विधायक को सीएमएचओ ने किया गुमराह,सदन को दिया गलत जानकारी۔۔
सिंगरौली विधायक ने विधानसभा तारांकित प्रश्न के माध्यम से मांगा था जबाव, सीएमएचओ के अनुसार कोरोना वायरस से कोई भी शासकीय सेवक नहीं हुए हैं शहीद
पारसनाथ प्रजापति
सिंगरौली। विधानसभा सदन को भी गलत जानकारी भेजने में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रहे हैं। सिंगरौली विधायक रामलल्लू बैस ने विधानसभा तारांकित प्रश्र क्र. 1460 के माध्यम से सवाल पूछा था कि जिला चिकित्सालय बैढऩ में निश्चेतना चिकित्सक के कितने पद स्वीकृत हैं और वर्तमान में कितने कार्यरत हैं। सीएमएचओ ने बता दिया कि निश्चेतना के दो पद स्वीकृत हैं और दोनों रिक्त पड़े हुए हैं। जबकि डॉ.यशवंत सिंह की नवीन पदस्थापना जिला चिकित्सालय में एनेस्थिसिया चिकित्सक के रूप में हुई है सीएमएचओ का यह गलत जबाव अब उनकी कार्यप्रणाली संदेह के घेरे में आ गयी है।
दरअसल सिंगरौली के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी व प्रभारी सिविल सर्जन डॉ.एनके जैन अपनी सुस्त एवं लुंज पुंज कार्यप्रणाली को लेकर शुरू से ही सुर्खियों में रहे हैं। उनकी यह कार्यप्रणाली धीरे-धीरे विवादित होती जा रही है। 1 मार्च को विधायक सुखदेव पांसे के सवालों के तारांकित प्रश्रों का जबाव देते हुए कहा था कि सिंगरौली जिले में कोरोना वायरस से कोई भी स्वास्थ्य कर्मी शहीद नहीं हुआ है जबकि डॉ.अनिल यादव एमओ कोरोना संक्रमित होकर होम आइसोलेशन थे और उनकी मृत्यु भी हो गयी फिर भी सीएमएचओ ने उन्हें शहीद नहीं माना है वहीं सिंगरौली विधायक रामलल्लू बैस ने विधानसभा के तारांकित प्रश्र के माध्यम से जानकारी मांगा कि जिला चिकित्सालय बैढऩ में निश्चेतना चिकित्सक के कितने पद स्वीकृत हैं और कितने कार्यरत हैं।
सीएमएचओ ने इसके जबाव में बताया है कि निश्चेतना चिकित्सक के जिला चिकित्सालय में 2 पद स्वीकृत हैं और दोनों पद रिक्त हैं। आउट सोर्सिंग के माध्यम से ऑपरेशन कराये जा रहे हैं सीएमएचओ ने यह भी अवगत कराया है कि आउट सोर्स से चिकित्सक डॉ.अशोक सिंह द्वारा दिसम्बर 2020 से फरवरी महीने में 103 ऑपरेशन किया है सीएमएचओ ने जिला चिकित्सालय बैढऩ में निश्चेतना के चिकित्सक के पद की पूर्ति किये जाने का भी आग्रह किया अब सवाल उठ रहा है कि डॉ.यशवंत सिंह की नवीन पदस्थापना आदेश सीएचसी चितरंगी से जिला चिकित्सालय बैढऩ में 14 नवम्बर 2017 को तत्कालीन अपर संचालक प्रशासन संचालनालय स्वास्थ्य सेवाएं म.प्र.भोपाल के विवेक श्रोत्रिय ने जारी किया था। माह अक्टूबर, नवम्बर 2020 के महीने में काफी विवादों व लिखा-पढ़ी के बाद किसी तरह चितरंगी में पदस्थ विवादित एलएसएएस प्रशिक्षित चिकित्सा अधिकारी डॉ.यशवंत सिंह ने जिला चिकित्सालय में उपस्थिति भी दिया था ऐसे में सीएमएचओ ने झूठी जानकारी विधानसभा में क्यों भेजा? शायद चिकित्सक पर बड़ा दरियादिली दिखाने की नियत से उन्हें वापस चितरंगी भेजने की रणनीति के तहत विधानसभा को गुमराह करने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ा है। फिलहाल सीएमएचओ द्वारा विधानसभा सदन को भेजी गयी गलत जानकारी पर तरह-तरह के सवाल खड़े किये जा रहे हैं। सूत्र बताते हैं कि यहां के एक लिपिक सीएमएचओ को गुमराह कर रहा है औ वे उसी के इशारे पर कार्यालयीन कामकाज निपटा रहे हैं।
एनेस्थिसिया चिकित्सक ने पांच माह तक कौन सा ड्यूटी किया
सीएमएचओ से सवाल किये जा रहे हैं कि एलएसएएस प्रशिक्षित चिकित्सा अधिकारी डॉ.यशवंत सिंह को चितरंगी से भारमुक्त किये जाने के बाद अक्टूबर-नवम्बर महीने में नवीन पदस्थापना स्थान जिला चिकित्सालय में ज्वाइन कराया गया और उनकी पदस्थापना जिला चिकित्सालय में सिर्फ इसीलिए की भी गयी थी। प्रमुख सचिव लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग म.प्र.शासन की अध्यक्षता में 29 जुलाई 2020 को समीक्षा बैठक में तत्कालीन सीएमएचओ को जमकर फटकार भी लगाया था जहां तत्कालीन सीएमएचओ डॉ.आरपी पटेल ने चितरंगी के बीएमओ को 5 अगस्त को पत्र लिखकर तत्काल चिकित्सक को भारमुक्त किये जाने के लिए निर्देशित किया था। कई पत्राचार करने के बाद जब चिकित्सक की नौकरी खतरे में पड़ी तब वे जिला चिकित्सालय में आकर ज्वाइन किया था। वहीं अब सीएमएचओ से सवाल पूछा जा रहा है कि इन पांच महीने के दौरान जिला चिकित्सालय में पदस्थ डॉ.यशवंत सिंह से क्या-क्या कार्य लिये गये। साथ ही यदि चिकित्सक का तबादला चितरंगी से अमरपाटन सीएचसी के लिए हुआ था तो इस दौरान रिलीव क्यों नहीं किया चिकित्सक पर सीएमएचओ की मेहरबानी किसी से छुपी नहीं है।
सीएमएचओ को पता नहीं,तीन शासकीय सेवक हो चुके हैं शहीद
सीएमएचओ डॉ.एनके जैन ने विधानसभा को एक और गलत जानकारी भेजकर सबको चौका दिया है। विधानसभा तारांकित प्रश्र क्रमांक 762 विधायक सुखदेव पांसे ने सवाल किया था कि प्रदेशभर में शासकीय अधिकारियों के कोविड संक्रमित होने से कितने शहीद हुए और उनके आश्रितों को क्या सहायता व सुविधाएं प्रदान की गयी। साथ ही कितने सरकारी अधिकारी, कर्मचारी कोरोना से संक्रमित हुए थे।
सीएमएचओ के अनुसार सिंगरौली जिले में कोविड-19 से केवल 15 कर्मचारी संक्रमित हुए हैं और सभी स्वास्थ्य विभाग से जुड़े हैं सीएमएचओ ने जानकारी में यह भी बताया है कि इस संक्रमण से कोई भी अधिकारी,कर्मचारी शहीद नहीं हुए हैं जबकि कोरोना से पहली मौत कोतवाली बैढऩ में पदस्थ सहायक उप निरीक्षक अबू समन मामू, वहीं दूसरी मौत जिला शिक्षा अधिकारी बृजेश मिश्रा, डॉ.अनिल यादव एमओ की मौत हुई थी वहीं कलेक्टर, उनके स्टेनो आशुतोष द्विवेदी, कलेक्ट्रेट में पदस्थ दो भृत्य, कोतवाली टीआई अरूण कुमार पाण्डेय, मोरवा, बैढऩ, नवानगर, बरगवां, गढ़वा, जियावन, सासन पुलिस चौकी, जयंत पुलिस चौकी समेत अन्य थानों को मिलाकर करीब एक सैकड़ा से अधिक पुलिस सेवक कोरोना के चपेट में आ गये थे हालांकि ईलाज के बाद वे स्वस्थ्य भी हुए किन्तु सीएमएचओ ने विधानसभा को गलत जानकारी भेजकर गुमराह करने का प्रयास किया है।
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