बसपा के किले में आया भूचाल और गिर गए दो मजबूत पिलर

राम कुशल मौर्य 

अंबेडकरनगर. बहुजन समाज पार्टी का अंबेडकरनगर को मजबूत किला माना जाता है। यहां से बसपा प्रमुख मायावती खुद भी चुनाव लड़ीं और जीतीं। इस नीले दुर्ग में शनिवार को एकाएक राजनीतिक भूचाल आया। बसपा के मजबूत दो पिलर लालजी वर्मा और रामअचल राजभर को पार्टी ने खुद ही गिरा दिया। शनिवार दोपहर बाद बसपा के इन दो कद्दावर नेताओं को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाए जाने का पत्र इंटरनेट मीडिया पर तेजी से वायरल होने लगा। पहले तो इसके असली और फर्जी होने की अटकलों में सभी सच तलाशने में जुट गए। कुछ ही मिनटों में इसकी पुष्टि होते ही जिले की राजनीति में हलचल मच गई।


चुनाव से पहले उठापटक : जिला पंचायत अध्यक्ष एवं ब्लाक प्रमुख के चुनाव से पहले हुए इस राजनीतिक उठापटक से बसपा पदाधिकारी और समर्थक धर्मसंकट में फंस गए हैं। उनमें रहनुमा नेताओं और पार्टी में किसी एक को चुनने को लेकर असमंजस दिखा। ऐसे में कोई भी कुछ बोलने को तैयार नहीं है। इन नेताओं के संग चलने वाले जिला पंचायत सदस्य व बीडीसी अपनी दावेदारी और समर्थन देने को लेकर भी उहापोह में हैं।

समर्थकों के सामने धर्मसंकट : बहुजन समाज पार्टी से कटेहरी विधायक एवं नेता विधानमंडल दल लालजी वर्मा एवं अकबरपुर विधायक रामअचल राजभर को बसपा से निष्कासित करने के बाद समर्थक और पार्टी पदाधिकारी, कार्यकर्ता हक्का-बक्का हो गए। पंचायत चुनाव में पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए इन्हें दोषी माना गया है।

तीन चेहरों पर दारोमदार : बसपा के कद्दावर दोनों विधायक लालजी वर्मा व रामअचल राजभर के पार्टी से निष्कासित होने के बाद अब सांसद रितेश पांडेय व पूर्व सांसद राकेश पांडेय और पूर्व सांसद घनश्याम चंद्र खरवार पर यहां बसपा को संभालने का दारोमदार टिका है। जिला कमेटी में पार्टी के इस निर्णय से हलचल तेज है। वहीं इन दोनों नेताओं के पार्टी से बाहर किए जाने से बसपा का किला कमजोर दिखने लगा है।

विधायकों से झोली खाली : बसपा की झोली में अकबरपुर तथा कटेहरी विधानसभा से जीत मिली थी। इसके अलावा टांडा और आलापुर भाजपा के खाते में रहीं तो जलालपुर सपा के पास है। अब लालजी वर्मा एवं रामअचल राजभर के निष्कासन से बसपा के पास जिले में झोली खाली हो गई है।

इस्तीफे का दौर शुरू : बसपा की जिला कमेटी से इस्तीफे का दौर शुरू हो गया है। जिला सचिव एवं अकबरपुर विधानसभा प्रभारी प्रवीण कुमार शर्मा ने पद से इस्तीफा दिया है। पार्टी का दामन छोड़ने वालों की सुगबुगाहट तेज हुई है। हालांकि उक्त दोनों नेताओं ने समर्थकों से धैर्य बनाए रखने की अपील की है।

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