प्राइवेट अल्ट्रा साउण्ड का मनमाना शुल्क

जिला चिकित्सालय में अल्ट्रा साउण्ड जांच के नाम पर कोरमपूर्ति, प्राइवेट महिला चिकित्सक का मरीजों के प्रति कड़क बर्ताव

पारसनाथ प्रजापति 

सिंगरौली। प्राइवेट अल्ट्रा साउण्ड की मनमाना फीस को लेकर अब आवाज उठने लगी है। कई परेशान मरीज व उनके परिजनों ने आवाज को बुलंद करते हुए कलेक्टर व सीएमएचओ से मांग किया है कि प्राइवेट अल्ट्रा साउण्ड के मनमाना शुल्क तय किया जाय। 

ताकि लोगों की जेब ढीली होने से बच सके जिला चिकित्सालय सह ट्रामा सेंटर में अल्ट्रा साउण्ड के स्पेशलिस्ट चिकित्सक नहीं होने से एक प्राइवेट महिला चिकित्सक को अल्ट्रा साउण्ड करने के लिए बुधवार और शनिवार का दिन निर्धारित किया गया है। यह महिला चिकित्सक दो दिन एक-एक घण्टे के लिए जिला चिकित्सालय में समय देती हैं और इनका समय दोपहर 2 बजे से लेकर 3 बजे तक निर्धारित है। इधर यह भी बताया जाता है कि यह समय खुद प्राइवेट महिला चिकित्सक ने तय की है और एक दिन में सिर्फ 20 मरीजों के अलावा 21 मरीज का नाम आते ही रजिस्टर को फेंकने पर आमादा हो जाती हैं। यहां तक कि चिकित्सालय के स्टाफ नर्सों पर भी अपना रौब दिखाने लगती हैं। यह भी फरमान देने लगती हैं कि जब मैं बोली हूॅ कि 20 से ज्यादा मरीज का अल्ट्रा साउण्ड नहीं करूंगी तो क्यों रजिस्टर में इन्ट्री करती हो। 

प्राइवेट महिला चिकित्सक के इस बर्ताव से चिकित्सालय की स्टाफ नर्सों में भी काफी आक्रोश दिखाई दे रहा है। उसकी सबसे बड़ी वजह यह मानी जा रही है कि सुबह 8 बजे से लेकर जिले के ग्रामीण अंचलों से महिलाएं अल्ट्रा साउण्ड कराने जिला चिकित्सालय आती हैं। सुबह से लेकर दोपहर तक इस इंतजार में बैठी रहती हैं कि महिला चिकित्सक आयेंगी और अल्ट्रा साउण्ड होगा। लेकिन जब 20 से ज्यादा नाम आ जाते हैं तो उन मरीजों का नंबर नहीं आता है और उन्हें अगले सप्ताह बुधवार के दिन उन्हें बुलाया जाता है। आरोप है कि ट्रामा सेंटर में अल्ट्रा साउण्ड जांच के नाम पर केवल कोरम पूर्ति करते हुए चिकित्सक मैडम अपना मानदेय फिक्स कर ले रही हैं। ऐसे में थकहार के परेशान गरीब मजदूर उधार, बाढ़ कर्जा लेकर प्राइवेट अल्ट्रासाउण्ड चिकित्सकों के यहां जाने के लिए मजबूर हो जाते हैं। जहां प्राइवेट अल्ट्रा साउण्ड के संचालकों द्वारा 600 से 800 रूपये  तक फीस वसूल लिया जाता है। अब मांग उठने लगी है कि जब तक जिला चिकित्सालय में स्थायी स्पेशलिस्ट उल्ट्रा साउण्ड के चिकित्सक की पदस्थापना नहीं हो जाती तब तक प्राइवेट क्लीनिकों में अल्ट्रा साउण्ड का शुल्क निर्धारित किये जाने के लिए कलेक्टर एवं सीएमएचओ को हस्तक्षेप करने की जरूरत है। 

क्लीनिकों में अल्ट्रा साउण्ड का शुल्क 800 रू . प्रदेश के बड़े महानगरों में अल्ट्रा साउण्ड का शुल्क सिंगरौली के तुलना में आधा वसूला जाता है। किन्तु सिंगरौली के बैढऩ, विन्ध्यनगर, जयंत में अल्ट्रा साउण्ड कराने वाले मरीजों को 600 रू.से 800 रूपये तक शुल्क अदा करना पड़ता है। 200 रूपये उस मरीज को राहत मिलती है जिसने दूसरे डॉक्टर को अपने मर्ज के बारे में पूर्व से दिखाया रहता है। यदि उसी क्लीनिक में जहां अल्ट्रा साउण्ड कराना होता है यदि उस चिकित्सक से जांच कराया तब उसे 800 रूपये जांच व अल्ट्रा साउण्ड के नाम में भुगतान करना पड़ता है। 

कोरोना काल आरंभ होने के पहले बैढऩ इलाके में अल्ट्रा साउण्ड का शुल्क सिर्फ 4 सौ से 5 सौ रूपये था।  किन्तु कोरोना काल के दौरान क्लीनिकों के चिकित्सक व संचालकों ने मनमाना शुल्क बढ़ाते हुए मरीजों से औने-पौने दाम वसूलते हुए रोजाना लाखों की कमाई करते हैं। 

इनका कहना है 

यह समस्या जिला चिकित्सालय में जरूर है। स्थायी चिकित्सक की पदस्थापना के लिए प्रयास किये जा रहे हैं और क्लीनिकों में शुल्क निर्धारित किये जाने पर विचार शीघ्र किया जायेगा। -राजीव रंजन मीना, कलेक्टर, सिंगरौली। 

प्राइवेट चिकित्सक होने की वजह से उन पर दबाव नहीं बन पा रहा है। सरकारी चिकित्सक के लिए पत्राचार किया गया है। रही बात प्राइवेट अल्ट्रा साउण्ड करने वाले क्लीनिकों की तो एक कमेटी बैठाकर उनके लिए निर्णय लिया जायेगा। -डॉ.एनके जैन, सीएमएचओ, सिंगरौली। 

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