सब काम बंद...लॉकडाउन में सिर्फ ठेकों का खुलना...अधर्म की जीत...ज्योति बाबा

सब धर्मों के आराधना ग्रह बंद...केवल ठेके खुले...बोले तो अधर्म की जीत . ज्योति बाबा

लॉकडाउन पीरियड में शराब के ठेके खोले जाने से युवा वोटर्स में गया गलत संदेश...ज्योति बाबा 

एक रिसर्च :- शराब ठेकों के खुलने से कोरोना बढ़ेगा तो धरती के भगवान चुप क्यों ?..ज्योति बाबा

लॉकडाउन पीरियड में शराब के ठेकों के खुलने से महिला सशक्तिकरण अभियान को लगा तगड़ा झटका.. ज्योति बाबा

संजय मौर्य 

कानपुर. जब सभी धर्मों के आराधना ग्रह बंद हैं किसी भी प्रकार का कोई व्यापार नहीं हो रहा है हर व्यक्ति को दो गज की दूरी मास्क है जरूरी के संदेश के साथ अपनी रोग प्रतिरोधक शक्ति बढ़ाने का विशेष संदेश दिया जा रहा है उसी समय पूरे देश में केवल शराब के ठेकों को खोले जाने से नौजवान पीढ़ी भ्रमित हो रही है और वह वह अपने बड़े बुजुर्गों से पूछ रही है कि क्या सरकार के पास राजस्व बढ़ाने के और कोई साधन नहीं रह गए हैं या फिर शराब प्रसार नीति के तहत हमने इतने पियक्कड़ तैयार कर दिए हैं जिनको शराब ना मिले तो वह साइकोसोमेटिक मरीज बनकर बड़ा अहित कर सकते हैं या फिर वह अपने वोटर्स को जब स्वास्थ्य सेवा नहीं दे पा रही है तो ध्यान भटकाने व क्षणिक सुखकारी दिवास्वप्न हेतु ठेके खोलकर अपने को कुछ सुरक्षित महसूस करना चाहती है उपरोक्त बात सोसाइटी योग ज्योति इंडिया व उत्तर प्रदेश वैश्य व्यापारी महासभा के संयुक्त तत्वाधान में नशा हटाओ कोरोना भगाओ बेटी बचाओ हरियाली लाओ अभियान के तहत आयोजित ई-मीटिंग विषय क्या लॉकडाउन पीरियड में शराब के ठेकों का खुलना देश की आधी आबादी को महिला सशक्तिकरण से रोकना है ? पर अंतरराष्ट्रीय नशा मुक्त अभियान के प्रमुख योग गुरु ज्योति बाबा ने कही,बाबा जी ने आगे बताया कि कई अध्ययनों में यह सिद्ध हो चुका है कि कोरोना महामारी से निपटने के लिए नशे पर संपूर्ण रोकथाम करनी होगी,उसके बावजूद शराब नशा के ठेको का इस काल में खोला जाना सभी शांतिप्रिय स्वास्थ्य प्रेमी नागरिकों के लिए किसी सरकारी तमाचे से कम नहीं है पिछली बार के लॉकडाउन में ठेकों के बंद रहने से सबसे ज्यादा खुश देश की आधी आबादी हुई थी,क्योंकि जहां रोजी रोटी रोजगार के साधन खत्म हो चुके थे वहीं पर शराबबंदी से बचे रुपयो से घर परिवार का खर्च जैसे तैसे चल गया था,लेकिन अबकी बार सरकार ने अपना राजस्व बढ़ाने के लिए देश की आधी आबादी को गृह कलह में झोकते हुए शारीरिक,मानसिक व आर्थिक शोषण के द्वार खोलकर बहुत गलत काम किया है सोशल एक्टिविस्ट अनीता दुआ ने कहा कि जरा जरा सी बात पर पार्टी के नेताओं पर कटु व्यंग करने वाले दलों के खिलाफ जेल भरो आंदोलन तक करने से पीछे नहीं हटते हैं वहीं पर देश की आधी आबादी के महिला सशक्तिकरण अभियान को रोकने के लिए लॉकडाउन पीरियड में शराब के ठेकों को खोले जाने पर सिर्फ अखबारी शोक यह बताता है कि सभी दल शराब प्रसार नीत के साथ हैं उन्हें महिलाओं के विकास व तरक्की से नफरत है. मानवाधिकारवादी वूमेन एक्टिविस्ट विमल माधव ने कहा की परमसत्य शक्ति ईश्वर ताले में बंद है लेकिन मधुशाला खुले हाले में,यह कौन सी नीति है जब सरकार कोरोना को खत्म करने का दिन रात काम कर रही है तो उसे शराब के ठेकों को खोलने की कौन सी जल्दी आन पड़ी है यह भारत का युवा सभी दलों से पूछता है l ई-मीटिंग्स का संचालन प्रदेश महामंत्री गणेश गुप्ता व धन्यवाद प्रदेश अध्यक्ष सत्यप्रकाश गुलहरे ने दिया,अन्य भाग लेने वाले प्रमुख अनूप अग्रवाल प्रदेश महामंत्री संगठन गीता पाल,रोहित कुमार,महंत राम अवतार दास,राकेश चौरसिया,शैलेश चौरसिया,स्वामी अमिताभ इत्यादि थे!

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