जिलाधिकारी की अध्यक्षता में हुआ जिला स्तरीय समीक्षा समिति की बैठक का आयोजन:

प्रकाश शुक्ला 

उन्नाव।विकास भवन सभागार में जिलाधिकारी रवीन्द्र कुमार की अध्यक्षता में बैंकों के कार्यों कीसमीक्षा हेतु डी०एल०आर०सी० बैठक का आयोजन किया गया।बैठक के दौरान जिलाधिकारी ने गत वर्ष 2020-21 में सभी बैंकों द्वारा जनपद के वार्षिक ऋण लक्ष्यों की सौ प्रतिशत से अधिक प्राप्ति पर संतोष व्यक्त करते हुये वर्तमान वर्ष में लक्ष्यों की पूर्ति पर ध्यान दिये जाने पर बल दिया।उन्होने कहा कि चूंकि कोविड के कारण अप्रैल-मई में बैंकों का कामकाज काफी प्रभावित रहा अतःउसक्षति को पूरा करने के लिए सभी बैंकों तथा सरकारी विभागों को दोगुने उत्साह व तत्परता से सभी योजनाओं के सफल क्रियान्वयन हेतु जुट जाना चाहिए।



जिलाधिकारी द्वारा जनपद में सीडी रेशियो CD Ratio बढ़ाने के उपायों तथा विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत लंबित पत्रावलियों पर गहन चर्चा की गई।  बैठक के दौरान ऋचा बाजपेई, डीडीएम् नाबार्ड द्वारा ‘ कृषि अवस्थापना निधि ‘ (एआईएफ) पर चर्चा करते हुये यह सूचित किया गया कि कृषि क्षेत्र में किसी भी तरह के पोस्ट हार्वेस्ट इन्फ्रास्ट्रक्चर जैसे कि गोदाम, कोल्ड चेन, वेयरहाउस, प्राथमिक प्रसंस्करण आदि गतिविधियों के लिए किसी भी बैंक से रु 2 करोड़ तक के लोन पर एआईएफ के तहत 3% ब्याज अनुदान तथा क्रेडिट गारंटी फंड से आच्छादन की सुविधा उपलब्ध है। जिलाधिकारी ने जनपद में इस योजना के अधिकतम प्रचार प्रसार के लिए सभी को निर्देशित किया। साथ ही जिलाधिकारी ने सख्त निर्देश दिये कि ज़िलेमें प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र में ऋण प्रवाह बढ़ाने के लिए सभी पात्र किसानों को तत्काल किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) उपलब्ध कराने के लिए कृषि विभाग द्वारा मिशन मोड में कार्यक्रम चलाया जाए।जो किसान खेती के अतिरिक्त पशुपालन या मछलीपालन करते हैं वो भी केसीसी के तहत लाभ लेने  लिए अपनी निकटतम बैंक शाखा से संपर्क करें। डीडीएम नाबार्ड द्वारा यह भी सूचित किया गया किनाबार्ड द्वारा हर साल की तरह इस बार भी आगामी वर्ष 2022-23 हेतु ज़िले की संभाव्यता-युक्त ऋण योजना (पीएलपी) तैयार किए जाने की प्रक्रिया प्रारम्भ प्रारम्भ कर दी गई है जिससे कि उन्नाव जनपद में विभिन्न क्षेत्रों में ऋण की संभाव्यता का आकलन किया जाएगा। बैठक में आरबीआई के प्रतिनिधि, एलडीएम बैंक ऑफ इंडिया, सभी बैंकों के कोआर्डिनेटर, डीडी कृषि तथा  अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे। कुमार की अध्यक्षता में बैंकों के कार्यों कीसमीक्षा हेतु डी०एल०आर०सी० बैठक का आयोजन किया गया।बैठक के दौरान जिलाधिकारी ने गत वर्ष 2020-21 में सभी बैंकों द्वारा जनपद के वार्षिक ऋण लक्ष्यों की सौ प्रतिशत से अधिक प्राप्ति पर संतोष व्यक्त करते हुये वर्तमान वर्ष में लक्ष्यों की पूर्ति पर ध्यान दिये जाने पर बल दिया।उन्होने कहा कि चूंकि कोविड के कारण अप्रैल-मई में बैंकों का कामकाज काफी प्रभावित रहा अतःउसक्षति को पूरा करने के लिए सभी बैंकों तथा सरकारी विभागों को दोगुने उत्साह व तत्परता से सभी योजनाओं के सफल क्रियान्वयन हेतु जुट जाना चाहिए।जिलाधिकारी द्वारा जनपद में सीडी रेशियो CD Ratio बढ़ाने के उपायों तथा विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत लंबित पत्रावलियों पर गहन चर्चा की गई।  बैठक के दौरान ऋचा बाजपेई, डीडीएम् नाबार्ड द्वारा ‘ कृषि अवस्थापना निधि ‘ (एआईएफ) पर चर्चा करते हुये यह सूचित किया गया कि कृषि क्षेत्र में किसी भी तरह के पोस्ट हार्वेस्ट इन्फ्रास्ट्रक्चर जैसे कि गोदाम, कोल्ड चेन, वेयरहाउस, प्राथमिक प्रसंस्करण आदि गतिविधियों के लिए किसी भी बैंक से रु 2 करोड़ तक के लोन पर एआईएफ के तहत 3% ब्याज अनुदान तथा क्रेडिट गारंटी फंड से आच्छादन की सुविधा उपलब्ध है। जिलाधिकारी ने जनपद में इस योजना के अधिकतम प्रचार प्रसार के लिए सभी को निर्देशित किया। साथ ही जिलाधिकारी ने सख्त निर्देश दिये कि ज़िलेमें प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र में ऋण प्रवाह बढ़ाने के लिए सभी पात्र किसानों को तत्काल किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) उपलब्ध कराने के लिए कृषि विभाग द्वारा मिशन मोड में कार्यक्रम चलाया जाए।जो किसान खेती के अतिरिक्त पशुपालन या मछलीपालन करते हैं वो भी केसीसी के तहत लाभ लेने  लिए अपनी निकटतम बैंक शाखा से संपर्क करें। डीडीएम नाबार्ड द्वारा यह भी सूचित किया गया किनाबार्ड द्वारा हर साल की तरह इस बार भी आगामी वर्ष 2022-23 हेतु ज़िले की संभाव्यता-युक्त ऋण योजना (पीएलपी) तैयार किए जाने की प्रक्रिया प्रारम्भ प्रारम्भ कर दी गई है जिससे कि उन्नाव जनपद में विभिन्न क्षेत्रों में ऋण की संभाव्यता का आकलन किया जाएगा। बैठक में आरबीआई के प्रतिनिधि, एलडीएम बैंक ऑफ इंडिया, सभी बैंकों के कोआर्डिनेटर, डीडी कृषि तथा  अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे। 

टिप्पणियाँ