वन कर्मियों की लापरवाही जंगल में लगी भीषण आग
चार गांव का जंगल जलकर हुआ खाक
वन चौकी चौरा में पदस्थ परिक्षेत्र सहायक उमेश साकेत वनरक्षक अखिलेश शुक्ला एवं वन परिक्षेत्राधिकारी बैढ़न भीमसेन साकेत की बड़ी लापरवाही के कारण जंगल विभाग को करोड़ों रुपए का हुआ नुकसान
पारसनाथ प्रजापति
सिंगरौली। जिला मुख्यालय से 25 किलोमीटर की दूरी वन चौकी चौरा अंतर्गत अमरा के छुहिया पहाड़ में 19 अप्रैल की रात्रि में आग लग गई थी देखते देखते आग भीषण उग्र रूप ले चुकी आग पर आज दिनांक तक काबू नहीं पाया गया जिससे चार गांव अमरा,पड़खुरी,सिंगाही,सखौहा का जंगल आग की चपेट में आ गया और पूरी तरह से जंगल जलकर खाक हो गया।
जंगल विभाग के द्वारा आग बुझाने का नहीं किया गया प्रयास 3 दिन से जंगल में आग लगी और आग आगे बढ़ती चली जा रही है वन चौकी चौरा में पदस्थ परिक्षेत्र सहायक उमेश साकेत वनरक्षक अखिलेश शुक्ला आग बुझाना उचित नहीं समझा परिक्षेत्र सहायक एवं वनरक्षक की पूर्ण लापरवाही के कारण पूरा जंगल सुलगता रहा और धधकती आग पूरे जंगल को अपने चपेट में ले लिया जिसे समूचा जंगल जल गया आग तिन दिन पहले जंगल में लगी और समाचार लिखे जाने तक बराबर भर भराती आग से जंगल जल रहा है।
अमरा के छुहियां पहाड़ से शुरुआती लगी आग
अमरा के छुहिया पहाड़ से करखा होते हुए गेदुरचुनवा पड़खुरी करखा में आग जा पहुंची इसके बाद ठड़घटवा सिंगाही पहाड़ होते हुए सखौहा मुल्ली पहाड़ पर आग जा पहुंची है इन सभी पहाड़ों को जलने के बाद आग पर्वतवां पहाड़ की पश्चिम भाग करखा में आग आगे बढ़ रही हैं वन परिक्षेत्राधिकारी बैढ़न भीमसेन साकेत को फोन पर आग लगने की सूचना दिया गया पर इन्होंने भी किसी प्रकार का उचित निर्णय नहीं लिया दूसरे दिन इनके फोन पर संपर्क साधा गया तो उन्होंने यह कह कर पल्ला झाड़ लिया कि हमारे कर्मचारी आग बुझाने में लगे हुए हैं वन परिक्षेत्राधिकारी के कर्मचारी परिक्षेत्र सहायक उमेश साकेत वनरक्षक अखिलेश शुक्ला अपने चौकीदारों के साथ इतनी बड़ी ईमानदारी और परिश्रम से आग बुझाया की पूरा जंगल जलकर राख हो गया।
जंगल विभाग के साथ-साथ आम जनता का हुआ भारी नुकसान
आग लग जाने से जंगल विभाग को करोड़ों लाखों रुपए का नुकसान हुआ है अभी हाल ही में तेंदूपत्ता संग्रहण ठेकेदार के द्वारा कराया जाता लेकिन पूरा तेंदूपत्ता भी जल गया है जिसका असर क्षेत्रीय आम जनता पर पड़ेगा क्षेत्र के गरीब तबके के लोग तेंदूपत्ता तोड़ कर अपने परिवार का जीवन यापन करते थे तेंदूपत्ता उनके आय का साधन था लेकिन आग लग जाने से उनके आय का साधन भी समाप्त हो गया।
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