विवादित चिकित्सक खुद के हो गया भारमुक्त
सीएमएचओ का बहु चर्चित लिपिक चिकित्सक पर है मेहरबान
पारसनाथ प्रजापति
सिंगरौली। जिला चिकित्सालय में पदस्थ विवादित चिकित्सक एक बार फिर से अपनी काली करतूतों के चलते सुर्खियों में आ गया है। चिकित्सक डॉ.यशवंत सिंह ने खुद को सबसे बड़ा अधिकारी मानते हुए चितरंगी के लिए भारमुक्त कर लिया है। जबकि जिला चिकित्सालय से भारमुक्त करने की जबावदेही सिविल सर्जन की है। किन्तु सीएमएचओ दफ्तर में सक्रिय एक दलालरूपी लिपिक ने चिकित्सक पर बड़ा दरियादिली दिखा रहा है। चिकित्सक के इस कारनामों पर लुंज-पुंज, सुस्त सीएमएचओ भी सुर में सुर मिला रहे हैं।
दरअसल विवादित चिकित्सक डॉ.यशवंत सिंह की पहली पदस्थापना सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र चितरंगी में वर्ष 2013-14 में हुई थी। जहां 14 नवम्बर 2017 को तत्कालीन अपर संचालक प्रशासन संचालनालय स्वास्थ्य सेवाएं भोपाल ने बेहतर स्वास्थ्य सुविधा प्रदान किये जाने की दृष्टि से एलएसएएस प्रशिक्षित चिकित्सा अधिकारियों की पदस्थापना की गयी। जिसमें चितरंगी सीएचसी में पदस्थ डॉ.यशवंत सिंह को जिला चिकित्सालय सिंगरौली के लिए नवीन पदस्थापना कर दी गयी। करीब 3 साल तक डॉ.यशवंत सिंह जिला चिकित्सालय आने से परहेज कर टाल मटोल बहानेबाजी करते रहे। अंतत: नवम्बर महीने में उन्हें तत्कालीन सीएमएचओ ने चितरंगी से जिला चिकित्सालय के लिए भारमुक्त कराकर ज्वाइन करा दिया। आरोप है कि डॉ.यशवंत सिंह चितरंगी सीएचसी की मोहमाया उनसे नहीं छूट रही थी। जिला चिकित्सालय में ज्वाइन करने के पूर्व उन्होंने सीएमएचओ के दिशा-निर्देशों को ठेंगे पर पहुंचा दिया था। तत्कालीन सीएमएचओ डॉ.आरपी पटेल के सख्त तेवर के बाद जिला चिकित्सालय में ज्वाइन करने के लिए मजबूर होना पड़ा। इस दौरान वे एक महीने से अधिक समय तक ड्यूटी से ही नदारत थे। जब उन्हें लगा कि अब नौकरी जाने की कगार में है तब एक चर्चित शिल्प सलाहकार चिकित्सक के कहने पर ज्वाइन कर लिया। विवादित चिकित्सक व शिल्प सलाहकार चिकित्सक की बेहतर सांठ-गांठ हैं और दोनों मिलकर एमएलसी में जमकर लूट-खसोट मचा रहे थे। इधर जिला चिकित्सालय में पदस्थ चिकित्सक चितरंगी सीएचसी में फिर से जाने के लिए प्रयासरत था। जहां 1 अपै्रल को अपर संचालक विज्ञप्त संचालनालय स्वास्थ्य सेवाएं भोपाल ने 9 चिकित्सकों का स्थानांतरण निरस्त करते हुए पुराने पदस्थापना स्थानों पर यथावत करने का निर्देश जारी कर दिया और जारी निर्देश में डॉ.यशवंत सिंह चिकित्सा अधिकारी को अमर पाटन जिला सतना के स्थानांतरण का हवाला का जिक्र है इसी आधार पर एनेस्थिसिया प्रशिक्षित चिकित्सक ने कल 9 अपै्रल को मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को पत्र भेजकर संचालनालय स्वास्थ्य सेवाएं भोपाल के पत्र का जिक्र करते हुए सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र चितरंगी में अपनी उपस्थिति देने का सूचना दे दिया है।
हैरानी की बात है कि जब सीएमएचओ व प्रभारी सिविल सर्जन ने चिकित्सक को भारमुक्त नहीं किया तो उसने स्वयं सीएचसी चितरंगी में उपस्थिति कैसे देने का सूचना दे दिया यह अपने आप में सीएमएचओ के लुंज-पुंज व्यवस्था पर खड़ा हो रहा है वहीं चर्चाएं यह भी हैं कि सीएमएचओ दफ्तर में एक बहुचर्चित दलालरूपी लिपिक सीधी में भी सुर्खियां बटोर चुका था उसने गुणा भाग लगाते हुए भोपाल स्वास्थ्य संचालनालय में गलत जानकारी प्रेषित किया है और इसमें चितरंगी की एक चिकित्सक की भी भूमिका संदिग्ध है फिलहाल यही कहा जा रहा है कि सीएमएचओ के लुंज-पुंज व्यवस्था का विवादित चिकित्सक फायदा उठा रहा है। साथ ही यह उनकी नवीन पदस्थापना 2017 में चितरंगी से जिला चिकित्सालय में कर दिया गया तो ऐसे में जिला चिकित्सालय के स्थान पर चितरंगी में फिर से पदस्थापना क्यों बताया जा रहा है। हालांकि इस मामले में सीएमएचओ गोलमाल जबाव दे रहे हैं।
इनका कहना है
स्वास्थ्य संचालनालय के आदेश का पालन करना पड़ेगा। नवीन पदस्थापना कहां थी हमे नहीं पता आगे देखते हैं। अमर पाटन ज्वाइंन किये हैं कि नहीं इसकी जानकारी मुझे नहीं है।
डॉ.एनके जैन
सीएमएचओ,सिंगरौली
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