सांकेतिक फरसा प्रदर्शन में ज्योति बाबा ने दी चेतावनी

स्वास्थ्य, संतुष्टि और शिक्षा यही है जीवन की परीक्षा -ज्योति बाबा

संजय मौर्य 

कानपुर। वर्षा, प्रकृति व परंपरा के समन्वय से ही जल प्रदूषण संबंधी समस्या के सारे समाधान निहित हैं क्योंकि देश के औसतन कुओं से प्रतिवर्ष 1 मीटर पानी घटता जा रहा है।  लगभग 60% जल स्रोत सूखने के कगार में पहुंच गए हैं।  उपरोक्त बात सोसायटी योग ज्योति इंडिया व उत्तर प्रदेश वैश्य व्यापारी महासभा के संयुक्त तत्वाधान में नशा हटाओ बेटी बचाओ हरियाली लाओ कुपोषण मिटाओ कोरोना भगाओ अभियान के तहत जनचेतना जन जागरूकता हेतु "सांकेतिक फरसा प्रदर्शन" के बाद सरसैया घाट में हुई।  

सभा में अंतरराष्ट्रीय नशा मुक्त अभियान के प्रमुख योग गुरू ज्योति बाबा ने कही, बाबा ने आगे कहा कि भारत के बचपन को नशा व कुपोषण का रोग जकड़ने के साथ प्रदूषण भविष्य के गंभीर रोग दे रहा है क्योंकि इन्हीं कारणों से अक्सर हम बीमार रहते हैं और मोहल्ले के मेडिकल स्टोर से दवा लेकर तात्कालिक रूप से ठीक हो जाते हैं लेकिन यही दवाएं आगे चलकर शरीर में महाविनाश का कारण बन रही है।  बच्चों,किशोरों में तनाव व अवसाद बहुतायत से हो रहा है और त्वरित इलाज के लिए वह नशे का आश्रय लेकर आजीवन के लिए गुलाम बन रहा है। 

स्वस्थ्य भारत के लिए बचपन को नशा, प्रदूषण व कुपोषण से बचाएं -ज्योति बाबा 

प्रदेश अध्यक्ष सत्यप्रकाश गुलहरे ने कहा कि अब हमें बच्चों के सर्वांगीण विकास का माहौल देश के स्वस्थ भविष्य के लिए बनाना ही होगा।  कार्यक्रम संयोजिका डॉ.शाजिया ने कहा की सबसे ज्यादा नशा,प्रदूषण व कुपोषण की मार आधी आबादी को उठानी पड़ रही है। महिलाओं को जागरूक करने हेतु सम्मिलित प्रयास किया जाना समय की मांग है। गौरैया बचाओ के प्रमुख मनीष पांडे ने कहा की प्रदूषण की मार से जब पशु पक्षी खत्म हो रहे हैं तो बारी अब मानव की है। अन्य प्रमुख सहयोगी गणेश गुप्ता देवेंद्र गुप्ता रामसुख यादव राजेंद्र गीता शीला इत्यादि थी।  

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