कोरोना जैसी महामारी में चुनाव जरूरी?

मनोज मौर्य 







लखनऊ:-कोरोना वायरस आज से एक साल पहले जब भारत देश में दस्तक दी थी उस समय कोरोना वायरस से देश के हजारों मौतें हुई ! और कोई जान नहीं पाया की हमें क्या करना चाहिए तब सरकार और बहुत सी  संस्थाओं ने देशवासियों को जागरूक किया मास्क  लगाएं दिन में कई बार अपने हाथों को धोए सेनीटाइज करें! जब यह करोना वायरस शहरों में था आज  चिंता का विषय यह है की बीडीसी से लेकर जिला पंचायत सदस्यों की चुनावी मैदान में गांव गांव जाकर सभी प्रत्याशी भीड़ लगाकर वोट मांग रहे हैं ! न सरकार ना कोई संस्था आवाज उठा रहा है! कहा गये वो लोग जो कहते थे कि मास्क लगाए सैनिटाइजर से हाथ धोए? कहीं-कहीं पर तो प्रत्याशी लोग अपनी जीत के चक्कर में हैंड पाइप लगवा रहे हैं रसगुल्ले बटवा रहे हैं जिससे कि उनकी जीत पक्की हो सीधे-साधे गांव के लोगों को यह पता नहीं कि आज इस कोरोना महामारी में उन्हें रसगुल्ले हैंडपंप की जरूरत नहीं उन्हें जागरूक करने वालों की जरूरत है ! गांव के लोगो को भी इस समय करोना वायरस से कैसे बचा जाए इसकी जरूरत है ! शहरों में मौतों का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है ! श्मशान घाटों पर टोकन दिया जा रहा! अब नहीं जागरूक हो गए तो कब? आपकी सुरक्षा हमारा फर्ज है! राष्ट्र की बात प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया लखनऊ का!

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