सुखी जीवन का क्या आधार?

खुशवन्त कुमार माली 

'योग' में है सब रोग निदान।।१।।

                करें योग और बने निरोग....

जीवन-ज्योति बड़ी अलौकिक,

'योग' से उपजे है अन्नत ज्ञान।।२।।

               करें योग और बने निरोग...

ऋषियों ने नित्य किया यहीं काज,

'योग' से बनता है मनुज महान।।३।।

                करें योग और बने निरोग...

'योग' न माया न है प्रपंच,

आठ अंग करुणानिधान।।४।।

                करें योग और बने निरोग....

कहते पतञ्जलि यहीं बात,

'योग' में है सब रोग निदान।।५।।

              करें 'योग' और बने निरोग....

बहती निर्मल सरिता 'योग' की,

लगा गोते लो स्वास्थ्य लाभ।।६।।

              करें 'योग' और बने निरोग....

यम-नियम पर करो अधिकार,

कर्म कुशलता का हैं यहीं राज़।।७।।

              करें 'योग' और बने निरोग...

'योग' की महिमा है अपरम्पार,

सफल जीवन का हैं यहीं आधार।।८।।

              करें 'योग' और बने निरोग....


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