अब औषधीय लाभ के साथ सुख समृद्धि देंगे पौधे


शकुंतला सोढ़ा, अजमेर, राजस्थान। 

पेड़-पौधे हमारे आस-पास उतने ही जरूरी है जितनी और चीजें। ये पौधे न सिर्फ ऑक्सीजन का उत्सर्जन करते हैं बल्कि हमें कई बीमारियों से निजात भी दिलाते हैं। आयुर्वेद में कुछ पेड़-पौधे ऐसे बताए गए हैं जो ऑक्सीजन देने के साथ रोगों से बचाने और व्यक्ति को खुश रखने में भी मददगार हैं। इन पौधों को घर में लगाने से जहां वास्तु दोष तथा बुरे ग्रहों का असर दूर होता हैं वहीं आपको स्वस्थ भी रखती हैं।

तुलसी- तुलसी का पौधा ईशान कोण में अतिशुभ माना गया है। तुलसी को माता लक्ष्मी कहा गया है। घर में तुलसी लगाने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होकर सुख समृद्धि बनी रहती है।

खांसी, जुकाम, निमोनिया, कब्ज, बच्चों में पसलियां चलने, बुखार, अस्थमा, पेट से जुड़े रोगों में यह खासतौर पर उपयोगी है। घर के उत्तरी-पूर्वी कोने में रखने से घर का वास्तु दोष भी दूर होता है। तुलसी की पत्तियों को उबालकर काढ़ा बनाएं, इसमें चुटकीभर सेंधा नमक डालकर पीएं। सांस संबंधी रोग में शहद, अदरक व तुलसी को मिलाकर बनाया गया काढ़ा पीने से राहत मिलती है।

गिलोय- गिलोय का पौधा वास्तु में शुभ होता है इसे धर्म शास्त्रों में भी अमृता कहा गया है। यह इससे शनि तथा राहू की शांति होती है। 

इस पौधे का प्रयोग इम्यूनिटी बढ़ाने, पीलिया, पैरों में जलन, मौसमी रोगों और एनीमिया में किया जाता है। कुछ पत्ते घी और शहद के साथ मिलाकर लेने से खून की कमी दूर होती है। इसकी पत्तियों को उबालकर भी पी सकते हैं। पैरों में जलन होने पर पत्तियों के पेस्ट को सुबह-शाम तलवों पर लगाएं।

मीठा नीम- वास्तु के अनुसार मीठा नीम शुभ होता है यह शनि ग्रह का प्रतिनिधित्व करता है। मकर लग्न, मकर राशि और शनि से पिडित व्यक्तियों को इसका रोपण और पालन करना चाहिए।

कढ़ी पत्ता यानी मीठा नीम हाई बीपी, पेचिस, अतिसार, नेत्र रोग आदि में फायदा पहुंचाती है। नीम के पौधे को सींचने से शनि के दोष की वजह से आ रही समस्याएं दूर होती हैं। इसे भोजन में डालकर या रोजाना सुबह 7-8 पत्तियां ले सकते हैं। दस्त होने पर इसकी पत्तियों को पानी में उबालें व गुनगुना होने पर पीएं।

गुड़हल- विशेष रूप से आग्नेय कोण में गुड़हल का पालन पोषण करना विशेष शुभ होता है गुड़हल मंगल ग्रह का प्रतिनिधित्व करता है इसलिए मंगल ग्रह से पीड़ित व्यक्तियों को अपने घर में गुड़हल का पौधा लगाना चाहिए।

इसकी पत्तियों में कैरोटिन की मात्रा होने से यह शरीर में बढ़ी हुई शर्करा को कम करता है।इसके फूलों की चाय से गांव ब्लेंडर की पथरी जड़ से समाप्त हो जाती है।

हरश्रृंगार (पारिजात)- इसका होना बहुत शुभ होता है इस वृक्ष का घर की दक्षिण दिशा में होना शुभ होता है। यह पौधा हनुमान जी का प्रतिनिधित्व करता है इसके फूल श्री राम जी को अत्यंत प्रिय है।

जोड़ों में तकलीफ होने पर हरसिंगार के 5-7 पुष्प को सीधे ही चबाने से लाभ होता है। हरसिंगार के पत्तों का काढ़ा पीने से किसी भी प्रकार का ज्वर शांत होता है।

एलोवेरा (घृतकुमारी)- ऐलोवेरा बुध और शुक्र ग्रह का प्रतिनिधि है। घर में ऐलोवेरा होना बहुत शुभ है।

इनकी पत्तियों में मौजूद जैल शरीर से विषैले तत्त्वों को बाहर निकालकर रोगों से बचाता है। साथ ही त्वचा की झुर्रियों को दूर कर बालों को स्वस्थ रखने और वजन घटाने में कारगर है। पत्तियों के ताजे जेल में थोड़ा शहद, गुलाब जल मिलाकर चेहरे पर लगाएं और 20 मिनट बाद धो लें।

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