साहित्य और साहित्यिक गतिविधियों का नि:शुल्क प्रचार-प्रसार

कवि, कविता और काव्य मंचों के उत्थान में नि:स्वार्थ प्रयासरत शहर के युवा कवि जितेन्द्र शिवहरे

मनोज मौर्य 

इंदौर। शहर में प्रतिदिन कितनी ही साहित्यिक गतिविधियां होती है जिसमें असंख्य रचनाकार उपस्थित होकर रचना पाठ करते है। किन्तु ऐसे कितने ही नवांकुर और वरिष्ठ कलमकार है जो साहित्यिक गतिविधियों की अज्ञानता के कारण अपनी काव्य प्रतिभा का प्रदर्शन नहीं कर पा रहे है। इस समस्या को शहर के युवा कवि जितेन्द्र शिवहरे ने समझा। क्योंकी वे स्वयं भी इस पीपासा से गुजर चूके थे। 

आपने साहित्य और साहित्यिक गतिविधियों का नि:शुल्क  प्रचार-प्रसार आरंभ किया। सैकड़ो कवियों को शहर की अलग-अलग काव्यगोष्ठीयों में पहूंचाया। ओपन माइक जैसे इवेंट में युवाओं की पहूंच सरल बनाने के विभिन्न प्रयास किये। इंदौर की साहित्यिक संस्थाओं के स्वतंत्र प्रतिनिधि बनकर निस्वार्थ काव्य अनुष्ठान में सहभागी बने और अधिक से अधिक रचनाकारो को संस्थाओं में जोड़ते गये। इंदौर के वरिष्ठ श़ायर अनुप सहर बताते है- "जितेन्द्र ने मुझे अखंड सनडे, शाम-ए-अवध, श्री काव्य सागर सहित अनेक साहित्यिक संस्थाओं से न केवल जोड़ा अपितु मुझे अन्य सभी साहित्यिक गतिविधियों की जानकारी नियमित रूप से फोन पर देते रहे। जिसके चलते मैं अपनी सुविधा अनुसार काव्य आयोजनों में सम्मिलित होकर काव्यपाठ करता आ रहा हूं। वरिष्ठ गीतकार और पूर्व अवर सचिव (म.प्र. शासन) के सी दूबे जी कहते है- 

"युवा कवि जितेन्द्र शिवहरे की काव्य प्रतिभा से अविभूत हूं। श्री शिवहरे स्वयं अच्छे कवि और गीतकार होकर अन्य गुमनाम कवि-श़ायरों को प्रसिद्धि दिलाने में नि:स्वार्थ भाव से लगे है।" कवियों का साक्षात्कार लेकर स्वयं प्रकाशित योग्य बनाकर शहर के विभिन्न अखबारों में प्रकाशनार्थ प्रेषित करने वाले जितेन्द्र शिवहरे दर्जन भर से अधिक कवियों के साक्षात्कार मय फोटो शहर के लोकप्रिय और प्रतिष्ठित अख़बारों में प्रकाशित करवाने में सफलता प्राप्त कर चूके है। 

जितेन्द्र इस विषय पर कहते है- "जब कवि अपना साक्षात्कार अख़बार में पढ़कर प्रफुल्लित होता है तब उस पल का अनुभव शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता है।" आपके स्व-प्रयासों से गौरव साक्षी, हिमांशु भावसार हिंद, संदिप सांदिपनि, महेन्द्र पंवार, राहुल बजरंगी, अक्षत व्यास, पीरूलाल कुंभकार, अमित चौहान अभ्यंकर, श्रुति मुखियां, पूनम आदित्य, लव कुमार यादव आदि कवियों का साक्षात्कार प्रतिष्ठित अखब़ारों में प्रकाशित हो चुका है। इस प्रयास से उत्साहित दर्जन भर से अधिक कवि-श़ायरों के साक्षात्कार आपके पास पेंडिग है जिन्हें रचनाकारों ने आग्रह के साथ आपके पास पहूंचाया है। आप समय और नियमानुसार उक्त साक्षात्कार प्रकाशनार्थ भेजते रहते है। 

कलमकार सेलिब्रेटी से कम नहीं 

जितेन्द्र शिवहरे बकायदा कवि-लेखकों से एक घोषणा-पत्र भरवाते है जिसमें  साक्षात्कार नि:शुल्क प्रकाशित करवाने संबंधी प्रमाण का लेन-देन किया जाता है। आपने आकाशवाणी इंदौर में न केवल स्वयं रचनापाठ किया अपितु अपने स्व-प्रयासों से अलका जैन, विनिता चौहान, पायल परदेशी, पूनम आदित्य आदि शहर की श्रेष्ठ कवियत्रीयों को भी काव्यपाठ करने का सु-अवसर उपलब्ध करवाया। भोपाल दूरदर्शन में पहली बार आप अकेले गये और वहां से लौटकर शहर के रचनाकारों को अपने टीवी के अनुभव बांटे। आपने कवियों को विशेष तैयारियों संबंधित आवश्यक बातों को विस्तार से समझाया। फलतः अलका जैन, पवित्रा पंवार, महेन्द्र जैन इत्यादि अनेक स्थानीय कलमकार प्रोत्साहन पाकर भोपाल दूरदर्शन के काव्यांजली कार्यक्रम में काव्यपाठ कर किर्तिमान स्थापित कर चूके है। सीहोर के वरिष्ठ हास्य कवि आचार्य दिनेश भोपाली और ओज के सशक्त हस्ताक्षर राहुल बजरंगी आपकी काव्य प्रतिभा का लौहा मानते है। 

जितेन्द्र शिवहरे जुगनू कहते कहते है कि कलमकार सेलिब्रेटी से कम नहीं है क्योंकि यह कवि और लेखक की कलम का ही कमाल है जिसके बलबूते पर फिल्मों के नायक और नायिका प्रसिद्ध होते है। अतः गुमनाम रचनाकारों के साथ वरिष्ठ साहित्यकार एवं नवोदित कवि-श़ायरों को भी पर्याप्त मान-सम्मान और प्रसिद्धी मिले, इस हेतु मैं समस्त साहित्यिक गतिविधियों को अधिक से अधिक कवि-श़ायरों तक पहूचाना चाहता हूं ताकि वे अपने घर से बाहर निकलकर अपना और साहित्य का नाम पूरी दुनियां रोशन कर सके।

साहित्य समाज में ऐसे उदाहरण कम ही देखने को मिलते है जहां कोई स्ट्रगलर कवि अपने साथ-साथ अन्य नवांकुर कवियों को भी प्रसिद्धी दिलाने में पुरे मनोयोग से लगा है। पर-हितैषी कवि जितेन्द्र शिवहरे जुगनू के परमार्थ साहित्यिक कार्य की पूनित भावना प्रणम्य है।

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