पत्रकारिता से ही होता है नैतिकता का विकास

आज समाज में जो भी कुछ है वह हिंदी पत्रकारिता की ही देन -डॉ मौर्य

सुजाता 

चंदौली। जनपद की समाज सेविका डॉ सरिता मौर्य ने हिंदी पत्रकारिता दिवस पर पत्रकारों को बधाई देते हुए कहा कि आज पत्रकारिता की वजह से ही लोगों को यह समझ में आ गया है कि उनकी आवाज में दम है, लोग भी इतने सक्षम हो गए हैं जितने पहले कभी नहीं थे। 

हिन्दी पत्रकारिता ने भारतीय राजनीति के क्षेत्र में खेल ही बदल कर रख दिया है, और इसका असर भविष्य में और भी ज्यादा बढ़ने वाला है, लोग जागरूक हो गए हैं और यह सब पत्रकारिता करने वाले पत्रकारों की ही देन है। समाज में इन्हें चौथे स्तम्भ के रुप में पहचान मिली है। 

कोविड-19 के दौरान लोग घरों में थे, लेकिन पत्रकार ही ऐसे व्यक्ति थे जो घरों से बाहर निकल कर बाहर के वातावरण,विषम परिस्थितियों, समाज में घटित होने वाली घटनाओं को उन्होंने पत्रकारिता के माध्यम से लोगों तक पहुंचाया। 

आज के आधुनिक युग में हिंदी में प्रकाशन होने की वजह से कम पढ़े लिखे लोग भी इसे आसानी से समझ और पढ़ लेते हैं, जिससे देश-दुनिया की खबरे उन तक आसानी से पहुंच जाती है। इसी वजह से हिन्दी पत्रकारिता ने अंग्रेजी पत्रकारिता  को काफी पीछे छोड़ दिया है।

विगत वर्ष और वर्तमान परिदृश्य में कोविड-19 की स्थिति में भी पत्रकारिता के कार्य को पत्रकारों द्वारा बहुत ही कठिन परिस्थितियों में भी उन्होंने पत्रकारिता को राष्ट्र के सामने बखूबी तरीके से प्रस्तुत किया। 

हाल ही में कोविड-19 के दौरान पत्रकारिता करने वाले पत्रकारों के मृत्यु पर योगी सरकार द्वारा उनके परिवार को मुआवजा भी देने की घोषणा की गई है। जिससे कि पत्रकारों को पत्रकारिता करने के लिए एक बल मिलेगा। अंत में डॉ मौर्य ने पुनः हिंदी राष्ट्रीय पत्रकारिता दिवस पर पत्रकारों को बधाई देते हुये कहा कि आज वह समाज में जो भी कुछ है वह हिंदी पत्रकारिता की ही देन है नहीं तो वह भी एक छोटे से गांव में गुमनाम की जिंदगी व्यतीत कर रही होती।

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