मेरा दिन गुजरता है?

सुरेंद्र सैनी 

मत पूछो कैसे मेरा दिन गुजरता है

कश्मकश  में  तेरे  बिन गुजरता है

दिन में खुद को उलझाए रखता हूँ

और रात में ये तारे गिन गुजरता है

रहते हो तुम  दिल  और दिमाग़ में

व्यस्तता के बीच लेकिन गुजरता है

तुमसे मिलना मुमकिन नहीं होता

पृथक ये हिस्सा अभिन्न गुजरता है

मोहब्बत में वक़्त से  मज़बूर  हुए

"उड़ता" बिन जल मीन' गुजरता है (मछली)


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