"टीम राजा भईया" ने लोगो मे जगाया समाजसेवा का भाव

अकेले चलने का हौसला होता हैं, उनके पीछे एक दिन काफिला होता हैं

प्रसून अवस्थी

उन्नाव। किसी ने सच ही कहा है जिनमें अकेले चलने का हौसला होता हैं, उनके पीछे एक दिन काफिला होता हैं। यह बात सच कर दिखाई है, उन्नाव के लाल अनुभव त्रिपाठी यानी कि टीम राजा को लीड करने वाले एक आदमी ने जिससे आज सैकड़ो आदमी जुड़े और आगे आये  लोगो की मदद के लिये।

कौन है अनुभव त्रिपाठी?

पेशे से एक सॉफ्टवेयर इन्जीनियर है जो बेंगलूर मे एक यूएस कम्पनी मे कार्यरत है। पिछले साल करोनाकाल के लाॅकडाउन मे उन्नाव वापस आये और वर्क फ्राम होम पर है।

कैसे मिली प्रेरणा समाजसेवा करने की?

अनुभव त्रिपाठी ने राष्ट्र की बात की टीम को बताया कि वह एक रात की बात है, जब उनको बेंगलूर से उनके एक सहकर्मी की धर्मपत्नी की काॅल आई जो करोना से पीङित था और उसने मदद की गुहार लगाई। अनुभव ने वहाँ पर उपस्थित अपने अन्य साथियों से बात करके मदद की तथा उस सहकर्मी को हॉस्पिटल मे भर्ती कराया, तभी उनके दिल मे ये ख्याल आया कि जब बेंगलूर जैसे हाई-टेक सिटी मे यह हालत है तो उन्नाव जैसे छोटे शहर मे लोगो की क्या हालत होगी। उन्होंने सोशल मीडिया का सहारा लिया और डाटा जुटा कर लोगो की मदद की तथा लोगो को जोङने का कार्य शुरू किया और तैयार हो गयी टीम राजा भईया।

क्या है टीम राजा भईया?

अनुभव त्रिपाठी ने राष्ट्र की बात की टीम के साथ साक्षात्कार मे बताया कि यह 300 से अधिक लोगो का स्वयं सहायता समूह जो किसी भी सरकारी या प्राईवेट संस्था से वित्तपोषित नही है।सभी आर्थिक खर्चे टीम राजा भईया के सदस्यों द्वारा वहन किये जाते है।

कैसे की टीम राजा भईया ने करोनाकाल मे लोगो की मदद?

टीम राजा भईया ने करोनाकाल मे लोगो को मुफ्त दवाइयाॅ,खाने के लंच के पैकेट, आॅक्सीमीटर, थर्मामीटर, मास्क, सेनिटाइजर, ऑक्सीजन को जरुरतमन्द लोगो तक पहुंचा कर राहत पहुँचाने का कार्य किया तथा शासन एवं प्रशासन की मदद से जरूरत मन्द लोगो को हॉस्पिटल मे बेड मुहैया कराने का कार्य किया।

लाॅकडाउन खुलने के बाद भी नही रुका सफर?

लाॅकडाउन खुलने के बाद भी टीम राजा भईया ने लोगो को शोसल डिस्टेसिंग का पालन करने की अपील की तथा शहर मे लोगो को जागरूक करने के लिये होर्डिगंस भी लगवाये।उन्होंने कहा अभी भी लोगो के फोन आते है मदद के लिये और वह व उनकी टीम इसी तरीके से मदद करते रहेंगे। उन्होंने बताया वह जिले मे ऑक्सीजन प्लान्ट लगवाने के पक्ष मे है तथा प्रशासन चाहे तो वह आर्थिक मदद भी करेंगे।

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