बालश्रम अधिकारो का उल्लंघन है -डॉ सरिता मौर्य



मनोज मौर्य 

चंदौली . चहनियां क्षेत्र की रहने वाली समाज सेविका डॉ सरिता मौर्य (प्रदेश अध्यक्ष मानवाधिकार सीडब्ल्यूए) ने बाल श्रम निषेध दिवस पर बच्चों व उनके माता-पिता को जागरूक करते हुए कहां की आज के आधुनिक युग के वर्तमान समय में बच्चों को स्कूल जाना और उनके भविष्य की चिंता करना बहुत ही जरूरी है। 

कम उम्र के बच्चों से बाल श्रम नहीं करवाना चाहिए यह कानूनी जुर्म होता है। जिसमें बच्चों के अधिकारों के हनन के जुर्म में माता-पिता या बाल श्रम करवाने वाले व्यक्ति को जेल या सजा भी हो सकती है। बाल श्रम रोकने के लिए सरकार  की जारी गाइडलाइन को भी बताया। अन्त में सरकार का ध्यान आकृष्ट कराते हुए कहा कि माता-पिता का असंतोष,अशिक्षित होना बाल श्रम जैसे अपराध को बढ़ावा देता है।बड़े-बड़े कारखाने जैसे कोयला खदान, गिट्टी, पत्थर, ईट की खदानों में,मैरेज लान में कम उम्र के बच्चों से कार्य कराया जाता है। भारत राष्ट्र तब तक उन्नति नहीं कर सकता जब तक कि हम बाल श्रम को पूर्ण रूप से रोक ना ले। बाल श्रम पर पूर्ण रूप से रोक होगी तभी जाकर हम विकास की रडार पर होंगे।

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