मामला जाहिर होने पर चिकित्साकर्मियों ने बवाल किया

राम कुशल मौर्य 

अंबेडकरनगर। जिला चिकित्सालय में बुधवार रात मनमानी की पोल खुलते ही कई चिकित्सक और कर्मचारी गुंडई/अराजकता पर उतर आए। महिला चिकित्सक के मौजूद न रहने की शिकायत कुछ लोगों ने सीएमओ से कर दी तो इससे नाराज चिकित्सकों और कर्मचारियों ने मरीजों के इलाज की चिंता छोड़ दो युवकों को घेर लिया और उनके साथ अभद्रता करने लगे। 

दोनों युवकों की पिटाई भी की गई जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वॉयरल हो गया। वीडियो देखने के बाद नागरिकों ने कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि कानून अपने हाथ में लेने वाले चिकित्सकों को निलंबित कर उन पर केस दर्ज कराया जाना चाहिए।


रात के समय अक्सर जिला अस्पताल में मनमानी चरम पर रहने की शिकायतों के बीच बुधवार देर इसी को लेकर हंगामा खड़ा हो गया। हुआ यह कि एक महिला मरीज ने फोन पर शिकायत की कि कोई महिला चिकित्सक नहीं आ रही हैं जबकि उन्हें तेज दर्द हो रहा है। 

इस मनमानी की जानकारी मिलते ही दो युवक रात साढ़े 10 बजे के बाद जिला अस्पताल पहुंच गए। उस वक्त वहां कोई महिला चिकित्सक मौजूद नहीं थी। युवकों ने जिम्मेदारों को फोन लगाना शुरू किया। 

युवकों द्वारा अधिकारियों से शिकायत करने की जानकारी महिला चिकित्सकों को दी गई। युवकों की बात सीएमओ से फोन पर हो ही रही थी कि इसी बीच महिला चिकित्सक संगीता सिंह वहां पहुंच गईं। युवकों की सीएमओ से वार्ता के बीच ही महिला चिकित्सक भड़क गईं और तेज आवाज में युवकों से उलझ पड़ीं। इसका ऑडियो भी वॉयरल हो रहा है।

युवक यह पूछ रहे कि इमरजेंसी ड्यूटी के बीच आप कहां थीं। इसका समुचित जवाब देने के बजाए वह युवकों से लड़ने पर आमादा हो गईं। इसके बाद उसने साथी चिकित्सकों और कर्मियों को बुला लिया। 

मरीजों का इलाज छोड़ कई चिकित्सक और पुरुष कर्मचारी महिला एवं शिशु विंग के पास जुट गए। इसके बाद दोनों युवकों को घेरकर अभद्रता शुरू कर दी। गालीगलौज देना शुरू कर दिया जिससे देर रात अस्पताल में अराजकता और अफरातफरी का माहौल खड़ा हो गया। 

इसी बीच कुछ चिकित्सकों और कर्मियों ने दोनों युवकों की पिटाई भी कर दी। पिटाई का यह वीडियो सोशल मीडिया पर भी वॉयरल हो गया। इसके बाद चिकित्सकों के रवैये को लेकर नागरिकों ने जमकर भड़ास निकाली। 

जिला अस्पताल में चिकित्सकों और कर्मियों द्वारा की गई अराजकता का मामला सोशल मीडिया पर तूल पकड़ने लगा तो पेशबंदी भी शुरू हो गई। डॉ. संगीता सिंह ने सीएमएस के माध्यम से कोतवाल को भेजी तहरीर के जरिये कहा है कि अमित यादव नामक युवक के साथ कुछ लोग बुधवार रात इमरजेंसी गेट पर स्टाफ नर्स के साथ बदतमीजी से बात कर रहे थे। 

इसके बाद लेबर रूम में घुसकर वीडियो बनाने की कोशिश करने लगे। मैं खाना खाने आवास गई थी। जानकारी मिलते ही तुरंत आयी तो वे दोनों मुझसे अभद्रता करने लगे। वे शराब के नशे में थे। उनमें से एक खुद को मीडिया से जुड़ा बता रहा था। हालांकि कोई वैध कागज नहीं था। ऐसे में केस दर्ज कर उचित कार्रवाई की जाए। 

उधर बाद में महिला चिकित्सक ने युवकों की पिटाई की जानकारी से इंकार किया। कहा कि उनके द्वारा अभद्रता करने पर कुछ कर्मचारी उत्तेजित जरूर हो गए थे जिन्हें शांत कराया गया। 

महिला चिकित्सक ने जो तहरीर दी है वह खुद सवालों के घेरे में है। तहरीर में युवकों द्वारा पहले स्टाफ नर्स से अभद्रता का जिक्र है लेकिन यह जिक्र नहीं है कि स्टाफ नर्स ने गार्ड को बुलाया। सवाल यह भी कि तहरीर के अनुसार जब डॉ. संगीता अस्पताल पहुंचीं और युवकों ने कथित तौर पर उनसे भी अभद्रता की तो उन्होंने भी गार्ड को क्यों नहीं बुलाया। 

बताते चलें कि घटना के समय महिला एवं शिशु विंग में गार्ड मौजूद था। वॉयरल वीडियो में उसे भी साफ-साफ देखा जा सकता है। आम लोग सवाल खड़ा कर रहे हैं कि तहरीर में गार्ड का जिक्र न कर संगीता ने खुद ही यह साबित कर दिया है कि सीएमओ से युवकों द्वारा शिकायत कर दिए जाने से नाराज होकर वह झगड़ा करने की नीयत से ही अस्पताल पहुंचीं। 

महिला चिकित्सक ने तहरीर में लिखा कि- ‘मैंने उन युवकों से पूछा कि आप किस हैसियत से मुझसे सवाल कर रहे हैं।’ अब यहीं उनके हैसियत शब्द लिखने को लेकर भी कहा जा रहा कि वे ड्यूटी करने पहुंची थीं या हैसियत देखने। 

सेवानिवृत्त चिकित्सक सेवाराम ने कहा कि जिला अस्पताल के चिकित्सकों और कर्मचारियों द्वारा पिटाई करने का जो वीडियो वायरल हुआ है, वह शर्मनाक है। उस परिसर में पीड़ित लोग जाते हैं। उनकी सेवा करने के बजाए शिकायत से नाराज होकर पिटाई करना सिर्फ पेशे की पवित्रता को कलंकित करना है। जिम्मेदारों को निलंबित कर केस दर्ज हो। 

उद्योग व्यापार मंडल जिलाध्यक्ष शिवकुमार गुप्त ने कहा कि महिला चिकित्सकों की मनमानी पर अंकुश लगाया जाए। वीडियो में जिस तरह महिला चिकित्सक आक्रामक दिख रही हैं, वह पेशे की गरिमा के अनुकूल नहीं है। सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद तमाम लोगों ने आपबीती बताई। 

एक नागरिक ने कहा कि सरकारी अस्पताल से बाकायदा मरीजों को अपने अस्पताल ले जाकर शोषण किया जाता है। इन पर कार्यवाई न होने से ही इनकी मनमानी बढ़ रही है। जिला प्रशासन को रात में प्रत्येक सप्ताह औचक निरीक्षण बिना किसी को बताए करना चाहिए। 

वीडियो में महिला चिकित्सक और पुरुष चिकित्सकों समेत कुछ कर्मचारियों के अलावा बाहरी गुर्गे भी युवकों की पिटाई करते देखे गए। ये गुर्गे किसने बुलाये, यह बड़ा सवाल है। महत्वपूर्ण प्रश्न यह भी है कि क्या यह गुर्गे अस्पताल परिसर में ही अवैध ढंग से रहते हैं। 

बताया जाता है कि कुछ चिकित्सकों ने ऐसे गुर्गे पाल रखे हैं जो मरीजों और तीमारदारों से अक्सर अभद्रता करते हैं। सोशल मीडिया पर कहा गया कि ये गुर्गे देर रात अस्पताल में क्या कर रहे थे उसकी जांच कराई जाए। 

जिला अस्पताल में हुए हंगामे को लेकर युवाओं ने भी महिला चिकित्सक के विरुद्ध तहरीर दी है। अमित, गुफरान और अहमद अली ने संयुक्त तहरीर में कहा कि आवास से महिला चिकित्सक डॉ. संगीता सिंह कुछ अराजकतत्वों को लेकर आईं। इसके बाद उन सबके साथ मारपीट शुरू कर दी गई। एक व्यक्ति ने बंदूक लगाकर जान से मारने की धमकी दी। मोबाइल तक छीन ली गई। कहा गया कि केस दर्ज कर कार्रवाई की जाए। 

प्रभारी सीएमएस डॉ. मनोज शुक्ल ने कहा कि जिला अस्पताल में कल महिला चिकित्सक ने जानकारी दी जिसके बाद मैंने कोतवाल को फोन कर सुरक्षा के लिए कहा था। युवकों की पिटाई की जानकारी नहीं है। आगे से ऐसा कुछ न हो, यह तय किया जाएगा।

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