पापा के संग गांव में




मीना मौर्य

हमको तो अच्छा लगता था पापा के संग गांव मेंl

डमरू बजाता आए मदारी बैठे पेड़ की छांव मेंl

हंसता खेलता घूमता बचपन कांटे चुभते पाँव मेंl

 बंदरिया भी नाच दिखाती जब बोले मदारी ताव मेंl हमको तो अच्छा लगता था पापा के संग गांव मेंl

 मेला देखने बच्चे जाते बैठकर नाव मेंl

 बाइस्कोप में देखे तमाशा बच्चे पापा के साथ में l

अब भी बहुत ही ताकत है पापा आपके दुलार मेंl

 कागज के फिर नाव चलाते नदी के बहाव में l

मेले से खूब आती मिठाई बटती हाथों हाथ मेंl

 आपके जैसा कोई नहीं सारे  इस संसार मेंl

 हमको तो अच्छा लगता था पापा के संग गांवों मेंl

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