संविदा एवं कार्यदायी संस्था कर्मचारियों की पीड़ा सुनने वाला कौन?
मृतक कर्मचारियों के परिवार का जीवन कैसे हो?
प्रमुख संवाददाता
लखनऊ। नगर निगम में 60% से 70% संविदा एवं कार्यदायी संस्था के माध्यम से लगे कर्मचारियों से शहर की सफाई व्यवस्था से लेकर अधिकारियों के घर पर लगे कर्मचारियों की। इस कोरोना महामारी में भी निगम प्रशासन सिर्फ कर्मचारियों से काम लेना जानती है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कोरोना महामारी में दिन रात कार्य को कर रहे हैं। लेकिन कर्मचारियों को कोई स्वास्थ्य सुविधा नहीं दी जा रही। इस महामारी में न तो मास्क गिलाफस एवं न समय पर वेतन दिया जा रहा। इस कोरोना महामारी में संविदा एवं कार्यदायी संस्था के माध्यम से लगे कर्मचारियों की मृत्यु होने पर न उनको कोई धनराशि दी जाती है ना ही कोई अन्य सुविधा ऐसे में उनके परिवार का जीवन कैसे हो? समाचार लिखने तक मृतक कर्मचारियों के नाम रिंकू भारती, आशीष सिंह, बसंत पाल, आनन्द भारती, अरविंद वर्मा दीपक मिश्रा वीरेंद्र सोनकर, विजय सिंह है।
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