर्च कर राशि की बंदरबांट किये जाने का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है। स्थानीय स्तर पर कई भाजपा कार्यकर्ताओं ने उक्त मामले की जांच कराये जाने की मांग शुरू कर दी है। भाजपा नेता मान रहे हैं कि प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना की राशि में गड़बड़झाला हुआ है।
इस मामले में लीपापोती करने के लिए विभाग के अधिकारी सक्रिय हो गये हैं दरअसल प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण इकाई बैढऩ का दावा है कि दुधमनिया मार्ग के नौगई दूरी करीब साढ़े 5 किमी का रख-रखाव के लिए 1 करोड़ 28 लाख रूपये की मंजूरी मिली है। जिसमें सड़क का रख-रखाव करते हुए कई जगह पैच मरम्मत व मिट्टी फिलिंग कर क्रियान्वयन एजेंसी के ठेकेदार को कर दिया गया है और यह कार्य पिछले वर्ष 2020 में मार्च महीने में मंजूर हुआ था। वहीं सड़क के रख-रखाव के लिए 5 साल की गारंटी भी है। सड़क रख-रखाव के नाम पर लाखों रूपये खर्च कर सड़क का दोहरीकरण के लिए मंजूरी दिलाना शक के दायरे में आ गया है। जहां रामसुशील द्विवेदी ने सूचना अधिकार अधिनियम के तहत उक्त सड़क में खर्च राशि की जानकारी मांगा तो बड़े मुश्किल से चार महीने में विभाग के महाप्रबंधक मुहैया करा पाये। इसमें ना नुकूर तारीख पर तारीख मिलती रही। अंतत: जब जानकारी मिली तो चौकाने वाले मामले सामने आये हैं। इसका जब खुलासा होने लगा तो चितरंगी के कई स्थानीय भाजपाई कार्यकर्ता मान रहे हैं कि सड़क के रख-रखाव के नाम पर पीएमजेएसवाई के अधिकारियों ने लीपापोती कर लाखों रूपये वारा न्यारा कर राशि की बंदरबांट किया है। इसकी उच्च स्तरीय जांच हो।
कुछ भाजपा कार्यकर्ताओं ने यहां तक आरोप लगाया है कि पीएमजेएसवाई के सड़कों के रख-रखाव के नाम पर जमकर भ्रष्ट्राचार हुआ है। एक-एक सड़कों की जांच हो तो प्याज के छिलकों की तरह परत दर परत विभाग के अधिकारियों के कारनामे उजागर हो सकते हैं। भाजपाईयों ने कलेक्टर सिंगरौली का ध्यान आकृष्ट कराते हुए उक्त सड़क की जांच के लिए उच्च स्तरीय टीम बनाये जाने की मांग की है और जांच कमेटी मेें स्थानीय भाजपा के नेताओं को भी शामिल कराये जाने पर बल दिया है।
जब सड़कें गारंटी में हैं तो चौड़ीकरण क्यों?
दुधमनिया मार्ग के नौगई तक सड़क रख-रखाव के लिए 5 साल का जिम्मा ठेकेदार को सौंपा गया है। सवाल उठ रहा है कि जब सड़क अभी क्षतिग्रस्त नहीं हुई है तो विभाग आनन-फानन में सड़क का दोहरीकरण कराने का प्रस्ताव क्यों तैयार कराया इसके पीछे राज क्या है अब धीरे-धीरे सब कुछ जगजाहिर होने लगा है। विभाग की कलई न खुले इसीलिए सड़क निर्माण के क्रियान्वयन एजेंसी ने ऐसी योजना बनायी है। तो वहीं नौगई से सजहवा तक दो साल पहले मुख्यमंत्री सड़क योजना के तहत सड़क का निर्माण कार्य नये सिरे से हुआ है और उक्त सड़क की गारंटी अवधि अभी तीन साल शेष है।
गारंटी अवधि समाप्त होने के पूर्व ही उक्त सड़क को पीएमजेएसवाई में शामिल कर दोहरीकरण के लिए मंजूरी मिल गयी। यहां सवाल किया जा रहा है कि दुधमनिया मार्ग के नौगई, सजहवा तक सड़क चमाचम है। फिर उक्त विभाग के अधिकारियों ने ऐसी योजना क्यों बनायी। यह अपने आप में एक बड़ा सवाल खड़ा हो रहा है।
शक के घेरे में पीएमजेएसवाई का मामला
प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण के कई अधिकारियों की भूमिका शक के घेरे में आ गयी है। सांसद, विधायक व अन्य नेताओं से उक्त सड़कों के दोहरीकरण के लिए प्रस्ताव व अनुशंसा हासिल कर लिया। लेकिन इसके पीछे क्या चाल है वह अब धीरे-धीरे बेपर्दा हो रहा है। भाजपा के स्थानीय कार्यकर्ताओं ने उक्त विभाग के कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा है कि कहीं न कहीं बड़ा गोलमाल हुआ है और शासन के राशि का दुरूपयोग व बंदरबांट करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ा गया है।
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