सिर पर छत का वर्षों पुराना सपना अब हो रहा साकार

वशिष्ठ मौर्य  

देवरिया। जिले के उत्‍‍‍‍तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने बुधवार को कहा कि जरूरतमंदों के सिर पर छत का जो सपना आजादी के 60-65 साल बाद भी पूरा नहीं हो सका था अब जाकर साकार हो रहा है। राज्यपाल, देवरिया की पुलिस लाइन स्थित प्रेक्षागृह में विभागीय और स्टेक होल्डर बैठक को संबोधित कर रही थीं। राज्यपाल ने कहा कि एक आदमी का सपना होता है कि उसके सिर पर छत हो। वह अपनी पूरी कमाई इसमें लगा देता है। गरीबों के इस दर्द को प्रधानमंत्री बखूबी समझते हैं। 

सरकार सिर्फ सिर पर छत ही नहीं दे रही है बल्कि उज्ज्वला योजना के तहत रसोई गैस भी दे रही है। घरों में बिजली कनेक्शन के साथ ही शौचालय भी बन रहे हैं। सही मायने में यह एक सामाजिक बदलाव है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार की मंशा है कि गरीब आगे बढ़ें और ऊपर वाले उनकी मदद करें। इसके लिए तमाम योजनाएं चल रही हैं। अब अधिकारियों की जिम्मेदारी है कि वह फीडबैक लेकर यह सुनिश्चित करें कि योजना का लाभ सही व्यक्ति तक पहुंच रहा है। उन्होंने उप्र में क्षय रोगियों की संख्या अधिक होने पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि देश के 20 फीसदी क्षयरोगी यहां हैं। 

अधिकारी सर्वे कराकर चिन्हित लोगों को गोद लें तभी देश 2025 तक क्षयरोग से मुक्ति पा सकेगा। 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुना करने की चर्चा करते हुए कहा कि इसके लिए खेती के साथ ही पशुपालन पर जोर देना होगा। उन्होंने कहा कि भारत का किसान समझ रहा है कि लागत कम करके ही आय बढ़ाई जा सकती है। हमें कृषि क्षेत्र में नवाचार करना है। कमेकिल से उत्पादन तो बढ़ा पर बीमारियां बढ़ गईं। 

अब हम फर्टीलाइजर का उपयोग कम करें। पशुओं के गोबर से बनी खाद का उपयोग करेंगे तो खेतों की उर्बरा शक्ति भी बरकरार रहेगी और बीमारी भी खत्म होगी। इस क्रम में उन्होंने काण्ट्रैक्ट खेती की सराहना की। उन्होंने कहा कि भारत को समृद्व बनाना है तो किसान को समृद्ध बनाना होगा।

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