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तलाश
प्रसून अवस्थी
अभी
तलाश
बरकरार है
तुम्हें
पाने की
क्यूॅंकि
अभी भी
आस का
दामन है
ज़िंदा
ज़िंदा है
मेरे ज़मीर
का ज़िंदा होना
ज़िंदा है
मेरी सांसों का
चलना
ज़िंदा है
मेरे वजूद में
तेरे एहसासों
का घुलना
ज़िंदा है मुझ में
तेरा मिलना
क्यूॅंकि
तुमसे मैं हूॅं
और मुझमें तुम ...
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