बच्चों के मौलिक अधिकारों में बाधक बनता बालश्रम -ज्योति बाबा

बच्चों के संवैधानिक अधिकारों में बड़ी बाधा बालश्रम

पुनीता कुशवाहा 

कानपुर. बालश्रम प्रथा में एक प्रमुख कारण परिवार के मुखिया का नशाखोर होना भी है क्योंकि नशे के रोग से पीड़ित मुखिया अपनी सारी कमाई शराब नशा जुए में उड़ा देता है परिणाम स्वरूप घर में भुखमरी के कारण बच्चे बाल मजदूरी करने के लिए विवश हो जाते हैं इसीलिए नशा को हर स्तर पर हतोत्साहित करना बाल श्रम उन्मूलन की सशक्त कड़ी है उपरोक्त बात सोसाइटी योग ज्योति इंडिया व उत्तर प्रदेश वैश्य व्यापारी महासभा के संयुक्त तत्वाधान में नशा हटाओ बाल बंधुआ मजदूरी मिटाओ कोरोना भगाओ बचपन बचाओ अभियान के तहत आयोजित संगोष्ठी शीर्षक क्या बाल बंधुआ मजदूरी बच्चों के मौलिक अधिकारों का हनन है पर अंतरराष्ट्रीय नशा मुक्त अभियान के प्रमुख योग गुरु ज्योति बाबा ने कही, बाबा ने आगे कहा की ऐसे परिवार पानी, भोजन, शिक्षा इत्यादि अपनी मूलभूत दैनिक आवश्यकताओं को पूरा करने में सक्षम नहीं हो पाते तो अक्सर ऐसे परिवार अपने छोटे मासूम बच्चों को स्कूल भेजने के बजाय घर चलाने के लिए किसी टी स्टाल कारखाना या कूड़े कचरे के ढेर से कागज इत्यादि बीनने के काम में लगाकर उनका बचपन छीन लेते हैं अन्य कारणों में निरक्षरता दर में वृद्धि बड़े पैमाने पर विस्थापन इत्यादि के पीछे संचालित कारक गरीबी ही है.

बालश्रम उन्मूलन में बड़ी बाधा बनती बढ़ती नशाखोरी

बालश्रम अधिनियम के बारे में सीमित ज्ञान यह सभी कारक भी बाल श्रम की समस्या को विकराल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं यह कारक ना केवल बच्चों को उनके मौलिक अधिकारों और बचपन से वंचित कर रहे हैं बल्कि देश को  अंधकारमय भविष्य की ओर धकेलने में भी बड़ी भूमिका निभा रहे हैं. 

बालश्रम! मानवता के विरुद्ध अपराध

राष्ट्रीय संरक्षक डॉ आर पी भसीन व डॉ रविंद्र नाथ चौरसिया निवर्तमान अध्यक्ष आईएमए ने कहा कि खतरनाक माहौल में काम करने वाले बच्चों को सांस की बीमारी त्वचा रोग, दमा, टी वी, रीड की हड्डी की बीमारी, कैंसर, कुपोषण, समय से पहले बुढ़ापा इत्यादि घातक बीमारियां होने की संभावना ज्यादा होती है. 

मानवाधिकारवादी गीता पाल ने कहा कि देश की युवा पीढ़ी के कंधों पर देश को विकास के पथ पर अग्रसर करने की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी होती है और बालश्रम के चलते देश के विकास का पहिया प्रभावित होता है l प्रदेश अध्यक्ष सत्यप्रकाश गुलहरे ने कहा की 21 वी सदी में भी जब खेलने, कूदने और पढ़ने लिखने की उम्र में लाखों बच्चों को खतरनाक कामों से आय जुटाते देखने पर शर्मिंदगी से सर झुक जाता है. 

ई-संगोष्ठी का संचालन प्रदेश महामंत्री गणेश गुप्ता व धन्यवाद समाजसेवी सुरेश शर्मा ने दिया. अंत में सभी को बालश्रम उन्मूलन हेतु काम करते रहने की ई-शपथ योग गुरु ज्योति बाबा ने दिलाई. अन्य प्रमुख रोहित कुमार,विजय कुशवाहा, उमेश शुक्ला,दिलीप कुमार सैनी,विमल माधव इत्यादि थी.

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